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Tuesday, December 19, 2023

इंटरव्यू में सेना जैसी कसौटी पर परखे जाएंगे भावी PCS अफसर

प्रयागराज : इंटरव्यू में सेना जैसी कसौटी पर परखे जाएंगे भावी PCS अफसर

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग साक्षात्कार तकनीक में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। देश में पहली बार यूपीपीएससी में हुई 14 राज्यों के आयोगों के सदस्यों की कार्यशाला में की चर्चा की गई।

सेना में चयन से पहले इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को जिन कसौटियों पर परखा जाता है, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) भी उन्हीं कसौटियों पर भावी पीसीएस अफसरों को परखेगा। यूपीपीएससी और अन्य राज्यों के आयोगों में इंटरव्यू तकनीक में बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘विकसित भारत-2047’ को ध्यान में रखते हुए आयोगों के माध्यम से ऐसे प्रशासनिक अफसर खोजे जाएंगे, जिनमें उच्चकोटि की नेतृत्व क्षमता, नैतिकता, ईमानदारी, साहस, सहानुभूति और संवदेनशीलता हो। यूपीपीएससी में सोमवार को देश के 14 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के सदस्यों की ‘इंटरव्यू तकनीक’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। देश में आयोगों के सदस्यों की यह पहली कार्यशाला है।

मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने इस कार्यशाला के दूरगामी परिणाम आने की उम्मीद जताई। वहीं, बतौर विशेषज्ञ सेना के सेलेक्शन सेंटर, ईस्ट के कमाडेंट मेजर जनरल मनोज कुमार ने सेना में इंटरव्यू तकनीक से आयोगों के सदस्यों को अवगत कराया। मेजर जनरल मनोज कुमार ने बताया कि जब हम इंटरव्यू लेते हैं तो मिल्खा सिंह नहीं, बल्कि विक्रम बत्रा जैसा अफसर ढूंढ़ते हैं, जिसमें उच्चकोटि की नेतृत्व क्षमता और साहस हो।

सेलेक्शन कोई भी हो, अभ्यर्थी लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचता है। ऐसे में इंटरव्यू के दौरान उसके ज्ञान को नहीं, बल्कि व्यक्तित्व को परखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू कभी धारणा बनाकर नहीं लेना चाहिए। बोर्ड में बैठे विशेषज्ञ अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को इस तरह से परखें कि वह आने वाले 30-40 वर्षों में नौकरी के दौरान अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ पूरा कर सके।

एथिक्स प्रशिक्षक नंदितेश निलय ने आयोगों के सदस्यों से कहा कि व्यक्तित्व का आकलन अगर एथिक्स के आधार पर नहीं होता है तो वह अधूरा है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि इंटरव्यू में एथिक्स को केंद्र में रखकर सवाल पूछे जाएं। सरकार भी चाहती है कि अफसर अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझें और यह तभी हो सकता है, जब इंटरव्यू के दौरान एथिक्स के आधार पर अभ्यर्थी को व्यक्तित्व परीक्षण हो।


PCS की इंटरव्यू प्रक्रिया में जल्द दिखेगा बड़ा बदलाव, इंटरव्यू तकनीक पर हुई कार्यशाला, होंगे यह बदलाव

● इंटरव्यू तकनीक पर हुई कार्यशाला

● 14 लोकसेवा आयोग अध्यक्ष हुए शामिल


प्रयागराज । देशभर के लोक सेवा आयोग में प्रशासनिक एवं अन्य पदों पर चयन के लिए होने वाले इंटरव्यू की प्रक्रिया में बहुत जल्द बड़ा बदलाव दिखेगा। प्रयागराज में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सहित देशभर के 14 लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की मौजूदगी में इंटरव्यू तकनीक पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें इंटरव्यू को और अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाने पर मंथन हुआ। तय हुआ कि इंटरव्यू में आने वाले प्रतियोगियों को ठीक वैसे ही परखा जाए, जैसे सेना में परखा जाता है।


चर्चा में कहा गया कि बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल और ऑफ द पीपुल के तर्ज पर बाई द कंडीडेट, फॉर द कंडीडेट और ऑफ द कंडीडेट की अवधारणा को अपनाते हुए इंटरव्यू लिए जाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि जिसका इंटरव्यू लिया जा रहा है वह कोई निरीह या अक्षम नहीं है। किसी भी स्थिति में अभ्यर्थी को हतोत्साहित न होने दिए जाए ताकि राज्य की प्रशासनिक सेवा के लिए बेहतर से बेहतर का चयन किया जा सके।



साक्षात्कार तकनीक पर होगा मंथन, बड़े बदलाव की तैयारी
UPPSC में आज जुटेंगे 14 राज्यों के आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य

18 दिसंबर 2023
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में सोमवार को देश के 14 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य जुटने जा रहे हैं। साक्षात्कार तकनीक पर आधारित इस एक दिनी कार्यशाला में अध्यक्ष और सदस्य अपने सुझाव देंगे। सुझावों के आधार पर भविष्य में साक्षात्कार तकनीक में बड़े बदलाव की तैयारी है। कार्यशाला का उद्घाटन सुबह नौ बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता करेंगे।


यूपीपीएससी ने भर्ती में पारदर्शिता के मद्देनजर बीते दिनों साक्षात्कार तकनीक में कई अहम बदलाव किए हैं। आयोग सीधी भर्ती की साक्षात्कार तकनीक में भी बदलाव करने जा रहा है। अब तक एक सदस्य और एक विशेषज्ञ का साक्षात्कार बोर्ड होता था, लेकिन अब दो सदस्यों और दो विशेषज्ञों का साक्षात्कार बोर्ड होगा। 


ऐसे अहम बदलावों के प्रभाव को लेकर भी कार्यशाला में मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही कार्यशाला में शामिल होने जा रहे 14 राज्यों के आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य  वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) की सफलता का राज भी जानेंगे। 


यूपीपीएससी देश का एकमात्र आयोग है, जिसने ओटीआर को सफलतापूर्वक लागू किया। इससे पूर्व कुछ अन्य आयोगों ने भी ओटीआर व्यवस्था को लागू करने का प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली। ओटीआर की व्यवस्था ने आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से सरलीकृत कर दिया है।


आयोग की उपलब्धियां बनीं नजीर

यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के कार्यभार संभालने के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार के साथ ही आयोग ने खुद को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में भी विकसित करने की कवायद शुरू की है। आयोग में अत्याधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से लैस 11 मंजिल का जी-11 भवन बनने जा रहा है। ओपन एयर ऑडिटोरियम का निर्माण भी हो रहा है। आयोग के गेट नंबर पांच और छह को सारनाथ की प्रतिकृति के रूप में तैयार किया जा रहा है। आयोग एक संग्रहालय भी बनवा रहा है। ओपन एयर ऑडिटोरियम और संग्रहालय में आम लोगों को भी एंट्री मिलेगी।

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