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Wednesday, January 31, 2018

भ्रष्टाचार की जड़ तलाशने को ‘फुलप्रूफ प्लान’, अनिल यादव के कार्यकाल और करीबियों से पूछताछ

6:56:00 PM

उप्र लोकसेवा आयोग से पांच साल में हुई सभी भर्तियों की जांच को सीबीआइ टीम ‘फुल प्रूफ प्लान’ बनाकर आई है। प्रतियोगियों की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत किए गए सभी साक्ष्य पहले से उपलब्ध हैं। वहीं कई प्रतियोगियों ने आयोग के ई-मेल व अन्य माध्यमों से तमाम सामग्री पहुंचाई है। जिसमें परीक्षाओं में शामिल रहे अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों में हुए बदलाव आदि ठोस साक्ष्य शामिल हैं।

आइपीएस राजीव रंजन के नेतृत्व में सीबीआइ टीम भले ही प्रतियोगियों को लंबा इंतजार करवाने के बाद इलाहाबाद आई हो लेकिन, नोटीफिकेशन जारी करने के बाद टीम ने भर्तियों को लेकर काफी होमवर्क किया है। वह पहले दिन की पूछताछ से ही साफ हो रहा है। बुधवार को सर्किट हाउस में पहुंची टीम ने प्रतियोगी छात्रों के प्रतिनिधि से मुलाकात की। उनसे हुई बातचीत सिर्फ इस बात पर केंद्रित रही कि भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लगे, आरोप लगाकर सीबीआइ जांच की मांग करने के पीछे किसका क्या हित है, मीडिया में महीनों से छप रही खबरों में जो तथ्य सामने आए हैं वह कहां से प्राप्त हुए, जबकि टीम प्रभारी के प्रश्नों से साफ झलका कि सीबीआइ का होमवर्क काफी मजबूत है। टीम के पास पुराने अभिलेख भी हैं, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के शिक्षकों से बातचीत के आधार पर आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल यादव की मनमानी, एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ देने का राज उजागर करने वाले उस स्टिंग आपरेशन की सीडी भी उपलब्ध है जिसे 2014 में एक खबरिया चैनल ने बनाया था। यह सब टीम के पास आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों से सवाल पूछने के लिए मजबूत आधार है तो एक-एक व्यक्ति से भर्तियों में भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने के लिए 50-75 सवालों की सूची भी है।

वहीं, सीबीआइ टीम ने आयोग के सचिव से भी संपर्क कर कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जुटा लिए हैं तो पूर्व में प्रतियोगी छात्रों से हुई बातचीत के आधार पर जांच शुरू करने से लेकर इसे अंजाम तक पहुंचाने का ‘फुलप्रूफ प्लान’ तैयार रखा है।

ई-मेल पर लगे साक्ष्यों के अंबार : पिछले दिनों प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से सीबीआइ टीम प्रभारी राजीव रंजन का ई-मेल और कार्यालय का पता वाट्स एप ग्रुप पर जारी किया गया था। इसके पीछे कारण यह था कि जिस किसी के पास उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार और मनमानी के साक्ष्य उपलब्ध हों वह भेज सकता है। इसके बाद ई-मेल पर साक्ष्यों का अंबार लग गया। टीम प्रभारी राजीव रंजन के अनुसार उनके ई-मेल पर बहुत सारे साक्ष्य दिए गए हैं जिन पर पहले यह पड़ताल की जा रही है कि साक्ष्यों में कितना दम है। 1गेस्ट हाउस को कैंप कार्यालय बनाने की चर्चा : सीबीआइ टीम प्रभारी ने जिलाधिकारी से मिलकर शहर में ऐसा स्थान मांगा, जिसे कैंप कार्यालय बनाकर करीब साढ़े पांच सौ भर्तियों की जांच की जा सके। इस पर गोविंदपुर क्षेत्र का एक गेस्ट मुहैया कराया गया है। माना जा रहा है कि सीबीआइ टीम की गेस्ट की पड़ताल करने के बाद उसका ठिकाना तय होगा

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