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Tuesday, August 16, 2022

रिजल्ट रद्द के खिलाफ अपील पर सवाल उठाए, पीसीएस प्री पर सुनवाई नियमित खंडपीठ के समक्ष 23 अगस्त को

रिजल्ट रद्द के खिलाफ अपील पर सवाल उठाए, पीसीएस प्री पर सुनवाई नियमित खंडपीठ के समक्ष 23 अगस्त को

 
● हाईकोर्ट ने कहा, आयोग को नियम व कानून का पालन करना चाहिए

● पूर्व सैनिकों का पांच फीसदी आरक्षण न देने पर किया था परिणाम रद्द



प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस प्री 2021 का परिणाम रद्द करने के खिलाफ दाखिल विशेष अपील के औचित्य सवालिया निशान लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि आयोग को नियम व कानून का पालन करना चाहिए। हालांकि फिर मामले को नियमित खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कहते हुए सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तारीख लगा दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी ने दिया। मंगलवार को नियमित खंडपीठ के न बैठने से अपील को सुनवाई के लिए इस खंडपीठ के समक्ष भेजा गया था। खंडपीठ ने लंच के पूर्व सुनवाई शुरू की। आयोग की ओर से कहा गया कि एकल पीठ के आदेश के विरुद्ध 75 से आधार बनाए गए हैं। लंच के बाद दोबारा सुनवाई के दौरान आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि एकल पीठ ने तथ्यों को पूरी तरह से नहीं देखा और एकपक्षीय आदेश कर दिया। कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की विशेष अपील के औचित्य पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि उसे नियमों और कानून का पालन करना चाहिए। साथ ही 23 अगस्त की तारीख लगाते हुए कहा कि मामले को नियमित खंडपीठ के समक्ष ही प्रस्तुत किया जाए। याची के अधिवक्ता एबीएन त्रिपाठी ने अपील पर जवाबी हलफनामा प्रस्तुत किया गया, जिसे कोर्ट ने ़फाइल में शामिल कर लिया।

गौरतलब है कि एकल पीठ ने भर्ती प्रक्रिया में पूर्व सैनिकों का पांच फीसदी आरक्षण न देने पर पीसीएस प्री 2021 के प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया। एकल पीठ ने आयोग को पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी का आरक्षण देते हुए नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विशेष अपील में एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है।

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