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Tuesday, March 18, 2025

सहायक कुलसचिव पद के लिए आवेदन पर आपत्ति, विश्वविद्यालय या राजकीय कार्यालय में न्यूनतम सात वर्ष की सेवा के अनुभव को लेकर फंसा पेच

सहायक कुलसचिव पद के लिए आवेदन पर आपत्ति, विश्वविद्यालय या राजकीय कार्यालय में न्यूनतम सात वर्ष की सेवा के अनुभव को लेकर फंसा पेच

यूपीपीएससी के सचिव को "पत्र लिखकर की मांग


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (केंद्रीयित) सेवा सहायक कुलसचिव परीक्षा-2024 के लिए शिक्षकों के आवेदन पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सचिव को ज्ञापन देकर विज्ञापन की अनिवार्य अर्हताएं पूरी न करने वाले शिक्षकों के आवेदन निरस्त करने की मांग की है।

पत्र में शिक्षक ही नहीं, कई ऐसे संविदा व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने भी आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक इसके लिए अर्ह नहीं होने वाले भी गलत तरीके से सात वर्षों की सेवा का प्रमाणपत्र प्राप्त कर आवेदन कर दिए हैं। सहायक कुलसचिव परीक्षा 27 व 28 अप्रैल को प्रस्तावित है। एक पद के लिए 173 की दावेदारी से स्पर्धा कठिन हो गई है।

सहायक कुलसचिव के 38 पदों पर भर्ती के लिए 6569 अभ्यर्थी आवेदन किए हैं। इसके लिए वही अर्ह हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या उसके समकक्ष उपाधि प्राप्त की हो, हिंदी का अच्छा ज्ञान हो, किसी राजकीय या विश्वविद्यालय के कार्यालय में न्यूनतम सात वर्ष कार्य करने के अनुभव संग अंग्रेजी-हिंदी में आलेखन और लेखा नियमों का ज्ञान हो।

अभ्यर्थियों ने आयोग के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि परीक्षा के लिए कई ऐसे व्यक्तियों ने भी आवेदन किए हैं, जो विज्ञापन में निर्धारित अनिवार्य अर्हता 'किसी राजकीय कार्यालय या विश्वविद्यालय के कार्यालय में न्यूनतम सात वर्ष कार्य करने का अनुभव' को धारित नहीं करते हैं। आवेदन करने वाले ऐसे व्यक्ति प्रदेश के उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित शिक्षण संस्थानों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं।

इन शिक्षकों की ओर से अपने प्राचार्य/प्रधानाचार्य/हेड मास्टर या अन्य संबंधित अधिकारियों से न्यूनतम सात वर्ष के कार्य अनुभव का प्रमाण पत्र प्राप्त कर संलग्न किया गया है, जो विज्ञापन की शर्तों के विपरीत है। इनको कार्यालय पद्धति व लेखा नियमों का अनुभव नहीं है। इनकी कार्य पद्धति भी राजकीय व विश्वविद्यालय के कार्यालयों में कार्य कर रहे कर्मचारियों से भिन्न प्रकार की है।

इनके अतिरिक्त ऐसे भी आवेदन किए गए हैं, जिनकी नियुक्ति सिर्फ फील्ड के कार्यों के संपादन के लिए फील्ड में ही की जाती है। यह दावा भी किया गया है कि संविदा कर्मियों, आउटसोर्सिंग व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ओर से भी सहायक कुलसचिव पद के लिए आवेदन किए गए हैं, जो विज्ञापन में उल्लिखित अनिवार्य अर्हता को पूरी नहीं करते हैं।




सहायक कुलसचिव के 38 पदों के लिए 6569 दावेदार, 27 और 28 अप्रैल को परीक्षा 

173 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया एक सीट के लिए

■ कर्मचारियों से मांगे गए थे ऑनलाइन आवेदन 
■ आरटीआई में पूछे सवालों के जवाब में दी सूचना


प्रयागराज । सरकारी विभागों में अफसरी के लिए बेरोजगार युवा ही नहीं नौकरीशुदा लोग भी अच्छी-खासी प्रतिस्पर्धा करते दिखते हैं। उदाहरण के तौर पर राज्य विश्वविद्यालयों में सहायक कुलसचिव (असिस्टेंट रजिस्ट्रार) के 38 पदों पर भर्ती को ही लें। इसमें वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की स्नातक या उसके समकक्ष उपाधि और हिंदी का अच्छा ज्ञान हो। साथ ही किसी राजकीय कार्यालय या विश्वविद्यालय के कार्यालय में न्यूनतम सात साल कार्य का अनुभव और अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों में आलेखन तथा लेखा नियमों का ज्ञान होना जरूरी था।

यानि इसमें सात साल या अधिक सरकारी नौकरी कर चुके अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते थे। खास बात यह है कि इस भर्ती में भी एक पद के लिए औसतन 173 सरकारी सेवक कतार में हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक आरटीआई में पूछे सवालों के जवाब में सूचना दी है कि इस भर्ती के लिए कुल 6569 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। पहले इसकी लिखित परीक्षा दो व तीन मार्च को होनी थी।

 हालांकि महाकुम्भ में उमड़ी भीड़ और बोर्ड परीक्षाओं के कारण केंद्र नहीं मिलने पर आयोग को परीक्षा टालनी पड़ गई थी। अब यह परीक्षा 27 और 28 अप्रैल को होनी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (केंद्रीयित) सेवा सहायक कुलसचिव परीक्षा 2024 के तहत चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिए होगा। 38 पदों में 18 अनारक्षित, 10 ओबीसी, सात एससी और ईडब्ल्यूएस के लिए तीन पद आरक्षित हैं।


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