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Tuesday, March 5, 2024

पुलिस भर्ती बोर्ड से हटाई गईं डीजी रेणुका मिश्रा, राजीव कृष्णा को मिली कमान

पुलिस भर्ती बोर्ड से हटाई गईं डीजी रेणुका मिश्रा,  राजीव कृष्णा को मिली कमान


लखनऊ। सिपाही भर्ती परीक्षा कदाचार मामले में राज्य सरकार ने भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा को हटा दिया है। उन्हें फिलहाल प्रतीक्षारत रखा गया है। उनकी जगह डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का गलत चयन, एफआईआर कराने में हीलाहवाली और बोर्ड की आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट में देरी की वजह से उन्हें हटाने का फैसला किया गया। सूत्रों का कहना है, जांच में जुटी एसटीएफ जल्द ही प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा सकती है। 


UP Police Paper Leak: योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, अब पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष को हटाया

Up Police Exam Paper Leak Case: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है, अब डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।


सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में राज्य सरकार ने भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा को हटा दिया है। उन्हें फिलहाल प्रतीक्षारत रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का गलत चयन, एफआईआर कराने में हीलाहवाली और बोर्ड की आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट देने में देरी की वजह से उनको हटाने का फैसला लिया गया है।


वहीं दूसरी ओर डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा पर राज्य सरकार ने भरोसा जताते हुए उनको भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सूत्रों की मानें तो पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ जल्द ही प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकती है। अब तक हुई जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने के प्रमाण मिल रहे हैं।


Uttar Pradesh Police Recruitment paper leak case | Recruitment Board Chairperson Renuka Mishra has been removed from the post and Rajeev Krishna has been given the responsibility of the Recruitment Board.
— ANI (@ANI) March 5, 2024


एसटीएफ की टीमें प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों, कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों आदि के बारे में गहनता से पड़ताल करने में जुटी हैं। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही पेपर लीक मामले में कई अन्य जिलों में भी एफआईआर कराने की तैयारी है।


यूपी एसटीएफ ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
यूपी के सभी 75 जिलों में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बाद में यूपी सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया था। साथ ही छह माह में इसे फिर से कराने के निर्देश जारी किए गए थे। 

मामले में कार्रवाई करते हुए यूपी एसटीएफ ने बीती दो मार्च को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ को इनके पास से प्रवेश पत्र व अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। मामले में विभूतिखण्ड थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तार किए गए अरोपियों में प्रयागराज का अजय सिंह और सोनू सिंह यादव शामिल हैं।

सिपाही भर्ती परीक्षा में प्रदेश के करीब 50 लाख युवाओं ने भाग लिया था। परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया गया था। पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का एलान किया गया था। वहीं एक मार्च को एसटीएफ ने लोनी के पुश्ता पुलिस चौकी के पास से एक और आरोपी कपिल तोमर निवासी ग्राम बेगमाबाद गढ़ी बागपत को गिरफ्तार किया था।

पेपर लीक मामले में एफआईआर
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के लिए 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा के दौरान कृष्णानगर स्थित एक स्कूल में परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार के पास मिली सवालों के जवाब की पर्ची से पेपर लीक होने की आशंका जताई थी। एफआईआर दर्ज कराने वाले इंस्पेक्टर ने भी तहरीर में सुनियोजित तरीके से पेपर लीक होने की बात लिखी। वहीं, परीक्षार्थी को सवालों के जवाब व्हाट्सएप पर भेजने वाले आरोपी नीरज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ा है। आरोपी नीरज को प्रश्नों की जानकारी कहां से मिले, यह अहम सवाल अभी तक अनसुलझा है।

परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर मिला था सॉल्व पेपर
पूछताछ में पता चला था कि सॉल्व पेपर उसे परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर मिला था। पुलिस रवि को मुकदमा दर्ज करने के बाद जेल भेज चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सॉल्व कॉपी का राज खोलने के लिए अब अभ्यर्थी के मोबाइल से डिलीट किए गए डाटा की रिकवरी की जा रही है। अभी भी पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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