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Friday, July 5, 2024

UPPSC : अब गृह जनपद में आवंटित नहीं होंगे परीक्षा केंद्र

UPPSC : अब गृह जनपद में आवंटित नहीं होंगे परीक्षा केंद्र

पुरुष अभ्यर्थियों के मंडल से बाहर और महिला अभ्यर्थियों के मंडल में होंगे केंद्र केवल दिव्यांग अभ्यर्थियों को गृह जनपद में आवंटित किए जाएंगे परीक्षा केंद्र


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के सभी भर्ती आयोगों, बोर्ड और अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षा में अभ्यर्थियों को अब उनके गृह जनपद में परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किए जाएंगे। केवल दिव्यांग अभ्यर्थियों को गृह जनपद में परीक्षा केंद्र मिलेंगे।

शासन की ओर से जारी दिशा- निर्देशों के अनुसार एक से अधिक जनपद में परीक्षा के आयोजन की स्थिति में पुरुष अभ्यर्थियों को उनके गृह मंडल में परीक्षा केंद्र आवंटित नहीं किए जाएंगे। हालांकि, शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे अभ्यर्थियों को उनके गृह मंडल के निकट किसी अन्य मंडल के जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे।

वहीं, महिला परीक्षार्थियों को उनके गृह जनपद में तो परीक्षा केंद्र नहीं मिलेंगे, लेकिन मंडल से बाहर भी उन्हें नहीं भेजा जाएगा। मंडल में गृह जनपद से इतर किसी दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। केवल दिव्यांग अभ्यर्थियों को गृह जनपद में केंद्र आवंटित होंगे। परीक्षा केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा, जिससे एक स्थान के परीक्षार्थी एक ही केंद्र में परीक्षा न दे सकें।



UPPSC : परीक्षा में आंख की पुतली से होगी अभ्यर्थी की पहचान, आइरिस कैप्चर करने के साथ बायोमीट्रिक हाजिरी की भी की होगी व्यवस्था

हर परीक्षा केंद्र पर होगी सीसीटीवी की नजर


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आयोग हर अभ्यर्थी की आंख की पुतली (आइरिस कैप्चरिंग) से उसकी पहचान करेगा।

बायोमीट्रिक हाजिरी भी ली जाएगी और हर केंद्र सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगा। यूपीपीएससी में सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है।


आयोग की ओर से हाल ही में आयोजित की गई सहायक नगर नियोजक प्रारंभिक परीक्षा-2023 में प्रयोग के तौर पर इसे लागू किया गया। इन दिनों आयोजित की जा रही अपर निजी सचिव भर्ती के तहत द्वितीय चरण की कंप्यूटर टंकण और आशुलिपिक परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों से केंद्रों की निगरानी की जा रही है। आयोग परिसर में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम से केंद्रों की सीधी निगरानी की जा रही है।

आयोग के सूत्रों ने बताया पीसीएस, आरओ/एआरओ, पीसीएस जे और आयोग की अन्य सभी परीक्षाओं में आइरिस कैप्चरिंग, बायोमीट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी कैमरों के इस्तेमाल का निर्णय लिया गया है। पीसीएस, आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में तो लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं और प्रदेश के ज्यादातर जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं।

आयोग की भर्ती परीक्षाओं के दौरान हर केंद्र पर मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली जाएगी, ताकि अभ्यर्थी अनुचित साधन की कोई सामग्री अपने साथ न ले जा सकें। मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था भी एजेंसी एजसा करेगी। आयोग की परीक्षाओं में पहली बार इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।

परीक्षा के दौरान हर केंद्र तक आयोग के किसी प्रतिनिधि का पहुंच पाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में आयोग ने इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी एक एजेंसी को सौंप दी है। परीक्षा के दौरान हर अभ्यर्थी की बायोमीट्रिक हाजिरी और आइरिस कैप्चरिंग होगी। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी वास्तविक आवेदक है या नहीं


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