उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक हुई भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने बुधवार को यहां डेरा डाल दिया। सात सदस्यीय टीम ने सुबह आयोग पहुंचकर दस्तावेज खंगाले। सूत्रों के मुताबिक भर्तियों से संबंधित दस्तावेजों का संकलन कर सूचीबद्ध करने में ही कई खामियां मिलीं।
पांच सालों के भीतर करीब 540 पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआइ टीम एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में पहले सर्किट हाउस पहुंची। वहां से सुबह 10.30 बजे के करीब सभी अधिकारी आयोग पहुंच गए। सीबीआइ अधिकारियों ने आयोग में पीसीएसजे, एपीओ, यूडीए एवं सीधी भर्ती से संबंधित दस्तावेजों का संकलन किया। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के दौरान तमाम दस्तावेजों को सील किया गया। इस संबंध में आयोग के अधिकारियों से पूछताछ हुई। सीबीआइ ने अधिकारिक तौर पर अधिकारियों का बयान नहीं दर्ज किया। विवेचना अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने तीन टीमें अलग-अलग कामों में लगाई हैं। एक टीम आयोग में तब तैनात रहे अधिकारियों का ब्योरा नोट कर रही है। सीबीआइ टीम ने सर्किट हाउस में भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले तमाम अभ्यर्थियों से पूछताछ की।2012 से 2017 तक हुई भर्तियों से संबंधित
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