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Saturday, February 20, 2021

SSC : अंग्रेजी रोक रही सीजीएल अभ्यर्थियों की राह, प्रतियोगी छात्रों ने परीक्षा से इंग्लिश विषय को हटाने की उठाई मांग

SSC : अंग्रेजी रोक रही सीजीएल अभ्यर्थियों की राह, प्रतियोगी छात्रों ने परीक्षा से इंग्लिश विषय को हटाने की उठाई मांग

प्रयागराज : कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सीजीएल परीक्षा में अंग्रेजी अनिवार्य होने और चयन में अंग्रेजी के अंक को मेरिट में शामिल किए जाने से हिंदी पट्टी के छात्रों की राह मुश्किल हो रही है। सीजीएल परीक्षा में मध्य क्षेत्र (यूपी-बिहार) के छात्रों का चयन जहां 10 फीसदी से भी कम है तो उत्तर क्षेत्र (दिल्ली) के परीक्षार्थी आधे से अधिक पदों पर कब्जा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अंग्रेजी अनिवार्य होने और चयन में अंग्रेजी के अंक जोड़े जाने के चलते हिंदी पट्टी के छात्रों का चयन कम है तो दिल्ली एवं आस पास के क्षेत्र के कान्वेंट में पढ़े बच्चे आधे से अधिक पदों पर सफलता हासिल कर रहे हैं। 


हिंदी, अंग्रेजी माध्यम के फर्क ने मध्य क्षेत्र को चयन से बाहर किया : एसएससी की सीजीएल परीक्षा के जरिए केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण पदों असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर, जूनियर स्टैटिकल ऑफिसर एवं स्टैटिकल इनवेस्टिगेटर ग्रेड-2 जैसे पदों पर भर्ती होती है। एसएससी के लिए मार्गदर्शन करने वाले ओम प्रकाश शुक्ल का कहना है कि चयनित अभ्यर्थी एक प्रमोशन के बाद केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच जाते हैं। । इन पदों का प्रतियोगियों में बड़ा आकर्षण है। उनका कहना है कि यूपी बोर्ड और बिहार बोर्ड से पढ़कर एसएससी की सीजीएल परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकांश छात्र हिंदी माध्यम से होते हैं। अनिवार्य अंग्रेजी के अंक चयन में शामिल किए जाने के बाद हिंदी पट्टी के छात्र अंग्रेजी पट्टी (दिल्ली) के छात्रों से बहुत पीछे रह जाते हैं।



अंग्रेजी के अंकों को क्वालिफाइंग मात्र रखा जाए

एसएससी प्रतियोगियों को मार्गदर्शन करने वाले एसबी सिंह का कहना है कि हिंदी पट्टी के छात्रों को सीजीएल में पूरा प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए अंग्रेजी के अंक को चयन में शामिल करने पर रोक लगे। अंग्रेजी के प्रश्नपत्र को मात्र क्वालिफाइंग रखा जाए। उन्होंने बताया कि हिंदी माध्यम के छात्रों को | जहां अंग्रेजी में कम अंक 25 से 30 फीसदी के चलते चयन से बाहर होना पड़ता है वहीं अंग्रेजी माध्यम के छात्र 70 से 80 फीसदी अंक लेकर | चयन में भारी पड़ते हैं।

अंग्रेजी की जगह क्षेत्रीय भाषा को मिले जगह

एसएससी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अनिल कुमार पांडेय, रत्नेश तिवारी, रेखा मिश्रा का कहना है कि हिंदी पट्टी एवं दूसरे राज्यों को इन केंद्रीय सेवाओं में बराबर का महत्व मिले इसके लिए सीजीएल में अंग्रेजी की जगह क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया जाए। क्षेत्रीय भाषाओं को परीक्षा में शामिल करने से राज्यों को बराबर का स्थान मिलेगा।

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