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Sunday, February 14, 2021

UPPSC : प्रतीक्षा सूची का मामला गरमाया, चंद अंक कम होने से चयन से चूकने वालों को पुनः फार्म भरकर देनी पड़ती है परीक्षा

UPPSC : प्रतीक्षा सूची का मामला गरमाया, चंद अंक कम होने से चयन से चूकने वालों को पुनः फार्म भरकर देनी पड़ती है परीक्षा


प्रयराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में पीसीएस, प्रवक्ता, प्राचार्य, चिकित्साधिकारी आदि भर्तियों में चयनितों के पदभार ग्रहण न करने से कई पद खाली रह जाते हैं। उक्त पदों को भरने के लिए आयोग को नए सिरे से कवायद करनी पड़ती है, जिसमें कई साल बीत जाते हैं। वहीं, चंद अंक कम होने से चयन से चूकने वाले अभ्यर्थियों को पुनः फार्म भरकर परीक्षा देनी पड़ती है। इसके मद्देनजर प्रतियोगी छात्र हर भर्ती में प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग कर रहे हैं। प्रतियोगियों का तर्क है कि पदभार ग्रहण न करने से खाली रहने वाले पदों को प्रतीक्षा सूची से भरा जाय। संघ लोकसेवा आयोग में यह व्यवस्था पहले से लागू है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को भी उसी की तर्क पर प्रतीक्षा सूची जारी करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर समस्त भर्ती परीक्षाएं कराई जाती है। उसी के अनुरूप विषय, अभ्यर्थियों की संख्या भी तय की गई है। बदलाव की शुरुआत पीसीएस-2018 से हुई। प्रतियोगियों का कहना है कि यूपीपीएससी आखिर यूपीएससी की प्रतीक्षा सूची का अनुकरण करने का ऐलान क्यों नहीं कर रहा? प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय कहते हैं कि 2002 से प्रतीक्षा सूची की मांग हो रही है। 



लेकिन, आयोग ने उसे गंभीरता से नहीं लिया है। इस मुद्दे को इंटरनेट मीडिया के जरिए पुनः उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा गया है। अब प्रतियोगी सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। अवनीश बताते हैं कि एक प्रतियोगी कई परीक्षाओं में आवेदन करता है। परीक्षाएं भी उसकी कुछ दिनों के अंतराल में होती हैं। परिणाम भी आगे-पीछे जारी होता है। अगर कोई पहले से बड़े पद पर कार्यरत है तो दूसरी भर्ती में चयन होने पर भी पदभार ग्रहण नहीं करता। इससे वह पद खाली रह जाता है। प्रतीक्षा सूची जारी होने से चंद अंक से असफल अभ्यर्थियों को उसमें नौकरी पाने का मौका मिलेगा यूपीएससी अंतिम परिणाम के साथ ही प्रतीक्षा सूची घोषित करता है। ज्वाइनिंग की अंतिम तारीख बीतने के बाद प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को मौका देता आ रहा है।


अभी नहीं निकलेगी अपर निजी सचिव की भर्ती

प्रयागराज : एपीएस यानी अपर निजी सचिव की भर्ती के लिए प्रतियोगी छात्रों को अभी कई महीने प्रतीक्षा करनी होगी।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अभी एपीएस का पाठ्यक्रम तैयार नहीं कर पाया है। सिर्फ पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसका काम पूरा होने में दो से तीन महीने का समय लगने की उम्मीद है। इसके बाद विज्ञापन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी ऐसी स्थिति में भर्ती का विज्ञापन मई-जून महीने में निकल सकता है। आयोग को एपीएस की करीब 250 पदों की भर्ती का अधियाचन मिला है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने 2013 में एपीएस की 176 पद की भर्ती निकाली थी। लेकिन, अभी वो भी पूरी नहीं हुई। इसका कंप्यूटर टेस्ट अभी तक नहीं हुआ। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है। इधर, आयोग को 2020 में नई भर्ती का अधियाचन मिला था। उम्मीद थी कि नए परीक्षा कैलेंडर में एपीएस की भर्ती की तारीख भी रहेगी। आयोग द्वारा 15 जनवरी को जारी किए गए 2021 के परीक्षा कैलेंडर में 16 परीक्षाएं कराने का ब्योरा था लेकिन, उसमें एपीएस की भर्ती का जिक्र नहीं था आयोग एपीएस की नई भर्ती आयोग नए पैटर्न पर कराएगा। इसी कारण नए सिरे से पाठ्यक्रम निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है।

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