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Thursday, January 4, 2018

उप्र लोकसेवा आयोग की सीबीआइ जांच के तीर से सधेंगे तीन निशाने, निर्णय हाईकोर्ट के हाथ,  सरकार को दोतरफा लाभ

उप्र लोकसेवा आयोग से सपा शासन के पांच साल में भर्तियों की सीबीआइ जांच होगी या फिर नहीं, इसका निर्णय तो इलाहाबाद हाईकोर्ट से होना है लेकिन, भर्तियों की जांच कराये जाने के पीछे इसके सियासी लाभ हानि पर चर्चा छिड़ गई है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार को इसका दोतरफा लाभ मिलेगा, क्योंकि जांच हुई तो सपा शासन में आयोग से किए जा रहे दावे की कलई खुल सकती है और अगर जांच पर रोक भी लग गई तो अपने कदम पर राज्य सरकार को प्रतियोगी छात्रों की सराहना भी मिलेगी। 



उप्र लोकसेवा आयोग से एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच कराने के लिए सरकार ने एलान किया है और पिछले महीने केंद्र सरकार की इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच का एलान कर ऐसा तीर भी चलाया है जिससे तीन निशाने लग सकते हैं।


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