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Monday, December 18, 2023

डाऊनलोड करें उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली Download Uttar Pradesh Shiksha Sewa Niyamavali 2023

तीन वर्ष में चयन प्रक्रिया शुरू न होने पर विज्ञापन होगा रद


लखनऊ। शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली के अनुसार आयोग विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा।


शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जाएगी, जो दो घंटे की वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी। आयोग लिखित परीक्षा के लिए 90 फीसदी और साक्षात्कार के लिए 10 फीसदी अंकों का प्रावधान करेगा। सभी लिखित परीक्षाएं जिला मुख्यालयों पर कराई जाएंगी। 


डिग्री कॉलेजों में प्राचार्य व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयन लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के आधार पर होगा। नियमावली में कहा गया है कि यदि तीन वर्ष के अंदर विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन प्रक्रिया नहीं शुरू होती है तो आयोग संबंधित विज्ञापन को निरस्त कर सकता है। आयोग को नया विज्ञापन जारी करने का अधिकार होगा। 


अल्पसंख्यक संस्थानों में अध्यापकों के लिए चयन का विज्ञापन के लिए पदों की सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी। उनकी चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार बोर्ड में एक विशेषज्ञ प्रतिनिधि अतिरिक्त रखा जाएगा।




उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की हर मंगलवार होगी बैठक

24 घंटे पहले सदस्यों सूचना देंगे सचिव, कैबिनेट की तरह होगी नए आयोग की बैठक

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की बिल्डिंग में स्थापित होने जा रहे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक राज्य कैबिनेट की तरह प्रत्येक मंगलवार को होगी। 13 दिसंबर को जारी नए आयोग की नियमावली 2023 में यह व्यवस्था दी गई है। यदि मंगलवार को कार्यदिवस न हो तो उसके ठीक अनुवर्ती दिवस यानि बुधवार को बैठक होगी। 


वैसे तो आवश्यकता पड़ने या कम से कम दो सदस्यों के लिखित अनुरोध पर अध्यक्ष किसी भी समय आयोग की असाधारण बैठक बुला सकते हैं। असाधारण बैठक के लिए सचिव कम से कम 24 घंटे पहले सदस्यों को अग्रिम सूचना देंगे। प्रत्येक बैठक की तारीख और को बैठक की समय अध्यक्ष के पूर्व अनुमोदन के बाद सचिव जारी करेंगे। 


सचिव बैठक की कार्यसूची तैयार करके उसे अध्यक्ष से अनुमोदित कराएंगे और प्रत्येक सदस्य को बैठक की नोटिस के साथ भेजेंगे। आयोग की किसी भी बैठक के लिए गणपूर्ति (कोरम) उस समय उपलब्ध कुल सदस्यों की आधी संख्या होगी। हालांकि कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित बैठक के लिए कोरम की अपेक्षा नहीं की जाएगी। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठतम सदस्य आयोग की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। 


हालांकि अध्यक्ष की अनुपस्थिति में लिए गए निर्णय और कार्रवाई की रिपोर्ट कार्यभार ग्रहण करने पर उनके समक्ष रखी जाएगी। आयोग के सदस्य की वरिष्ठता राज्य सरकार की ओर से जारी नियुक्ति आदेश के ज्येष्ठता क्रम के अनुसार तय होगी। यदि दो या अधिक सदस्य एक ही तारीख को पदग्रहण करें तो राज्य सरकार के नियुक्ति आदेश के वरिष्ठता क्रम के अनुसार ज्येष्ठता में उच्चतर स्थान पर रखा जाएगा।


 यथासंभव बैठक में लिया गया निर्णय सर्वसम्मति से होगा। किसी मतभेद की स्थिति में आयोग का निर्णय बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत से किया जाएगा। यदि मत समान हो तो अध्यक्ष को निर्णायक मत देने का अधिकार होगा।



दूसरे राज्यों की एजेंसियां करेंगी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, नए शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली में की गई व्यवस्था


