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Monday, February 22, 2021

शासन की लेटलतीफी में फंसी एपीएस भर्ती 2010 की जांच, अटकी फाइल, सीबीआई को शासन से अभियोजन स्वीकृति के आदेश का इंतजार

शासन की लेटलतीफी में फंसी एपीएस भर्ती 2010 की जांच, अटकी फाइल, सीबीआई को शासन से अभियोजन स्वीकृति के आदेश का इंतजार

प्रयागराज : शासन की लेटलतीफी के कारण अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2010 की सीबीआई जांच फंसी हुई है। भर्ती में घोटाले का साक्ष्य मिलने के बाद सीबीआई को अब घोटाले में शामिल लोक सेवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन के गृह विभाग से आवश्यक अभियोजन स्वीकृति मिलने का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक कुछ माह पहले सीबीआई ने इसके लिए शासन को पत्र भेजा था, लेकिन अभियोजन स्वीकृति के आदेश जारी न होने से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।


सूत्रों का कहना है कि एपीएस 2010 के चयनित अभ्यर्थी वर्तमान में उत्तर प्रदेश शासन में महत्वपूर्ण जगहों पर पदस्थ हैं, जो अपने प्रभाव से अभियोजन स्वीकृति की अनुमति मिलने में विलंब कराकर सीबीआई जांच में रोड़ा बने हुए हैं। एपीएस-2010 की भर्ती इतनी विवादित थी कि सीबीआई को इसकी जांच के लिए अलग से विशेष अनुमति लेनी पड़ी थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि उच्च पदस्थ अफसरों ने नियमों को तोड़ मरोडकर अपने करीबियों को इस भर्ती के माध्यम से नौकरी दिलाई थी।

इस भर्ती में परीक्षकों को प्रभावित कराकर अपात्र अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिलाने, पात्र अभ्यर्थियों के अंकों को कम कराने, हिंदी शॉर्टहैंड और टाइप की परीक्षा में फेल अभ्यर्थियों को अनियमित तरीके से उत्तीर्ण दिखाकर अधिक अंक दिलाने, फर्जी एवं अमान्य कंप्यूटर प्रमाणपत्रों के आधार पर चयन कराने के आरोप लगे थे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एपीएस भर्ती-2010 में घोटाले के आरोपी लोक सेवकों के विरुद्ध शीघ्र अभियोजन स्वीकृति दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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