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Friday, June 10, 2022

टीजीटी जीवविज्ञान के प्रतियोगियों का चयन बोर्ड के बाहर प्रदर्शन, विज्ञान की तरह सिलेबस होने पर मांगे और पद, 50 पद को बताया कम

टीजीटी जीव विज्ञान की अर्हता पर बढ़ा विवाद, तीन विषयों को शैक्षिक अर्हता में शामिल किए जाने की मांग

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती के लिए जो नया विज्ञापन जारी किया है, उसमें टीजीटी जीव विज्ञान की शैक्षिक अर्हता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। चयन बोर्ड ने भर्ती के लिए जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान की अर्हता रखी है, जबकि अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि औद्योगिक सूक्ष्म जीवविज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी और लाइफ साइंस विषय को भी शैक्षिक अर्हता में शामिल किया जाए। प्रतियोगी छात्रों ने टीजीटी- पीजीटी 2021 में भी यह मांग उठाई थी और चयन बोर्ड को कई पत्र लिखे थे, लेकिन अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिली। चयन बोर्ड में आठ जून को टीजीटी-पीजीटी 2022 का विज्ञापन जारी किया है, जिसमें टीजीटी जीव विज्ञान के 50 पद शामिल किए गए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश में तकरीबन तीन लाख छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने जीव विज्ञान के उप विषय औद्योगिक सूक्ष्म जीव विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी और लाइफ साइंस विषय से डिग्री हासिल की है।


टीजीटी जीवविज्ञान के प्रतियोगियों का चयन बोर्ड के बाहर प्रदर्शन, विज्ञान की तरह सिलेबस होने पर मांगे और पद, 50 पद को बताया कम

प्रयागराज : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और स्नातक संवर्ग (पीजीटी) के 4163 रिक्त पदों के भर्ती विज्ञापन में टीजीटी जीवविज्ञान विषय में सिर्फ 50 रिक्त पद होने का प्रतियोगियों ने विरोध किया है। गणित वर्ग के विज्ञान विषय में 540 और जीवविज्ञान में 50 पद को जीवविज्ञान विषय पढ़ने वालों के साथ अन्याय बताया है। इसमें पद बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के बाहर प्रदर्शन कर प्रतियोगियों ने सचिव को मांग पत्र सौंपा।


चयन बोर्ड के सचिव नवल किशोर से मिलने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में शामिल जीवविज्ञान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र यादव, आनंद अभय, चंदन राखी मौर्या ने टीजीटी भर्ती में जीवविज्ञान के पद कम होने पर आपत्ति जताई। उन्हें बताया कि विज्ञान की तरह सिलेबस होने के कारण जीवविज्ञान विषय में विज्ञान की तरह पदों में समानता होनी चाहिए। बातचीत में चयन बोर्ड के सचिव ने बताया कि विद्यालयों से जो अधियाचन जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से प्राप्त हुआ है, उसी के अनुरूप भर्ती विज्ञापन जारी किया गया है। इसमें चयन बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है। इस संबंध में अभ्यर्थी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनकी मांग को चयन बोर्ड के अध्यक्ष तक पहुंचा दिया जाएगा। इसके पहले अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड के बाहर प्रदर्शन किया और कहा कि जीवविज्ञान विषय के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। इस मामले से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

27 हजार पदों का उठाया मुद्दा

प्रयागराज : पांच हजार से भी कम पदों पर भर्ती विज्ञापन करने पर युवा मंच ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विरोध किया है। बोर्ड सचिव से वार्ता में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि गत वर्ष माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के माध्यम से 27 हजार पदों पर चयन प्रक्रिया की बात मुख्यमंत्री ने कही थी, उस अनुरूप विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक सचिव ने कहा है कि नए अधियाचन के लिए पोर्टल खोला जाएगा, अगर पुनः अधियाचन प्राप्त होता है तो उसके अनुरूप विज्ञापन में सीटें संशोधित की जाएंगी।

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