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Friday, August 5, 2022

दरोगा भर्ती का मामला कोर्ट में, अफसरों को नोटिस, दागी संस्था से सीधी भर्ती 2020-21 कराने का आरोप, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में दी चुनौती

दरोगा भर्ती का मामला कोर्ट में, अफसरों को नोटिस, दागी संस्था से सीधी भर्ती 2020-21 कराने का आरोप, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में दी चुनौती


प्रयागराज : दरोगा भर्ती प्लाटून कमांडर पीएसी एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती 2020-21 का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। प्रदेश के 18 से अधिक जिलों के कई अभ्यर्थियों ने चयन में धांधली व अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को इस याचिका पर आला पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है।


पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन व परीक्षा कराने वाली कार्यदायी संस्था नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसएआईटी) को

भी नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने तनु चौधरी व कई अन्य की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि परीक्षा संपन्न कराने वाली संस्था पहले से ही मध्य प्रदेश व उत्तराखंड में ब्लैक लिस्टेड है। इसी संस्था ने वर्ष 2016-17 में दरोगा नागरिक पुलिस की परीक्षा संपन्न कराई थी। उक्त भर्ती पर भी अनियमितता के आरोप लगे। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बावजूद उक्त संस्था से 2020-21 की परीक्षा मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग का भी अनुबंध कर दिया। कोर्ट से इस की गई है।

याचिकाकर्ताओं का आरोप शारीरिक दक्षता के लिए पहुंचे तो धमकाया गया, केस दर्जकर जेल भेज दिया

■ याचिका के अनुसार 24 फरवरी 2021 को पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 9534 रिक्त पदों का विज्ञापन निकाला। इनमें 9027 दरोगा सिविल पुलिस, 484 प्लाटून कमांडर पीएसी एवं 23 अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पद शामिल थे। विज्ञापन के अनुसार ऑनलाइन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की समीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर चयन होना था।

■ याचियों ने कोर्ट को बताया कि वे सभी लिखित व शारीरिक मानक परीक्षा में पास होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए मई 2022 में भर्ती केंद्र पर उपस्थित हुए। उनका आरोप है कि वहां पर उनका साक्षात्कार लिया जाने लगा। पूछा गया कि उन्हें लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक कैसे मिले? कम समय में 160 प्रश्न कैसे हल कर लिए?

■ आरोप है कि भर्ती केंद्र पर याचीगणों के साथ गाली-गलौज कर उन्हें धमकाया गया। उसी दिन विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया। जमानत पर छूटने के बाद याची अभ्याथियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है तथा उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल कर चयन की कार्यवाही पूरी करने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने याचिका को विचारणीय मानते हुए सभी विपक्षियों को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।

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