प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद आयोग की परीक्षाओं के लिए ओएमआर शीट की छपाई और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश की किसी भी एजेंसी को नहीं दी जाएगी। अन्य राज्यों की प्रतिष्ठित एजेंसियां यह जिम्मेदारी संभालेंगी। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली-2023 में इस व्यवस्था को शामिल किया गया है।


परीक्षा में पारदर्शिता के मद्देनजर तय किया गया है कि नए आयोग के गठन के बाद जो भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, उनकी ओएमआर शीट और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य अलग-अलग ऐसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से कराया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश से बाहर की हों। एजेंसियों को नियुक्त करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि संस्था पंजीकृत हो, उसकी ख्याति अच्छी हो और उसके विरुद्ध किसी भी राज्य में कोई प्रतिकूल तथ्य न पाया गया हो।


ऐसी एजेंसी की नियुक्ति परीक्षा समिति के वरिष्ठतम सदस्य (अध्यक्ष को छोड़कर) की ओर से की जाएगी, जो वरिष्ठतम सदस्य की ओर से दिए गए गए स सभी निर्देशों का यथावत पालन करने के लिए बाध्य होगी और उस कार्य की गोपनीयता से संबंधित जिम्मेदारी संस्था एवं वरिष्ठतम सदस्य की होगी। नियुक्त एजेंसियां ओएमआर शीट की छपाई, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन एवं अन्य कार्य करेंगी और संबंधित प्रपत्र मुहर बंद लिफाफे में परीक्षा समिति के वरिष्ठतम सदस्य को संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।



परीक्षा नियंत्रक की अभिरक्षा में होंगे अभिलेख

नियमावली में प्रावधान किया गया है कि परीक्षाओं से संबंधित सभी संविदाएं लिखित रूप से होंगी और समस्त दस्तावेज एवं परीक्षा संबंधी अभिलेख परीक्षा नियंत्रक के वैयक्तिक अभिरक्षा में रखे जाएंगे, जैसा कि लोक सेवा आयोग में होता है। इससे पूर्व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में परीक्षा नियंत्रक का पद नहीं था, लेकिन दोनों भर्ती संस्थाओं को नए आयोग में समहित किए जाने के बाद शिक्षा सेवा चयन आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद सृजित किया गया है।


नियमों में संदेह तो आयोग का निर्णय अंतिम

नियमावली में किसी विषय पर नियमों में विशेष रूप से कोई व्यवस्था नहीं दी गई है तो उन प्रकरणों पर आयोग जैसा उचित समझे कार्यवाही कर सकता है। अगर नियमों की व्याख्या के बारे में कोई संदेह उत्पन्न होता है तो आयोग की ओर से की गई व्याख्या अंतिम होगी।



नए शिक्षा आयोग में हर तीन वर्ष में पुनरीक्षित होगा विशेषज्ञों का पैनल

पैनल में शामिल विशेषज्ञों के नाम रखे जाएंगे गुप्त, शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली में की गई व्यवस्था


प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग में विशेषज्ञों का पैनल हर तीन साल में पुनरीक्षित किया जाएगा। साथ ही पैनल में शामिल विशेषज्ञों के नाम पूरी तरह से गुप्त रखे जाएंगे। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली में यह व्यवस्था की गई है। नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि विशेषज्ञों के पैनल का गुप्त दस्तावेज होगा और उसे मुहरबंद लिफाफे में सचिव या उनके द्वारा अधिकृत किए गए किसी अन्य राज्यपत्रित अधिकारी की अभिरक्षा में रखा जाएगा। जब अध्यक्ष की ओर से लिखित रूप से मांग की गई जाएगी, तब मुहरबंद लिफाफे को प्रस्तुत किया जाए‌गा। साथ ही विशेषज्ञों का पैनल हर तीन साल में एक बार पुनरीक्षित किया जाएगा।


