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Friday, September 3, 2021

UPPSC : एपीएस के पुनर्विज्ञापन को लेकर अभ्यर्थियों में उहापोह

UPPSC : एपीएस के पुनर्विज्ञापन को लेकर अभ्यर्थियों में उहापोह

आयोग ने 23 अगस्त 2021 को एपीएस-2013 की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया था। इस परीक्षा के तहत एपीएस के 176 पदों पर भर्ती होनी है। नियमों का उल्लंघन कर विज्ञापन जारी किए जाने पर आयोग ने एपीएस भर्ती की दो चरणों की परीक्षा निरस्त कर दी थी।


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2013 की परीक्षा तो निरस्त कर दी, लेकिन इसका पुनर्विज्ञापन जारी होने में अब देर हो रही है। परीक्षा निरस्त होने के बाद आयोग की ओर से कहा गया था कि पुनर्विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया छह माह में पूरी करा दी जाएगी, लेकिन अभ्यर्थियों को आशंका है कि मामला कहीं शासन में ही अटका रह गया हो तो परीक्षा के लिए लंबा इंतजार करना होगा। तीन चरणों की परीक्षा के तहत यह भर्ती पूरी होनी है।

आयोग ने 23 अगस्त 2021 को एपीएस-2013 की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया था। इस परीक्षा के तहत एपीएस के 176 पदों पर भर्ती होनी है। नियमों का उल्लंघन कर विज्ञापन जारी किए जाने पर आयोग ने एपीएस भर्ती की दो चरणों की परीक्षा निरस्त कर दी थी। आयोग की ओर से कहा गया था कि जल्द ही पुनर्विज्ञापन जारी कर छह माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। आयोग ने एपीएस भर्ती के जिस विज्ञापन को निरस्त किया था, वह वर्ष 2013 में जारी किया गया था। आठ साल तक परीक्षा पूरी होने का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को आशंका है कि विवाद के कारण कहीं पुनर्विज्ञापन फंस न जाए।


आयोग ने यह तो स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्विज्ञापन जारी होने के बावजूद अभ्यर्थियों के पुराने आवेदन ही मान्य होंगे और उन्हें नए सिरे से आवेदन नहीं करने होंगे, लेकिन अभ्यर्थियों में इस बात को लेकर उहापोह है कि पुनर्विज्ञापन में किस तरह के संशोधन किए जाएंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने एपीएस भर्ती परीक्षा के पाठ्यक्रम संशोधन का प्रस्ताव साल भर पहले शासन को भेजा था, जिसे अभी मंजूरी नहीं मिली है। अगर पुनर्विज्ञापन के मामले में भी यही हुआ तो अभ्यर्थियों को लंबे समय तक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना पड़ सकता है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट की जाए और पुनर्विज्ञापन शीघ्र जारी करे।

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