कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे यूपी के अशासकीय महाविद्यालय, पांच साल से नई भर्ती के लिए जारी नहीं किया गया कोई विज्ञापन, जल्द ही भर्ती शुरू करने की तैयारी
प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के तकरीबन 50 पद रिक्त पड़े हैं। पांच साल से किसी नई भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। ऐसे में कई महाविद्यालय कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग रिक्त पदों पर भर्ती जल्द शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय से रिक्त पदों का विवरण मांगा गया है।
इससे पूर्व वर्ष 2020 में उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसका परिणाम वर्ष 2021 में जारी किया गया था। हालांकि, प्रबंधन और प्राचार्य के बीच विवाद के कारण तकरीबन 45 महाविद्यालयों में नवनियुक्त प्राचार्य इस्तीफा देकर अपने पूर्व तैनाती वाले संस्थान में लौट गए। विवाद के कई मामले उच्च शिक्षा निदेशालय तक भी पहुंचे।
कई ऐसे मामले भी सामने आए, जहां प्रबंधन चयनित अभ्यर्थियों को प्राचार्य पद पर ज्वाइन कराने को तैयार नहीं था। ऐसे में उच्च शिक्षा निदेशालय को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद अभ्यर्थियों को प्राचार्य के पद पर कार्यभार ग्रहण कराया गया। इसके बाद भी तकरीबन 45 प्राचार्य अपना पद छोड़कर चले गए और संबंधित महाविद्यालयों का संचालन अब कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे है।
इस बीच आधा दर्जन प्राचार्य सेवानिवृत्त हो गए हैं। ऐसे में रिक्त पदों की संख्या 50 से ऊपर पहुंच गई है। शिक्षा सेवा चयन आयोग ने कुछ दिनों पहले उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों के साथ बैठक कर प्राचार्य के रिक्त पदों का अधियाचन मांगा था, ताकि इन पदों पर नई भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा सके। हालांकि, निदेशालय की ओर से अब तक अधियाचन उपलब्ध नहीं कराया गया है।
उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध है। लेकिन, अधियाचन किस प्रारूप में भेजना है, यह अभी तय नहीं है। इस बारे में शिक्षा सेवा चयन आयोग के अफसरों को अवगत करा दिया गया है। आयोग से अधियाचन के लिए नया प्रारूप मांगा गया है। प्रारूप मिलते ही आयोग को रिक्त पदों का विवरण भेज दिया जाएगा।
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