तीन साल में 13 करोड़ खर्च कर 10671 का किया चयन
प्रयागराज : प्रदेशभर के 4500 से अधिक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के चयन की जिम्मेदारी उठाने वाला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड तीन साल में 13 करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर 10,671 अभ्यर्थियों का चयन कर सका है। हालांकि सवा साल में कोरोना संक्रमण के चलते चयन बोर्ड की गतिविधियां खासी प्रभावित हुईं।
वर्तमान चयन बोर्ड का गठन 9 अप्रैल 2018 को हुआ था। अध्यक्ष वीरेश कुमार की अगुवाई में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) 2016 के नए और पूर्व के लंबित कुल 8410 पद, प्रवक्ता (पीजीटी) 2016 व पूर्व के 1756 जबकि संस्था प्रधान के 505 पद यानी कुल 10671 पदों पर नियुक्ति देने की कार्रवाई की गई। चयन बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य समेत अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन, बिजली, टेलीफोन, कम्प्यूटर आदि मिलाकर प्रति माह औसतन 35 से 40 लाख रुपये खर्च होता है।
यदि प्रति माह खर्च 35 लाख रुपये भी मान लें तो तीन साल दो महीने या कुल 38 महीने में 13 करोड़ से अधिक खर्च होता है। इस हिसाब से एक बेरोजगार को नौकरी देने में सरकार को चयन बोर्ड के माध्यम से 12 हजार रुपये से अधिक खर्च करने पड़े।
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