किसी साक्षात्कार बोर्ड में उपस्थित होने वाले विशेषज्ञ को आयोग की ओर से निधर्धारित दर के आधार पर पारिश्रमिक और शासनादेश के अनुसार यात्रा भत्ता दिया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में प्रदेश के बाहर कसे विशेषज्ञों को अनुमन्य वायुबान किराया अध्यक्ष के अनुमोदन से दिया जाएगा।



साक्षात्कार में कम से कम 40 व अधिकतम 90% मिलेंगे अंक, शिक्षक भर्ती के लिए गठित आयोग ने बनाई नियमावली


लखनऊ : शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के आधार पर साक्षात्कार के लिए आमंत्रित अभ्यर्थियों को अनिवार्य रूप से न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम १० प्रतिशत तक अंक दिए जाएंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली में इसका उल्लेख किया गया है।

शिक्षा सेवा चयन आयोग बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा से लेकर व्यावसायिक शिक्षा के अनुदेशकों तथा सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कालेजों के शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। नियमावली के अनुसार योग्य एवं सक्षम शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में अंतिम अंक (कटआफ) प्राप्त करने वाले समस्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 

जिन पदों पर साक्षात्कार लिया जाना आवश्यक है, उसमें आयोग लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट जारी करेगा। यदि लिखित परीक्षा, साक्षात्कार तथा अनिवार्य अर्हता के प्रतिशत अंक समान हैं तो अधिक आयु वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाएगी।

चयनित अभ्यर्थी यदि किसी कारण से आवंटित संस्था में पद ग्रहण नहीं कर सका, तो ऐसे अभ्यर्थी के समायोजन के लिए। अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ऐसे चयनित अभ्यर्थी को प्रभार ग्रहण न करने के कारणों का उल्लेख करते हुए निदेशक को सूचित करना होगा। निदेशक की रिपोर्ट और संस्तुति के आधार पर आयोग चयनित अभ्यर्थी का समायोजन करेगा।



शिक्षक भर्ती में 90% नंबर लिखित, 10% इंटरव्यू के, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अधिसूचना जारी, जहां इंटरव्यू नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के होंगे पूरे नंबर

वरिष्ठ आईएएस, कुलपति या प्रोफेसर बन सकेंगे अध्यक्ष


लखनऊ। प्रदेश में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों व सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी गई। इसमें आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों के चयन, अधिकारियों की योग्यता और शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा व इंटरव्यू के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसके अनुसार आयोग विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन लेगा। अध्यापक व अनुदेशकों को भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। 


लिखित परीक्षा दो घंटे की वस्तुनिष्ठ आधार पर होगी। लिखित परीक्षा के लिए 90 प्रतिशत नंबर और 10 फीसदी नंबर इंटरव्यू के होंगे। जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के ही पूरे नंबर जोड़े जाएंगे। पूर्णांक का निर्धारण आयोग करेगा। लिखित परीक्षा जिला मुख्यालयों पर ही आयोजित की जाएगी।


 ऐसे में बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए लिखित परीक्षा व शैक्षिक गुणांक की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव हो सकता है। अब इनका चयन या तो सीधे लिखित परीक्षा या लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के आधार पर होगा। वहीं यूजी पीजी कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए चयन लिखित परीक्षा व एपीआई के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों में से रिक्तियों के सापेक्ष तीन से पांच गुणा लोगों को बुलाया जाएगा। 


उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल की ओर से जारी नियमावली के अनुसार आयोग का अध्यक्ष प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस, किसी विश्वविद्यालय के कुलपति, वरिष्ठ प्रोफेसर (दस साल का अनुभव, तीन साल का प्रशासनिक अनुभव हो) होगा। वहीं सदस्यों में सचिव स्तर के आईएएस, उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक बेसिक या माध्यमिक शिक्षा, न्यायिक सेवा के, छह सदस्य शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले होंगे।



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