लखनऊ : योगी सरकार ने नए वर्ष में पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। निकायों में 1900 से 4200 ग्रेड-पे की सीधी भर्तियां विभागों से न होकर पहले की भांति उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होंगी। इस फैसले से लगभग 2500 पदों पर भर्ती की राह आसान होगी।
मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके समेत सरकार ने कुल दस महत्वपूर्ण फैसले किए। बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने फैसलों से अवगत कराया। पिछली अखिलेश सरकार में उत्तर प्रदेश पालिका सेवा एवं उत्तर प्रदेश पालिका और जल संस्थान, जल कल अभियंत्रण सेवा के सीधी भर्ती का अधिकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से छीन लिया गया था। तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां के प्रभाव में सरकार ने यह कदम उठाया था। तब 14 मई, 2016 को हुई कैबिनेट की बैठक में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परिधि के केंद्रीयित एवं अकेंद्रीयित सेवा के पदों को विभाग स्तर से भरे जाने का फैसला किया था।
मंगलवार को योगी की कैबिनेट ने इन भर्तियों को पुन: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कराये जाने का फैसला किया। फैसले की विस्तार से जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि उप्र पालिका (केंद्रीयित) सेवा एवं उप्र पालिका और जल संस्थान, जलकल अभियंत्रण (केंद्रीयत) सेवा एवं अकेंद्रीयित सेवा की सीधी भर्ती जिनका ग्रेड पे-1900 से 4200 है, को पूर्व की भांति उप्र अधीनस्थ सेवा आयोग से ही कराया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक केंद्रीयित के 650 पद और अकेंद्रीयित सेवा के 1850 पद रिक्त हैं। जल्द ही इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। भर्तियां योगी सरकार की प्राथमिकता में है और आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने इस दिशा में अपना ध्यान केंद्रित किया है।
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