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Tuesday, March 18, 2025

2,189 करोड़ से 62 राजकीय ITI की संवारी जाएगी सूरत, टाटा टेक्नोलाजीज के साथ व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने किया MOU साइन

2,189 करोड़ से 62 राजकीय ITI की संवारी जाएगी सूरत, टाटा टेक्नोलाजीज के साथ व्यावसायिक शिक्षा विभाग ने किया MOU साइन

प्रत्येक आइटीआइ के उन्नयन पर 34.54 करोड़ रुपये होंगे खर्च 

इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल मशीनिंग में दक्ष होंगे आईटीआई के छात्र

पांच सेंटर फार इनोवेशन, इनवेंशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT) का भी होगा निर्माण 


लखनऊ : प्रदेश में 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को 2,189.46 करोड़ रुपये खर्च कर अपग्रेड किया जाएगा। यहां प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक कार्यशाला बनाई जाएंगी व नवीनतम मशीनें लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों को नए-नए ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन आइटीआइ के उन्नयन के लिए मंगलवार को प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डा. हरिओम व टाटा टेक्नोलाजीज लिमिटेड (टीटीएल) के ग्लोबल हेड एंड वाइस प्रेसिडेंट सुशील कुमार ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।


राजधानी में आइटीआइ, अलीगंज में टीटीएल द्वारा स्थापित की गई अत्याधुनिक लैब में आयोजित कार्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल मौजूद थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वरोजगार स्थापित करने पर जोर दें तथा नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 5,472 करोड़ रुपये की लागत से 149 आइटीआइ का उन्नयन किया जा चुका है। अब दूसरे चरण में 62 आइटीआइ के उन्नयन पर खर्च होने वाले कुल 2,189.46 करोड़ रुपये में से 1,877.08 करोड़ रुपये टीटीएल खर्च करेगी और बाकी धन राज्य सरकार खर्च करेगी। 


प्रत्येक आइटीआइ के उन्नयन पर 34.54 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विद्यार्थियों को सात नए दीर्घकालीन ट्रेड और 15 अल्पकालीन ट्रेड में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इन ट्रेड से संबंधित अत्याधुनिक मशीनें, उपकरण, ई कंटेंट और साफ्टवेयर इत्यादि स्थापित किया गया है। इस निवेश से हर साल एक हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस्ड सीएनसी मशीनिंग, श्री-डी प्रिंटिंग और इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स जैसे अत्याधुनिक ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

प्रशिक्षण कार्य में सहयोग के लिए टीटीएल प्रत्येक संस्थान में पहले दो वर्षों के लिए दो-दो प्रशिक्षक व तीसरे और चौथे वर्ष के लिए एक-एक विषय विशेषज्ञ की भी तैनाती करेगा। वहीं दूसरी ओर 1,132.62 करोड़ रुपये की लागत से पांच सेंटर फार इनोवेशन, इनवेंशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआइआइआइटी) का निर्माण भी टीटीएल करेगी। यह सीआइआइआइटी लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा व बरेली के आइटीआइ को विकसित कर बनाए जाएंगे। 

प्रत्येक आइटीआइ का 226.52 करोड़ रुपये से कायाकल्प कर उसे सीआइआइआइटी के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां नवाचार व शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। टीटीएल प्रत्येक सीआइआइआइटी में पांच वर्षों के लिए आठ प्रशिक्षकों की तैनाती करेगी। कार्यक्रम में टीटीएल के वाइस प्रेसिडेंट पुष्पराज कालगुड ने कहा कि उनकी कंपनी सेमीकंडक्टर के निर्माण में तेजी से प्रगति कर रही है। युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। ऐसे में वह हुनरमंद बन इसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम में विशेष सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास अभिषेक सिंह भी मौजूद थे।



दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 62 और ITI होंगी अपग्रेड

लखनऊ। प्रदेश में आईटीआई की पढ़ाई करने वाले युवाओ युवाओं को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देने व रोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से दूसरे चरण में 62 और आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। जनवरी में हुई कैबिनेट की बैठक में लगी मुहर के बाद मंगलवार को व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग टाटा के साथ एमओयू करेगा।


प्रदेश में टाटा के सहयोग से पहले चरण में 149 आईटीआई को अपग्रेड किया जा चुका है। यहां पर अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए मशीनों को लगाने के साथ ही अनुदेशकों को प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही एक दर्जन नई ब्रांच की पढ़ाई भी शुरू कराई गई है। इसी क्रम में अब दूसरे चरण में विभाग 62 और आईटीआई को अपग्रेड करेगा। इन अपग्रेड होने वाली आईटीआई में भी एक दर्जन नए ट्रेड की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। 


वहीं यहां से प्रशिक्षण पाकर निकलने वाले युवाओं को टाटा में रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। इस पर कुल 3634 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टीटीएल 2851 करोड़ और प्रदेश सरकार 783 करोड़ देगा। यहां से सालाना 12500 छात्र प्रशिक्षण पाकर निकलेंगे। इसके साथ ही पांच सेंटर फॉर इनोवेशन, इनवेंशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी) भी लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा व बरेली की राजकीय आईटीआई को अपग्रेड कर बनाया जाएगा।

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