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Thursday, June 2, 2022

स्केलिंग के लिए प्रतियोगियों ने चलाया अभियान, छात्रों का दावा, पीसीएस परीक्षा में नहीं की जा रही स्केलिंग, अभ्यर्थियों की हवाले से उठाए सवाल

स्केलिंग के लिए प्रतियोगियों ने चलाया अभियान, छात्रों का दावा, पीसीएस परीक्षा में नहीं की जा रही स्केलिंग, अभ्यर्थियों की हवाले से उठाए सवाल

प्रयागराज : पीसीएस परीक्षा में स्केलिंग लागू किए जाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने अभियान शुरू किया है। छात्रों ने पीसीएस 2018, 2019 एवं 2020 में शामिल अभ्यर्थियों के अंकपत्रों का हवाला देते हुए दावा किया है कि आयोग पीसीएस परीक्षा में स्केलिंग नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से मानविकी विषय के हिंदी भाषी छात्र छंटकर बाहर हो जा रहे हैं। वहीं, आयोग के अफसरों का कहना है कि विज्ञापन में शामिल नियमों के अनुरूप ही स्केलिंग की जा रही है।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई गई है कि पीसीएस- 2020 में एक छात्र को वैकल्पिक विषय रसायन विज्ञान में 400 में से 352 अंक मिले जबकि मानविकी विषयों में 250 अंक लाना भी बहुत मुश्किल होता है। अगर स्केलिंग की जा रही होती तो मानविकी और विज्ञान विषयों के अभ्यर्थियों के अंकों में इतना अंतर नहीं होता। समिति की ओर से लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पीसीएस-2018 से अब तक जितनी परीक्षाओं के अंकपत्र हुए हैं, उनमें स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंक हटा दिए गए। ऐसे में स्पष्ट है कि परीक्षा में स्केलिंग नहीं हो रही है। समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने मांग की है कि आगामी सभी परीक्षाओं में स्केलिंग लागू की जाए और मार्कशीट पर स्केल्ड एवं नॉन स्केल्ड अंकों का जिक्र किया जाए।

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