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Thursday, June 24, 2021

एलटी ग्रेड : एक मामला सुलझा तो दूसरे विवाद में फंस गई नियुक्ति, शैक्षिक अर्हता का विवाद सुलझने के बाद अब आवेदन तिथि को लेकर फंसा पेच

एक मामला सुलझा तो दूसरे विवाद में फंस गई नियुक्ति

एलटी ग्रेड कला विषय के चयनितों की फाइलें यूपीपीएससी में ही अटकीं
शैक्षिक अर्हता का विवाद सुलझने के बाद अब आवेदन तिथि को लेकर फंसा पेच


एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत कला विषय में चयनित अभ्यर्थियों की शैक्षिक अर्हता का विवाद तो सुलझ गया, लेकिन उनकी फाइलें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में ही अटकी हुईं हैं। दरअसल, इन्हीं में से कुछ अभ्यर्थियों की आवेदन तिथि की अर्हता का विवाद बना हुआ है और इसी वजह से सभी की फाइलें रुकी हुईं हैं। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि चयनितों की फाइल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को शीघ्र भेजी जाएं, ताकि बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिल सकी।

एलटी ग्रेड कला के अभ्यर्थियाें के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारित की गई थी कि उनके पास बीएफए के साथ बीएड की डिग्री होनी चाहिए। तमाम अभ्यर्थियों के पास बीएड की डिग्री नहीं थी, लेकिन उन्होंने फार्म भर दिए और इनमें से तकरीबन 97 अभ्यर्थियों को चयन हो गया। आयोग ने अर्हता पूरी करने वाले 138 अभ्यर्थियों की फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दीं और उन्हें नियुक्ति भी मिल गई, लेकिन जिनके पास बीएड की डिग्री नहीं थी, उनकी फाइलें रोक दी गईं। आयोग ने इस पर एनसीटीई से दिशा-निर्देश मांगे थे। एनसीटीई ने जवाब में कहा कि बीएफए की डिग्री चार वर्ष की होती है और डिग्रीधारकों को प्रशिक्षित स्नातक माना जाता है। ऐसे अभ्यर्थियों के पास अगर बीएड की डिग्री नहीं है तो भी उन्हें शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह माना जाना चाहिए।

सूत्रों का कहना कि इस जवाब के बाद आयोग ने इन्हें अर्ह तो मान लिया, लेकिन इनमें से 17 अभ्यर्थियों की आवेदन तिथि से संबंधित अर्हता का विवाद बाकी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की राह में रोड़ा बन गया। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए वर्ष 2018 में 15 मार्च से 16 अप्रैल तक आवेदन लिए गए थे और बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर चार से 16 जून तक आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। इन 17 अभ्यर्थियों ने अतिरिक्त समय में आवेदन किए। अब तय होना है कि इन्हें अर्ह माना जाए या नहीं। इसी वजह से अन्य अभ्यर्थियों की फाइलें भी फंसी हुई हैं। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि आयोग ने बीएफए नॉन बीएड वालों को अर्ह मान लिया है तो आयोग को उनकी नियुक्ति की संस्तुति भी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज देनी चाहिए।

हिंदी में भी आवेदन तिथि की अर्हता का विवाद
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत हिंदी विषय में भी आवेदन तिथि की अर्हता से संबंधित विवाद के कारण 100 से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंसी हुई है। आयोग ने हिंदी विषय के लिए इंटर में संस्कृत, हिंदी से बीए एवं बीएड की अर्हता निर्धारित की थी। तमाम अभ्यर्थियों के पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था। उन्होंने एकल विषय संस्कृत से यूपी बोर्ड की परीक्षा दी और 29 अप्रैल 2018 को इसका रिजल्ट जारी हुआ, जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल थी। नियमत: आवेदन की अंतिम तिथि तक अर्हता पूरी होनी चाहिए। बाद में चार से 16 जून तक आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया गया, जिसमें एकल विषय संस्कृत से बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों ने भी आवेदन किए। इनमें 100 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन भी हो गया। आवेदन की अंतिम तिथि के विवाद के कारण अब तय नहीं हो पा रहा कि इन्हें अर्ह माना जाए या या नहीं।

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