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Thursday, November 5, 2020

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : नहीं हुआ प्रधानाचार्य पद का साक्षात्कार, संघर्ष समिति ने साक्षात्कार के लिए सौंपा ज्ञापन।

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : नहीं हुआ प्रधानाचार्य पद का साक्षात्कार, संघर्ष समिति ने साक्षात्कार के लिए सौंपा ज्ञापन।

शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

▪️प्रधानाचार्य संघर्ष समिति ने इंटरव्यू के लिए सौंपा ज्ञापन

▪️कहा-लोगों के रिटायरमेंट के बाद भी इंटरव्यू नहीं हो रहा

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से छह साल से लंबित प्रधानाचार्य इंटरव्यू के लिए बुधवार को प्रधानाचार्य संघर्ष समिति ने ज्ञापन सौंपा। चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर को ज्ञापन देकर इंटरव्यूजल्दशुरू कराए जाने की मांग की। ज्ञात हो कि 2013 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के 599 पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी बिना इंटरव्यू के ही रिटायर हो रहे हैं । चयन बोर्ड की ओर से 2013 में विज्ञापित पदों के लिए इंटरव्यू की कोई तैयारी नहीं है। प्रधानाचार्य के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने संघर्ष समिति के संयोजक केके शुक्ल की अगुवाई में माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 2011 से लंबित चयन प्रक्रिया पूर्ण कराने, वर्ष 2013 के विज्ञापन का साक्षात्कार प्रारंभ कराने तथा प्रधानाचार्य पदों के लिए नया विज्ञापन निकालने की मांग की। 2011 एवं 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए आवेदन करने वाले बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपनी सेवा से रिटायर हो गए। इसके बाद भी चयन बोर्ड भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका।


डॉ. लालजी यादव का कहना था कि आवेदन करने वाले पद पर चयन के योग्य होने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करने से रिटायर हो गए। प्रदेश के अधिकांश माध्यमिक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य तैनात हैं, जिससे नीतिगत निर्णय लेने में परेशानी हो रही है। डॉ. हरीश चंद्र गुप्ता, प्रदोष श्रीवास्तव, डॉ. योगेंद्र सिंह ,डॉ.विजय राज यादव, हरिशंकर, रविंद्र सिंह, उमेश प्रताप सिंह, रामचंद्र पटेल ,रंजना त्रिपाठी अर्जुन यादव आदि उपस्थित रहे।


कंप्यूटर शिक्षक पदों के लिए भेजा ज्ञापन

प्रयागराज : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों के पद सृजित कर चयन बोर्ड से भर्ती कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। अभ्यर्थी नरेंद्र मिश्र, अजरूद्दीन, अमित सिंह, हिमांशु शुक्ला, राजेन्द्र यादव, प्रवीण, गौरव, दीप चंद्र प्रजापति शामिल रहे । अनिल सिंह ने कहा कि यूपी बोर्ड में 2000 से ही कंप्यूटर विषय पाठ्यक्रम में है लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी।

प्रधानचार्य भर्ती : ठप पड़ी भर्ती, सेवानिवृत्त हो रहे अभ्यर्थी, चयन प्रक्रिया शुरू करने के लिए संघर्ष समिति ने सौंपा ज्ञापन।

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2013 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के 599 पदों पर अब तक भर्ती शुरू नहीं हो सकी। जबकि, भर्ती के आवेदक बिना इंटरव्यू के ही रिटायर हो रहे हैं। छह वर्ष बाद भी साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू नहीं किए जाने से नाराज प्रधानाचार्य संघर्ष समिति के सदस्यों ने चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर को ज्ञापन सौंपकर इंटरव्यू शुरू किए जाने की मांग की।


प्रधानाचार्य के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने संघर्ष समिति के संयोजक केके शुक्ला के नेतृत्व में माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 2011 से लंबित चयन प्रक्रिया पूर्ण कराने, वर्ष 2013 के विज्ञापन का साक्षात्कार प्रारंभ कराने तथा प्रधानाचार्य पदों के लिए नया विज्ञापन निकालने के लिए अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को संबोधित ज्ञापन उप सचिव को दिया। उनका कहना था कि 2011 एवं 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के लिए आवेदन करने वाले शिक्षक बड़ी संख्या में रिटायर हो गए। इसके बाद भी चयन बोर्ड भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका। गार्गी श्रीवास्तव का कहना था कि 2011 में विज्ञापित प्रधानाचार्य के पदों के लिए नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, 2013 के विज्ञापन का साक्षात्कार अभी तक शुरू नहीं हो सका है। डॉ. लालजी यादव का कहना था कि आवेदन करने वाले पद पर चयन के योग्य होने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करने से रिटायर हो गए। ज्ञापन देने के साथ समिति के मंत्री सुदीप कुमार की मांग थी कि प्रधानाचार्य चयन में प्रत्येक विद्यालय के लिए तीन व्यक्तियों के पैनल के स्थान पर एक ही व्यक्ति का चयन किया जाए तथा उसके योगदान ना देने पर प्रतीक्षा सूची के व्यक्ति को मौका दिया जाए।

