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Tuesday, December 19, 2023

PCS: नहीं रह गया विषय का महत्व, साक्षात्कार तकनीक में बदलाव से व्यक्तित्व परीक्षण पर रहेगा विशेष जोर, अभ्यार्थियों को देने होंगे परिस्थिति आधारित सवालों के जवाब

PCS:  नहीं रह गया विषय का महत्व, साक्षात्कार तकनीक में बदलाव से व्यक्तित्व परीक्षण पर रहेगा विशेष जोर, अभ्यार्थियों को देने होंगे परिस्थिति आधारित सवालों के जवाब


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इंटरव्यू तकनीक में बदलाव की नींव दस माह पहले रख दी थी, जब पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाए का निर्णय लिया था। इस बदलाव के बाद अब पीसीएस मुख्य परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक विषय का महत्व नहीं रह गया है।


आयोग ने वर्ष 2019 में पीसीएस मुख्य परीक्षा से पांच विषय हटाए थे, जिनमें रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, अरबी, फारसी और कृषि अभियांत्रिकी विषय शामिल थे। इसके बाद आयोग ने फरवरी-2023 में पीसीएस मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों की अनिवार्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया और पीसीएस- 2023 में वैकल्पिक विषय की जगह सामान्य अध्ययन के यूपी विशेष दो  प्रश्नपत्रों को शामिल कर लिया। 


वैकल्पिक विषय हटाने के पीछे तर्क दिया गया कि शासन और प्रशासन को ऐसे अफसर चाहिए, जो अपने प्रदेश को अच्छी तरह से समझते और जानते हैं, क्योंकि पीसीएस में चयन के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों के बीच जाकर बतौर प्रशासक काम करना है। इसी को आधार मानते हुए पीसीएस मुख्य परीक्षा में यूपी विशेष  सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र शामिल किए गए।


ये प्रश्नपत्र यूपी की योजनाओं, संस्कृति, लोक कलाओं, यूपी के इतिहास, सभ्यता, वास्तुकला, यूपी में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे, सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा, साहित्य, बोली, सामाजिक प्रथाएं, पर्यटन, यूपी की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, सिंचाई, खनिज, परिवहन तंत्र, औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएं, बुनियादी ढांचा, यूपी का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग पर आधारित हैं।


यूपीपीएससी में 18 दिसंबर को आयोजित 14 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के सदस्यों की राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल विशेषज्ञों और यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने भी इस बात पर जोर दिया कि इंटरव्यू में परिस्थिति आधारित सवाल पूछे जाएं। अभ्यर्थियों का आकलन किया जाए कि उनमें नेतृत्व क्षमता और संवेदनशीलता का स्तर क्या है, क्योंकि उन्हें समाज के बीच रहकर प्रशासनिक व्यवस्था संभालनी है। 


इंटरव्यू तकनीक में बदलाव को वकालत करते हुए विशेषज्ञों और आयोग के अध्यक्ष ने कहा था कि अभ्यर्थी तो परीक्षा उत्तीर्ण करके इंटरव्यू तक पहुंच रहा है, इसलिए इंटरव्यू में उसके विषय या ज्ञान का परीक्षण करने से ज्यादा जरूरी उसके व्यक्तित्व का परीक्षण करना है। विशेषज्ञों और सदस्यों ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक सेवाओं में विषय को ज्यादा महत्व न दिया जाए, बल्कि उच्च गुणवत्ता की नेतृत्व क्षमता वाले भावी अफसरों को तलाशा जाए।

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