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Friday, September 17, 2021

लखनऊ : फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति व साल्वर गिरोह का एसटीएफ ने किया खुलासा, तीन गिरफ्तार

लखनऊ : फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति व साल्वर गिरोह का एसटीएफ ने किया खुलासा, तीन गिरफ्तार 

हरदोई में 9, इटावा में 10, अमेठी में 5, गोंडा में एक, बलरामपुर में एक, औरैया में एक, जालौन में 9, श्रावस्ती में 8, सीतापुर, हाथरस और प्रयागराज जैसे जिलों में 100 से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराई।


खुद फर्जी तरीके से शिक्षक बना। इसके बाद फर्जी डिग्री पर शिक्षक बनाने की पाठशाला शुरू कर दी। गिरोह का मास्टर माइंड शिकोहाबाद में तैनात शिक्षक है। उसने सैकड़ों लोगों की फर्जी डिग्री पर नौकरी दिलाई। जब परीक्षा लेने वाली संस्थाओं ने सख्ती शुरू की तो जालसाजी का दूसरा अध्याय शुरू कर दिया। उसने टीजीटी, पीजीटी व टीईटी की परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के प्रोडक्शन मैनेजर से सांठ-गांठ कर लिया। फिर कई लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी दिलानी शुरू कर दी। इस गिरोह का पर्दाफाश शुक्रवार को एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला की टीम ने किया। गिरोह के मास्टर माइंड सहित तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से कई फर्जी डिग्री, अहम दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला की टीम ने शुक्रवार सुबह विभूतिखंड थानाक्षेत्र के पिकप भवन तिराहे के पास से एक जालसाज गिरोह को दबोचा। गिरोह फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने, टीजीटी, पीजीटी व टीईटी परीक्षा में पास कराने का ठेका लेता था। इसके बदले में लाखो रुपये की वसूली की जाती थी। एसटीएफ गिरफ्त में आया गिरोह का मास्टर माइंड फिरोजाबाद के शिकोहाबाद के भांडरी निवासी राम निवास उर्फ राम भईया है। वह खुद जूनियर हाईस्कूल में फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त है।

इसके अलावा बिहार के गया स्थित चितरंजनपुर का संजय सिंह जो डाटा साफ्ट कंप्यूटर सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी का प्रोडक्शन मैनेजर  और आगरा के सिकंदरा का रविन्द्र कुमार उर्फ  रवि शामिल है। रवि वर्तमान में देवरिया के भाटपाररानी में रहता है। वह फर्जी तरीके शिक्षक के रुप में बनकटा में तैनात है। एसटीएफ के मुताबिक तीनों आरोपी शिक्षकों की नियुक्ति व साल्वर गिरोह, परीक्षाकेंद्र का मैनेजमेंट व प्रतियोगी परीक्षाओं का परिणाम तैयार करने वाली कंपनी से सांठ-गांठ कर टीजीटी व पीजीटी व टीईटी के माध्यम से भर्ती कराने का काम करते हैं। उनके इस काम में प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के कुछ कर्मचारियों द्वारा मदद की जाती है।

एसटीएफ ने यह सामान किया बरामद
एसटीएफ की टीम ने आरोपियों के पास से 8 मोबाइल,4 चैक बुक, 4 बियरर चेक, 4 डेबिट कार्ड, एक बिजनेस कार्ड, 3 क्रेडिट कार्ड, 3 आधार कार्ड, एक इनकम टैक्स कार्ड, 5 वोटर आई0डी0 कार्ड, 7 पेन ड्राइव, 2 ड्राइवरिंग लाइसेन्स, 1 पैन कार्ड, 2 पहचान पत्र, 3 मोहर, 25 पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ , 7 परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से सम्बन्धित प्राईमरी अध्यापक का सत्यापन फार्म, 34 अभ्यर्थियों की सूची जो राम निवास द्वारा हस्तलिखित व टाइपसुदा टी0जी0टी0 परीक्षा की, टी0जी0टी0 परीक्षा से सम्बन्धित 26 कन्डीडेट की टाइप सूची, तीन हिसाब किताब की डायरी,  खण्ड शिक्षाधिकारी द्वारा जारी कारण बताओं नोटिस की मूल प्रति , एक सैलरी स्लिप संजय कुमार, 13  एडमिट कार्ड मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार, एक बिहार लोकसेवा आयोग उत्तर पुस्तिका, एनईटी 2021 का 8 आवेदन पत्र , एक  ई-स्टैम्प कीमत 50 रूपया का, 7 अंकपत्र मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार से जारी, 5 मगध यूनिवर्सिटी परीक्षा फार्म भरा हुआ, 3 आधार फार्म भरे हुए विभिन्न व्यक्तियों के, एक परीक्षा नियंत्रक प्रार्थना-पत्र बोधगया यूनिवर्सिटी अभ्यर्थी माला कुमारी का, 13 मार्कशीट स्टेटमेंट  मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार , 12 मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार मार्कशीट स्टेटमेन्ट की छायाप्रति, 6 मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार बीएड द्वितीय वर्ष प्राप्तांक स्टेटमेन्ट, 4 मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार बीएड प्रवेश परीक्षा प्रवेश पत्र की छायाप्रति, 6  बीएससी-2019 प्रथम वर्ष लाइनिंग कागज पर लिखे हुए विभिन्न रोल नम्बर, 2 छत्तीसगढ़ स्टेट ओपन स्कूल इग्जाम जून 2021, रोल लिस्ट विथ फोटो, 7 बोर्ड ऑफ हाईस्कूल एण्ड इण्टरमिडिएट एजूकेशन यू0पी0 प्रयागराज अटेन्डेन्स चार्ट हाई स्कूल इग्जाम 2021 मय फोटो, 1 जोड़ी इयर बड (ब्लूटूथ) इलेक्ट्रानिक डिवाइस, 1 मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार एलएलबी परीक्षा प्रवेश पत्र की मूलप्रति, 2 मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार बीए प्रथम वर्ष कालेज कोड व सेन्टर की छायाप्रति, 2,50,000 रुपये नकद और 19 लाख रुपये खाते में फ्रीज करा दिया गया।

