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Tuesday, January 10, 2023

जितना दक्ष बनेंगे, सेना में उतना ही आगे बढ़ेंगे अग्निवीर, 25% अग्निवीर को चार वर्ष बाद नियमित करने का है नियम

जितना दक्ष बनेंगे, सेना में उतना ही आगे बढ़ेंगे अग्निवीर, 25% अग्निवीर को चार वर्ष बाद नियमित करने का है नियम

अग्निपथ योजना में चार वर्ष की सेवा के बाद हथियार चलाने में दक्षता, शारीरिक फिटनेस, परिचालन योग्यता और अन्य सैन्य कौशल को परखा जाएगा।

नई दिल्ली :  सेना में चार वर्ष की सेवा के बाद हथियार चलाने में दक्षता, शारीरिक फिटनेस, परिचालन योग्यता और अन्य सैन्य कौशल अग्निवीर की तरक्की का पैमाना होगा। सेना ने नए अग्निपथ भर्ती मॉडल के तहत चुने गए अग्निवीरों के प्रदर्शन को मापने के लिए मंगलवार को विस्तृत मानदंड जारी किया।


वीरता पुरस्कारों से अलंकृत अग्निवीर को अन्य के मुकाबले तवज्जो मिलेगी। अतिरिक्त 15 वर्षों के लिए नियमित कैडर में सेवा का मौका भी इसी आधार पर मिलेगा।

एक अधिकारी ने बताया कि सेना मूल्यांकन प्रक्रिया में सर्वोच्च मानदंड का पालन करता है, इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मूल्यांकन वार्षिक स्तर पर कमांड की शृंखला द्वारा किया जाएगा।

शारीरिक फिटनेस, फायरिंग और ड्रिल का आकलन करने के लिए मात्रात्मक परीक्षण द्विवार्षिक रूप से आयोजित किए जाएंगे। इसका भारांक 39 और 36 फीसदी होगा। वहीं, एक स्वतंत्र स्क्रीनिंग बोर्ड अग्निवीरों की नियुक्ति के पहले और चौथे वर्ष में विभिन्न व्यावसायिक पहलुओं पर उनका आकलन करने के लिए लिखित और व्यावहारिक परीक्षा आयोजित करेगा। इसका भारांक 25 फीसदी होगा।

इस प्रक्रिया से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मूल्यांकन की निष्पक्ष और पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए मूल्यांकन और स्क्रीनिंग नीति को एक सॉफ्टवेयर में पूरी तरह से स्वचालित किया गया है। उन्होंने कहा कि वीरता पुरस्कार हासिल करने वाले को अतिरिक्त अंक मिलेंगे जबकि अनुशासन की कमी से नकारात्मक अंक मिलेंगे।

दूसरे बैच की भर्ती एक मार्च से शुरू होगी

सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा पिछले साल जून में की थी जिसके तहत पहले साल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई है। 19 हजार अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग एक जनवरी से शुरू हो चुकी है। जबकि दूसरे बैच की भर्ती एक मार्च से होगी। यह ट्रेनिंग 24-31 सप्ताह की होगी।

साल में दो बार भर्ती होगी

सेना में अगले साल से अग्निवीरों के दो बैच की एंट्री होगी। पहला बैच मई और दूसरा नवंबर में सेना में लिया जाएगा। इसी हिसाब से भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सेना के सूत्रों ने बताया कि इसके लिए एक ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा भी शुरू की जाएगी।

वर्ष में दो बार होगी अग्निवीरों की भर्ती

नई दिल्ली: सेना की नई भर्ती योजना अग्निपथ के तहत नियुक्त हुए 19000 अग्निवीरों का पहला बैच प्रशिक्षण के बाद इस साल अगस्त महीने में अपनी-अपनी यूनिटों में मोर्चा संभालने के लिए तैनात हो जाएगा। जबकि 21000 अग्निवीरों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग सेना इस साल एक मार्च से शुरू कर देगी और यह दूसरा बैच इसी साल अक्टूबर में अपनी यूनिट में तैनात हो जाएगा। सेना ने यह भी तय किया है कि 2023 से अब साल में दो बार मई और नवंबर महीने में अग्निवीरों की भर्ती होगी।

अग्निवीरों के पहले बैच का सेना के अलग-अलग यूनिटों में प्रशिक्षण इस वर्ष पहली जनवरी से शुरू हुआ व सेना ने ट्रेनिंग के लिए संबंधित ट्रेनिंग यूनिटों में विशेष प्रशिक्षण कोर्स डिजाइन किया है। अग्निवीरों का प्रशिक्षण काल 24 से लेकर 31 हफ्ते का है जो पूर्व में जवानों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के मुकाबले अपेक्षाकृत छोटा जरूर है, मगर कोर्स को इस सघन तरीके से डिजाइन किया है कि इनकी सैन्य दक्षता में कोई कमी न रह जाए। ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर जिस यूनिट में तैनात किए जाएंगे वहां भी उनके काम के अनुरूप सात हफ्ते की आन जाब ट्रेनिंग दी जाएगी।


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