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Thursday, March 7, 2024

परीक्षा माफिया से पार नहीं पा सकीं जांच एजेंसियां, STF से लेकर सीबीआई तक ने की जांच, नतीजा सिफर

परीक्षा माफिया से पार नहीं पा सकीं जांच एजेंसियां,STF से लेकर सीबीआई तक ने की जांच, नतीजा सिफर

ठोस कार्रवाई न होने के कारण परीक्षा माफिया के हौसले बुलंद

एसटीएफ से लेकर सीबीआई तक ने की जांच, नतीजा सिफर


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले में सात साल से सीबीआई जांच चल रही है। वहीं, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती-2018 में पेपर लीक मामले में चार साल से एसटीएफ जांच कर रही है और अब आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक मामले में एटीएफ को जांच सौंपी गई है। अब तक हुई जांचों में नतीजा सिफर ही रहा है और परीक्षा माफिया हावी रहे हैं।


परीक्षा माफिया से पार पाना जांच एजेंसियों के लिए मुश्किल हो गया है। सीबीआई अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच आयोजित आयोग की उन परीक्षाओं की जांच कर रही है, जिनके परिणाम इस अवधि में जारी किए गए थे। जांच के दौरान पीसीएस-2015 में धांधली के सुबूत मिलने पर सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में धांधली सामने आने पर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पर मुकदमा दर्ज करा गया था।


इसके अलावा सीबीआई ने - पीसीएस परीक्षा-2014, समीक्षा अधिकारी/सहायक - अधिकारी-2014, समीक्षा लोअर सबऑर्डिनेट भर्ती-2013 और - मेडिकल की दो सीधी भर्तियों में - गड़बड़ी मिलने पर प्रारंभिक जांच - (पीई) दर्ज की थी। हालांकि, अब - तक किसी भी मामले में सीबीआई - ने कोई सीधी कार्रवाई नहीं की है और न ही जांच पूरी हो सकी है। - सीबीआई ने जनवरी-2018 में - अपनी जांच शुरू की थी। वहीं, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 में हिंदी और सामाजिक विज्ञान का प्रश्न पत्र लीक होने पर एसटीएफ को जांच सौंपी गई थी।


यह जांच तकरीबन चार साल से चल रही है। मामले में एसटीएफ ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और प्रिंटिंग प्रेस संचालक को गिरफ्तार किया था। बाद में परीक्षा नियंत्रक को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। एसटीएफ की ओर से मामले में चार्जशीट दाखिल किए जाने पर आयोग ने हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय का परिणाम तो जारी कर दिया लेकिन यह जांच अब तक अधूरी ही है।


वहीं, आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2016 में पेपर लीक मामले में सीबीसीआईडी ने कई वर्षों तक जांच करने के बाद रिपोर्ट में लिखा था कि परीक्षा में पेपर लीक के कोई साक्ष्य नहीं मिले लेकिन मामला जब कोर्ट में गया तो आयोग ने परीक्षा निरस्त कर दोबारा कराई। इस बार आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक का मामला सामने आया है और जांच एसटीएफ को सौंपी गई है।

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