मेडिकल कॉलेजों में होंगी 9600 भर्तियां, प्रदेश में हर साल तैयार होंगे 1600 नए डॉक्टर
● करीब छह हजार बेडों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़ेगी।
राज्य मुख्यालय : वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज के तहत राज्य सरकार ने 16 असेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह वो जिले हैं, जहां फिलहाल कोई सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत बनने वाले इन कॉलेजों के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की मानें तो इन मेडिकल कॉलेजों के लिए साढ़े नौ हजार से अधिक सीधी भर्तियां होंगी जबकि हर साल 1600 नए डॉक्टर भी तैयार होंगे।
नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र को चार विकल्प दे रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के अनुसार नए मेडिकल कॉलेजों के बनने से पांच से छह हजार बेड की संख्या प्रदेश के अस्पतालों में बढ़ जाएगी।
इन कॉलेजों के लिए 9600 पदों पर सीधी भर्ती होगी। पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र सरकार के नियमों के तहत दो मॉडल हैं। पहले मॉडल के तहत तीन मोड क्रमश: ए, बी और सी रखे गए हैं।
इसमें एक मोड को सर्वाधिक वरीयता दी जाएगी। इसके तहत मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन और अस्पताल दोनों निजी क्षेत्र के ही हों। सरकार इसमें नीति के अनुसार वित्तीय और गैर वित्तीय सहायता देगी।
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