लंबे समय से सफेद हाथी बने आयोगों के दिन नए साल में बहुरने वाले हैं। जल्द ही इनके अध्यक्ष और सदस्य पदों पर नियुक्तियां होने जा रही हैं। इससे सालों से अटकी भर्तियों को जहां आगे बढ़ाया जा सकेगा, वहीं अभ्यर्थियों को नई रिक्तियों में दावेदारी का अवसर भी हासिल होगा। सरकार उन आयोगों में नियुक्तियों को लेकर भी गंभीर है, जो भर्ती से नहीं जुड़े हैं, लेकिन सांविधानिक व्यवस्था के तहत गठित किए गए हैं।
भर्ती संस्थाओं में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का गठन बहुत जल्द ही हो सकता है। चयन बोर्ड में अध्यक्ष व सदस्यों के दस पद रिक्त हैं जबकि उच्च शिक्षा आयोग में अध्यक्ष व चार सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सपा शासन में इन दोनों ही चयन संस्थाओं में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप रहे थे। सत्ता में आते ही भाजपा ने इन दोनों आयोगों में नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। उस समय इन दोनों संस्थाओं में दस हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी। 1उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार ने पहले उच्च शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के विलय का प्रारूप तय किया था। हालांकि बाद में सरकार ने अध्यक्ष और सदस्यों के आवेदन के लिए विज्ञापन निकालकर यह साफ कर दिया कि विलय नहीं होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इनके लिए आए आवेदनों की स्क्रीनिंग हो चुकी है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। कई सेवानिवृत्त आइएएस और पीसीएस अधिकारियों ने आवेदन कर रखा है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के सात पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। सरकार ने अगस्त में ही विज्ञापन निकाला था अब इसकी पूरी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई और जल्द ही अध्यक्ष व सदस्यों के नाम घोषित हो सकते हैं। अधीनस्थ आयोग समूह ग के पचास हजार से अधिक पदों पर भर्तियां करेगा।
विद्युत नियामक आयोग में भी अध्यक्ष जल्द: भर्ती आयोगों से इतर विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष व सदस्य के एक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। यहां अध्यक्ष का पद देश दीपक वर्मा के राज्यसभा का सचिव बनाए जाने के बाद से ही खाली है। हालांकि उनके जाने के बाद ही पद विज्ञापित कर दिया गया था लेकिन नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसी माह इस पर भी फैसला आ सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग अध्यक्ष पद पर निगाहें: इसी के साथ सबकी निगाहें लगी हैं कि सरकार राज्य निर्वाचन आयोग पद पर किसकी नियुक्ति करती है। यह महत्वपूर्ण पद एसके अग्रवाल के सेवानिवृत्त होने के बाद से रिक्त चल रहा है। पंचायती राज विभाग ने इसकी प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। किसी वरिष्ठ नौकरशाह को ही इस पद पर बैठाए जाने का प्रावधान है।
सूचना आयोग में भी दो पद रिक्त: राज्य सूचना आयोग को भी दो सदस्य और मिल सकते हैं। यह पद खाली चल रहे हैं। इनको भरने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने के आसार हैं। राज्य बाल आयोग में भी सदस्यों के चार पद रिक्त हैं।
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