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Friday, June 4, 2021

UPPSC : राष्ट्रपति तक पहुंचा अभियोजन स्वीकृति न देने का मामला, भर्तियों में धांधली के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर प्रतियोगियों ने लिखा पत्र।

UPPSC : राष्ट्रपति तक पहुंचा अभियोजन स्वीकृति न देने का मामला, भर्तियों में धांधली के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर प्रतियोगियों ने लिखा पत्र।

कहा, साढ़े चार साल से चल रही हैं जांच, अब तक एक दोषी के खिलाफ भी नहीं हुई कार्रवाई



सीबीआई ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले में कुछ लोक सेवकों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन चार माह बाद भी अनुमति नहीं मिली। इस मामले में प्रतियोगी छात्रों ने राष्ट्रपति और सीबीआई के नए निदेशक को पत्र लिखा है। प्रतियोगियों ने मांग की है कि सीबीआई को कार्रवाई की अनुमति दी जाए।

सीबीआई जनवरी 2017 से आयोग की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही है। साढ़े चार साल के लंबे अंतराल के दौरान किसी के खिलाफ कोई सीधी कार्रवाई नहीं की गई। भर्ती परीक्षाओं में धांधली से जुड़े अहम सुराग मिलने के बाद सीबीआई ने दिसंबर 2020 में शासन को पत्र भेजकर आयोग के कुछ वर्तमान एवं पूर्व कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, लेकिन यह पत्र शासन में ही अटका हुआ है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है कि सीबीआई 599 परीक्षाओं की जांच कर रही है, जिसमें तकरीबन 40 हजार संदिग्धों की जांच शामिल है। 

तकरीबन 10 हजार शिकायतकर्ताओं ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के साक्ष्य सौंपे हैं। जांच में विलंब होने से शिकायतकर्ताओं की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। नियमत: सीबीआई के पत्र पर अधिकतम चार माह में अभियोजन की स्वीकृति मिल जानी चाहिए थी, लेकिन इससे अधिक समय बीत चुका है। अवनीश ने सीबीआई के नए निदेशक को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है। साथ ही आग्रह किया है कि सीबीआई टीम को अविलंब अनुमति अविलंब प्रदान करें।

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