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Thursday, January 25, 2018

लोक सेवा आयोग की 600 भर्तियों में ‘खेल’ का राजफाश करेगी सीबीआई, सीबीआइ ने शिकायतकर्ता छात्रों से भी संपर्क साधा

इलाहाबाद : लगभग पांच साल में छह सौ भर्तियां। इनमें 30 हजार से अधिक लोगों का चयन। पीसीएस परीक्षा ही नहीं, लोअर सबॉर्डिनेट, कृषि विभाग, अभियंत्रण सेवा, चिकित्सा शिक्षा समेत कई अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं। इनमें एक जाति विशेष व कम अंक वाले प्रतियोगियों को प्राथमिकता ही नहीं बल्कि अन्य ‘खेल’ होने के आरोप हैं। उप्र लोकसेवा आयोग की यह तस्वीर सीबीआइ जांच में उजागर हुई तो अरबों रुपये का वारा-न्यारा होने की बात भी सामने आ सकती है


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उप्र लोकसेवा आयोग की सपा शासनकाल में एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच शुरू हो चुकी है। सीबीआइ टीम की प्रारंभिक जांच फिलहाल लखनऊ से शुरू हो चुकी है लेकिन, जल्द ही इसके उप्र लोकसेवा आयोग के इलाहाबाद मुख्यालय में भी आना तय है। आयोग में इसको लेकर हलचल तेज हो गई है। बताते हैं कि सीबीआइ टीम लीडर के निर्देश पर कई महत्वपूर्ण तथ्य मांगे गए हैं। वहीं इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि सीबीआइ जांच में आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में बड़ा ‘खेल’ होने की बात उजागर हो सकती है। उसमें पूर्व अध्यक्ष ही नहीं बल्कि पूर्व की सपा सरकार में रहे कई मंत्रियों के भी जांच के जद में आने के आसार हैं।



आरोप यह भी है कि पूर्व अध्यक्ष की मनमानी के चलते नियुक्तियों में चहेतों का चयन ही नहीं हुआ। प्रतियोगी छात्रों के अनुसार दलालों के माध्यम से पीसीएस व अन्य परीक्षाओं की सीटें फिक्स कराने का लंबा खेल चला। मेहनत से तैयारी करने वाले छात्र खौफ के साये में रहे। सरकार में बैठे मंत्रियों और विधायकों से आयोग की बेजा गतिविधियों का संबंध होने की भनक मिलने पर अधिकांश प्रतियोगी छात्र आवाज नहीं उठा सके।


अब सीबीआइ जांच शुरू हो जाने पर इसकी संभावना जताई जाने लगी है कि वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारियों की टीम आयोग का कच्चा चिट्ठा खोलेगी। भर्तियों में रिश्वतखोरी और दलाली की सच्चाई उजागर होने पर प्रदेश में उच्च सेवाओं के लिए परीक्षा कराने वाले उप्र लोकसेवा आयोग की छवि भी दागदार हो सकती है।



इलाहाबाद  :  उप्र लोकसेवा आयोग से पांच साल में हुई सभी भर्तियों की जांच के लिए उधर सीबीआइ सक्रिय हुई है तो इधर प्रतियोगी छात्रों की सक्रियता भी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ जल्द ही इलाहाबाद में कैंप करके जांच को तेजी से आगे बढ़ाएगी। यह भी चर्चा तेज है कि जांच टीम ने आयोग के अफसरों के अलावा भर्तियों में भ्रष्टाचार से प्रभावित प्रतियोगी छात्रों से भी संपर्क साधा है और उनसे साक्ष्य मांगे गए हैं। इसके लिए प्रतियोगियों को कार्यालय का पता, फोन नंबर व ई-मेल का पता उपलब्ध कराया गया है।



सोशल मीडिया पर चल रही सूचनाओं के मुताबिक जांच के लिए आवश्यक तथ्य जुटाने की कवायद तेज हुई है। सीबीआइ अफसर राजीव रंजन ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय से संपर्क किया है। अब समिति के माध्यम से कहा गया है कि एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच हुई भर्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के सबूत जो भी देना चाहें, दे सकते हैं। कहा गया है कि साक्ष्य और शिकायतें जिस भी प्रतियोगी के पास हों या उससे संबंधित हों, उसे केस नंबर पीई 02/18 पर सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन को रजिस्ट्री करके, उनके पते पर या ई-मेल पर भेज सकते हैं।



इस पते पर भेज सकते हैं साक्ष्य : एसपी, एसी-1, आठवां तल पांच बी, सीजीओ कांप्लेक्स, सीबीआइ मुख्यालय नई दिल्ली। ई-मेल 666.2स्रंङ्घ41ीि’ङ्घङ्ग्र.¬5.्रल्ल.। 1छात्रों से लिए दस्तावेज

लखनऊ : उप्र लोकसेवा आयोग परीक्षा व भर्ती में हुई धांधली के मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने शिकायतकर्ता छात्रों से भी संपर्क साधा है। सीबीआइ इन छात्रों से साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ टीम ने कुछ छात्रों से बात कर उनसे संबंधित दस्तावेज भी लिए हैं।

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