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Tuesday, January 18, 2022

आठ साल में भर्ती पूरी नहीं कर सका चयन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का काम पिछड़ा, 31 जनवरी तक प्रधानाचार्य भर्ती 2013 मुमकिन नहीं

आठ साल में भर्ती पूरी नहीं कर सका चयन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का काम पिछड़ा, 31 जनवरी तक प्रधानाचार्य भर्ती 2013 मुमकिन नहीं

प्रयागराज : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य भर्ती 2013 की प्रक्रिया काफी जद्दोजहद और मुकदमेबाजी के बाद किसी तरह शुरू तो हुई लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन होना भी नामुमकिन दिख रहा है। कोर्ट ने 24 नवंबर और तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 31 जनवरी तक भर्ती पूरी करने के आदेश दिए थे।


इसके बाद चयन बोर्ड ने 599 पदों के लिए 25 फरवरी 2014 तक लिए गए ऑफलाइन आवेदन पत्र को ऑनलाइन करते हुए अभ्यर्थियों को आठ जनवरी तक सत्यापित करने के निर्देश दिए। ऑनलाइन आवेदन पत्र में तमाम त्रुटियां होने की शिकायत मिलने पर बोर्ड ने 16 जनवरी तक संशोधन का मौका दिया जो बीत चुका है। अब सत्यापित आवेदन पत्रों की जांच की जा रही है जिसमें दो से तीन दिन और लगने की उम्मीद है। उसके बाद नियमानुसार दस दिन पहले साक्षात्कार पत्र भेजना पड़ेगा। प्रत्येक पद पर सात अभ्यर्थियों के हिसाब से कुल 4193 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने के बाद 31 जनवरी तक परिणाम घोषित करना अब नामुमकिन है। सूत्रों के अनुसार चयन बोर्ड अब हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगने की तैयारी कर रहा है।

डेढ़ साल से नियुक्ति के लिए भटक रहे

प्रयागराज :सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ के प्रधानाचार्य / वरिष्ठ प्रवक्ता (डायट) में रिक्त सात सीट के सापेक्ष अभ्यर्थियों की सूची लोक सेवा आयोग से मिलने के बावजूद लटकी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 23 जनवरी 2014, 24 जून 2019 और 6 फरवरी 2020 को आयोग से सूची मांगी थी। आयोग ने 16 जून 2020 को सूची भेज दी लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुआ। अभ्यर्थी धनंजय द्विवेदी अब तक आठ बार जनता दर्शन में जा चुके हैं। इसमें 28 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई के आदेश भी दिए लेकिन कुछ नहीं हुआ।

कार्यवाहक प्रधानाचार्य नहीं चाहते पूरी हो भर्ती

चयन बोर्ड से नियमित प्रधानाचार्यों का चयन नहीं के कारण कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे प्रधानाचार्य भी नहीं चाहते की भर्ती पूरी हो। दरअसल कार्यवाहक प्रधानाचार्य को छह महीने बाद नियमित प्रधानाचार्य का वेतनमान मिलने लगता है। उसी पद से कार्यवाहक के रूप में सेवानिवृत्त होने पर पेंशन में भी लाभ मिलता है।

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