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Thursday, January 20, 2022

भर्तियों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ मुंडन कराने पर छात्रों की गिरफ्तारी का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग

भर्तियों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ मुंडन कराने पर छात्रों की गिरफ्तारी का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग


प्रयागराज : भर्तियों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ मुंडन कराने वाले प्रतियोगी छात्रों की गिरफ्तारी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं अधिवक्ता केके राय समेत अधिवक्ता रमेश कुमार एवं प्रबल प्रताप ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की है।


अधिवक्ता ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक रूप से मुंडन कराने वाले विद्यार्थियों पर लाठी भांजने एवं गिरफ्तार कर उन्हें थाने ले जाने को गैरकानूनी बताया है। उनका कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के विपरीत है। उधर, प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि मुंडन कराना को अपराध नहीं है। साथ ही सरकार से पूछा है कि मुंडन संस्कार से पूर्व अगर सरकार से अनुमति लेने की कोई बाध्यता है तो इसके लिए किस अधिकारी के पास जाना होगा।


छात्रों ने अधिवक्ताओं के प्रति जताया आभार

इस मुद्दे पर तमाम छात्र संगठन प्रतियोगी छात्रों के समर्थन में उतर आएं हैं। युवा मंच, नव समग्र मंच, बीएड बीपीएड बेरोजगार संघ, अनुदेशक संघ, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग संघर्ष समिति, बीएड संघर्ष मोर्चा, कृषि तकनीकी सहायक मोर्चा, युवा महासंघ, ईडब्ल्यूएस आरक्षण मोर्चा, यूपीपीसीएस अतिरिक्त अवसर मोर्चा, टीजीटी पीजीटी संघर्ष समिति समेत कई संगठनों की ओर से छात्रों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा गया है कि मैं प्रतियोगी हूं यह एक शब्द मात्र नहीं है, बल्कि यह करोड़ों प्रतियोगियों के परिवार की पहचान है।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने सभी छात्र संगठनों एवं अधिवक्ताओं का आभार जताते वह कहा कि हम सभी को एक मंच पर आकर प्रदेश में एक व्यापक लड़ाई युवाओं के मुद्दे पर लड़नी चाहिए। सरकार जिस प्रकार दमनात्मक रवैया अपना रही है, वह किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।




भर्तियों  को लेकर और बेरोजगारी के खिलाफ छात्रों ने कराया मुंडन, पिंडदान से पहले पुलिस ने लिया हिरासत में, इन मुद्दों पर आंदोलन कर रहे छात्र



प्रयागराज : भर्तियों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने बृहस्पतिवार को संगम तट पर मुंडन कराया। इसके बाद सत्ता का पिंडदान करने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस फोर्स ने मुंडन करने वाले नाई और दो छात्रों को हिरासत में ले लिया। कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया गया। छात्रों और नाई के खिलाफ शांति भंग में चालान की कार्रवाई की गई। बाद में तीनों को छोड़ दिया गया। छात्रों का कहना है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और अगली बार सत्ता का पिंडदान करेंगे।



प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के पूर्व घोषित कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सुबह से ही संगम तट और आसपास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। छात्र वहां 11.30 बजे के आसपास पहुंचे। एक घंटे तक पुलिस और छात्रों के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा।


छात्रों को जब कहीं जगह नहीं मिली तो संगम नोज पर दोपहर 12.30 बजे मुंडन कराने के लिए बैठ गए। जैसे ही कुछ छात्रों का मुंडन हुआ, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हंडिया निवासी प्रतियोगी छात्र आशुतोश पांडेय, भदोही के रहने वाले छात्र आशुतोष पांडेय और मुंडन करने वाले रीवा (मध्य प्रदेश) निवासी नाई सुशील सेन को हिरासत में ले लिया।


पुलिस ने रोक दिया पिंडदान का कार्यक्रम
पुलिस की इस कार्रवाई पर छात्रों ने विरोध दर्ज कराते हुए पिंडदान का कार्यक्रम रोक दिया। पुलिस ने भी लाठी भांजते हुए छात्रों को वहां से हटा दिया। आशुतोष और कुछ छात्रों का आधा मुंडन ही हो पाया था। पुलिस ने आशुतोष, अनपुम और सुशील के खिलाफ शांति भंग में चालान की कार्रवाई करने के बाद उन्हें छोड़ दिया।


प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय एवं मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है। उनका कहना है कि प्रतियोगियों की जायज मांगों पर इस प्रकार बर्बरता पूर्वक दमन का सहारा ले कर सरकार कहीं न कहीं अपने डर और भ्रष्टाचारियों को बचाने के अपने एजेंडे को प्रदर्शित कर रही है, लेकिन प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति इस लड़ाई को जारी रखेगी।


इन मुद्दों पर आंदोलन कर रहे छात्र


• सीबीआई जांच में तेजी लाने के लिए एसआईटी का गठन हो

• माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाई जाए और बोर्ड के अंदर बैठे नकल माफिया की जांच हो

• प्राथमिक शिक्षक भर्ती शीघ्र शुरू कराई जाए

• ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गों के समान आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट मिले

• यूपीपीएससी पूर्व की भांति प्रारंभिक परीक्षा के अंक भी बताए

• यूपीपीएससी परीक्षा परिणाम वाले दिन ही प्राप्तांक एवं कटऑफ जारी करे। साथ ही अंतिम उत्तरकुंजी जारी हो

• अभ्यर्थियों की कॉपियां स्कैन कर यूपीपीएससी की वेबसाइट पर अपलोड की जाएं

• भर्ती परीक्षाओं के कैलेंडर के साथ परीक्षाओं के पूर्ण होने की समय सीमा भी निर्धारित की जाए

• उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 22 विभिन्न प्रकार की भर्तियों के तहत 30 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया समय से पूरी करे

• यूपीपीएससी की जो भी भर्तियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को स्थानांतरित की गईं थीं, उन्हें वापस यूपीपीएससी से कराने की अनुमति दी जाए


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