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Tuesday, September 28, 2021

विवादों में एपीएस की दो भर्तियां तीसरी का अब तक पता नहीं, 2010 की नियुक्ति में धांधली की सीबीआई कर रही जांच

विवादों में एपीएस की दो भर्तियां तीसरी का अब तक पता नहीं, 2010 की नियुक्ति में धांधली की सीबीआई कर रही जांच

प्रयागराज : अपर निजी सचिव भर्ती की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्रों का भविष्य अधर में है। एक तरफ एपीएस 2010 और 2013 की दो भर्तियां विवाद में फंसी है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग नई भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं कर पा रहा। इससे सर्वाधिक प्रभावित प्रतियोगी छात्र हैं।


सूत्रों के अनुसार लोक सेवा आयोग को बहुत पहले एपीएस के 250 पदों का अधियाचन मिल चुका है। आयोग ने पाठ्यक्रम संशोधन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। आठ साल से नई भर्ती नहीं आने के कारण अभ्यर्थी ओवरएज हो जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर उमेश पांडेय को ही लें। एपीएस की नई भर्ती शुरू करने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे उमेश 5 अक्तूबर को 40 साल के हो जाएंगे। चूंकि इस भर्ती के लिए 21 से 40 साल के अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं। इसलिए उमेश भर्ती की रेस से बाहर हो जाएंगे।

आयोग की गलती का खामियाजा भुगत रहे बेरोजगार

प्रयागराज : एपीएस भर्ती में आयोग की गलती का खामियाजा प्रतियोगी छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। 2010 भर्ती में मनमाने तरीके से चयन के मानक बदलने, समय सीमा बीतने के बावजूद कुछ अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन और प्रमाणपत्र स्वीकार और कुछ सफल अभ्यर्थियों के फर्जी कम्प्यूटर प्रमाणपत्र स्वीकार करने जैसी गंभीर धांधली में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद आयोग ने 2013 की चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों रोक लगा दी। कुल मिलाकर एक के बाद एक आयोग की गलती का खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं।

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