माध्यमिक कालेजों में कंप्यूटर शिक्षक के पद हों सृजित, संघ ने की मांग, स्कूलों में 20 साल बाद भी अस्थाई हैं कम्प्यूटर शिक्षक

 
प्रयागराज : एडेड माध्यमिक कालेजों में कंप्यूटर शिक्षक के पदों को सृजित कराकर विज्ञापित करने की मांग तेज हो गई है। गुरुवार को युवा मंच ने अनिल सिंह की अगुवाई में माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि राजकीय कालेजों में पदों का सृजन किया गया है, जबकि एडेड कालेजों में अभी तक पद नहीं है।


प्रतियोगियों ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से भी फोन कर उनके प्रतिनिधि से वार्ता की। युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि यूपी बोर्ड में वर्ष 2000 से ही कंप्यूटर विषय पाठ्यक्रम में है लेकिन, डिजिटल युग में भी सरकारी उपेक्षा का आलम यह रहा है कि नियमावली में परिवर्तन कर कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। 19 अक्टूबर 2016 को शासन ने नियमावली में परिवर्तन कर कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ किया था जिससे राजकीय कालेजों के लिए शुरू की गई एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में इसे शामिल किया गया, लेकिन मौजूदा सरकार ने चार साल में एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की तो कंप्यूटर शिक्षक का पद ही सृजित नहीं हुआ। डिजिटल युग में भी ग्रामीण व कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से वंचित रहेंगे जो कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ज्ञापन में अभ्यíथयों की ओर से कहा गया कि यदि जल्द कंप्यूटर विषय को शामिल करके कंप्यूटर शिक्षक के पदों को विज्ञापित करने का निर्णय नहीं लिया गया तो अभ्यर्थी न्यायालय जाने को विवश होंगे। यहां नरेंद्र मिश्र, अजहरुद्दीन, अमित सिंह, हिमांशु शुक्ल, राजेंद्र, प्रवीण, गौरव, दीपचंद्र आदि मौजूद रहे।

स्कूलों में 20 साल बाद अस्थाई हैं कंप्यूटर शिक्षक

प्रयागराज : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की तरफ से टीजीटी व पीजीटी में कम्प्यूटर के शिक्षकों के लिए पद नहीं विज्ञापित किए गए। इससे तमाम स्कूलों में अस्थाई तौर पर अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षक निराश हैं। शिवचरण दास कन्हैयालाल इंटर कॉलेज में स्व वित्त पोषित योजना के तहत तैनात कम्प्यूटर शिक्षक विश्वनाथ मिश्र ने बताया कि 2001 से वह कॉलेज में अध्यापन कर रहे हैं। अब तक न तो उन्हें स्थाई किया गया न चयन बोर्ड की तरफ से पद विज्ञापित किए गए, जिससे कि वह आवेदन कर सकें। अब सभी जगहों पर ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में कम्प्यूटर शिक्षकों की उपयोगिता बढ़ गई है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह केसर विद्यापीठ में भी 2001 से कम्प्यूटर की कक्षाएं चल रही हैं। वहां प्रबंधकीय अंश के तहत नियुक्त शिक्षक अनुभव श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक उन्हें निश्चित मानदेय पर ही रखा गया है। जबकि कोरोना काल में चलने वाली ऑनलाइन कक्षाओं में भी पूरे मनोयोग से अध्यापन कर रहे हैं।

विधान परिषद में उठा मुद्दा : जुलाई 2020 में विधान परिषद में भी यह मुद्दा उठा था। पूछा गया था कि प्रदेश के कितने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक कार्य कर रहे हैं। कम्प्यूटर शिक्षा छात्रों को किसके द्वारा दी जा रही है। यह भी सवाल किया गया कि प्रदेश के कितने विद्यार्थी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में कम्प्यूटर की शिक्षा ले रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर शिक्षकों की व्यवस्था क्या है।

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