Searching...
Friday, September 17, 2021

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्रधानाचार्य भर्ती का मामला : अभ्यर्थियों ने दाखिल की एसएलपी, आयोग को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्रधानाचार्य भर्ती का मामला : अभ्यर्थियों ने दाखिल की एसएलपी, आयोग को नोटिस जारी

यूपीएसएससी की ओर से जारी  रिजल्ट संशोधन से संतुष्ट नहीं अभ्यर्थी। गड़बड़ी का लगा रहे हैं आरोप। 


पीसीएस-2018 के तहत प्रधानाचार्य के पदों पर भर्ती से जुड़ा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रधानाचार्य के पदों का भर्ती परिणाम संशोधित तो किया लेकिन अभ्यर्थी इससे संतुष्ट नहीं थे और अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए आयोग को नोटिस जारी किया है।

अभ्यर्थियों की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि प्रधानाचार्य के पदों पर चयनितों में से कई के अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी या गलत हैं। अभ्यर्थियों ने रिजल्ट संशोधन की मांग की थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 19 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को परिणाम संशोधित करने के आदेश दिया था। इसके विरुद्ध आयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच और सुप्रीम र्को तक गया, लेकिन आयोग को कहीं से राहत नहीं मिली। आयोग ने 23 जुलाई 2021 को प्रधानाचार्य पद का संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें 14 अभ्यर्थियों को चयन निरस्त करते हुए उनकी जगह 14 अन्य अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई।

हालांकि नए चयनितों में याचिका दाखिल करने वाले किसी भी अभ्यर्थी का नाम शामिल नहीं था। अभ्यर्थियों का दावा है कि कम से कम 33 चयनितों को बाहर होना चाहिए, क्योंकि इनके प्रमाणपत्र में गड़बड़ियां हैं। इस मामले में राकेश चंद पांडेय ने अवमानना याचिका दाखिल की थी, लेकिन संशोधित परिणाम जारी होने के कारण याचिका खारिज कर दी गई। अवमानना याचिका खरिज होने पर राकेश चंद्र पांडेय एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए आयोग को नोटिस भी जारी किया है।

0 comments:

Post a Comment