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Monday, March 11, 2024

पेपर लीक की जड़ तलाशने के बाद होंगे कई बदलाव, एहतियाती कदम उठाने के बाद पुनर्परीक्षा कराने की तैयारी

पेपर लीक की जड़ तलाशने के बाद होंगे कई बदलाव, एहतियाती कदम उठाने के बाद पुनर्परीक्षा कराने की तैयारी

गलतियां सुधारने के लिए कारणों का पता लगा रहा आयोग


प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक घटना की जड़ तक पहुंचने के बाद आयोग कई अहम बदलाव करेगा। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) परीक्षा प्रणाली और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के मद्देनजर इन बदलावों की तैयारी में लगा है। हालांकि, अब तक हुई जांच में यह पता नहीं चल सका है कि पेपर लीक की मूल जड़ कहां है।

प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में 11 फरवरी को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले दोनों पालियों के प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गए थे। अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया तो आयोग ने आंतरिक जांच शुरू करा दी और शासन ने अपने स्तर से भी जांच शुरू करा दी। साथ ही एसटीएफ को अलग से जांच सौंप दी गई। 

आयोग के सूत्रों का कहना है कि अब तक हुई जांच में यह नहीं पता चला सका है कि पेपर लीक की मूल जड़ कहां है। प्रश्न पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से लाखों मोबाइल फोन तक पहुंचे लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सबसे पहले प्रश्न पत्र किस मोबाइल फोन से वायरल किया गया। ऐसे मोबाइल फोन का आईपी एड्रेस पता लगाने में लंबा वक्त लग सकता है।

अगर यह पता चल जाए कि पेपर कब और कैसे वायरल हुआ तो यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि गलतियां कहां हुई और इसी आधार पर गलतियों को सुधारा भी जा सकेगा। सूत्रों का कहना है कि आरओ/एआरओ की पुनर्परीक्षा की तिथि अब तक इसीलिए घोषित नहीं की गई है, ताकि आवश्यक सुधारों के साथ पुनर्परीक्षा का आयोजन कराया जा सके।

आयोग ने 17 मार्च को प्रस्तावित पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा भी स्थगित की है और जुलाई में इसे संभावित बताया है। ऐसे में आयोग प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए जो भी बदलाव करेगा, वह जुलाई में संभावित पीसीएस परीक्षा को भी ध्यान में रखकर किया जाएगा। हालांकि, आयोग ने एक तैयारी पहले से कर रखी है कि प्रश्नपत्रों को डिजिटल लॉक वाले बक्सों में रखवाया जाए। बक्सों का कोड केवल परीक्षा नियंत्रक को पता हो और परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले यह कोड परीक्षा केंद्रों को बताया जाए।



अभी खत्म नहीं हुईं हैं चुनौतियां, पेपर लीक की घटना के बाद UPPSC को एक माह में करानी हैं दो परीक्षाएं


प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने आने समय में कुछ दूसरी चुनौतियां बाकी हैं। भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।


आरओ/एआरओ परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 भी स्थगित कर दी गई, लेकिन एक माह में आयोग को तीन परीक्षाएं करानी हैं। योग के कैलेंडर में 22 मार्च को स्टाफ नर्स (यूनानी/आयुर्वेदिक) (पुरुष/महिला) प्रारंभिक परीक्षा- 2023, सात अप्रैल सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक परीक्षा-2023 और नौ अप्रैल से अपर निजी सचिव परीक्षा-2023 के तहत शॉर्टहैंड एवं टाइपिंग की परीक्षा है।

इसके बाद 24 अप्रैल को स्टाफ नर्स एलोपैथी (पुरुष/महिला) मुख्य परीक्षा- 2023 का आयोजन किया जाएगा। स्टाफ नर्स यूनानी/आयुर्वेदिक के 300 पदों और सहायक नगर नियोजक के 24 पदों पर भर्ती होनी है। आरओ/एआरओ और पीसीएस परीक्षा के मुकाबले इन दोनों भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम होगी। हालांकि, परीक्षा केंद्र दूसरे जिलों में भी बनाए जाएंगे।

आगामी परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। परीक्षाएं छोटी हों या बड़ी, लेकिन पेपर लीक जैसी घटनाएं भर्ती संस्थानों पर बड़ा दाग लगाती हैं। लोकसभा चुनाव भी करीब हैं। ऐसे में परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकना आयोग, स्थानीय प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

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