6 साल से चल रहा फर्जी शिक्षक भर्ती का खेल
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक यह गिरोह 6 साल से सक्रिय है। 2016 में हुए 15000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में गिरोह के मास्टर माइंड व सरगना रामनिवास ने 15 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराई थी। प्रति अभ्यर्थी उसने 6 लाख रुपये की दर से 90 लाख रुपये वसूले थे। सभी अभ्यर्थियों की तैनाती देवरिया जिले में कराई थी। सभी की ज्वाइनिंग भी हुई। लेकिन कुछ महीने बाद फर्जी रुप से नियुक्ति बताकर निकाल दिया गया था। सभी ने रामनिवास पर रुपये वापस करने का दबाव बनाया। इसके बाद राम निवास ने 2017 के 68500 और 2018 के 69000 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की भर्ती मे खेल करना शुरू किया। इन दोनों सालों में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया से संबंधित सभी जानकारी बेवसाइट पर उपलब्ध थी। जिसे कोई भी देख सकता था। वेबसाइट पर कई अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका 2017 व 2018 में दोनों में चयन हो गया। एक चयन प्रक्रिया में उन्होंने ज्वाइनिंग कर ली। दूसरी में पद रिक्त रह गया। रिक्त पदों के संबंध में पूरी जानकारी हासिल की। इसके बाद फर्जी वाड़ा करना शुरू कर दिया।

खाली पदों पर तैयार किया फर्जी दस्तावेज
एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक रामनिवास काफी शातिर है। उसने 2017 व 2018 की भर्ती में खाली शिक्षकों के पदों की पूरी जानकारी हासिल की। इसके बाद सभी अभ्यर्थियों के नाम, पता, मार्कशीट सहित सभी जरूरी दस्तावेज इंटरनेट से डाउनलोड कर लिया। इन सभी का प्रिंट निकालकर सभी के नाम व पते का फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड, वोटर आईडी, शैक्षिक दस्तावेज अपने एक साथी नीरज के जरिए शिकोहाबाद में तहसील तिराहे पर शिवम फोटो की दुकान के मालिक छोटू की मदद से तैयार किये। इन सभी फर्जी दस्तावेजों पर अपने कैंडिडेट की फोटो चस्पा की। इसके बाद भर्ती कराने के लिए जुट गया।

कई जिलों में 100 से अधिक नियुक्ति कराई
एसटीएफ के मुताबिक राम निवास ने इन फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने के बाद सहयोगी रवींद्र कुमार की मदद ली। इसके जरिए उसने हरदोई में 9, इटावा में 10, अमेठी में 5, गोंडा में एक, बलरामपुर में एक, औरैया में एक, जालौन में 9, श्रावस्ती में 8, सीतापुर, हाथरस और प्रयागराज जैसे जिलों में 100 से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराई। इन फर्जी शिक्षकों की तैनाती कराने के बदले में उसने करोड़ों रुपये वसूले। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर इनका सत्यापन परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने शुरू करा दी। सत्यापन के नाम पर भी रामनिवास ने काफी रूपये वसूले। इस काम में परीक्षा नियामक आयोग कार्यालय का लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया ने इसकी खूब मदद की। इसके बदले में प्रति कैंडिडेट 50 हजार रुपये नीरज ने वसूले।

परीक्षा काराने वाली कंपनी से किया सांठ-गांठ, कईयों को कराया पास
प्रदेश सरकार ने टीजीटी, पीजीटी और टीईटी की परीक्षा निजी संस्थानों के माध्यम से आयोजन शुरू कराया। इसकी जानकारी होने पर रामनिवास ने आयोजन कराने वाली संस्थान से सीधे संपर्क करने लगा। अपने साथी नीरज की मदद से कई परीक्षा केंद्रों पर साल्वर बैठाए। इसके बाद 20221 में आयोजित परीक्षा में आंसर-की व साल्वरों के जरिए काम नहीं करा सका। इसके बाद रामनिवास व रवींद्र ने डाटा साफ्ट कंप्यूटर सर्विसेज प्रा. लि. दिल्ली के मैनेजर संजय सिंह से संपर्क किया। परीक्षाओं का परिणाम तैयार करने वाली कंपवनी के लोगों के संबंध है। संजय ने ओएमआर शीट खाली व भरी देने के बाद भी पास कराने की गारंटी ले लिया। रामनिवास ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संजय को टीजीटी के 34 कैंडिडेट की सूची भेजी। जिसमें 26 की कराने में सहमति बनी। इसके लिए प्रति कैंडिडेट 7 लाख रुपये वसूले गये। पांच लाख रुपये एडवांस में लिया गया। परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी इंफोलिंक के अधिकारी से मुलाकात कराने के लिए संजय ने लखनऊ में मीटिंग तय की थी। इसी के लिए वह लखनऊ पहुंचे थे। लेकिन एसटीएफ ने दबोच लिया। उनके खिलाफ विभ्ूातिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर शाम को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। 

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