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Monday, July 29, 2024

गर्भावस्था कोई बीमारी या विकलांगता नहीं, सरकारी नौकरी से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता : हाईकोर्ट

गर्भावस्था कोई बीमारी या विकलांगता नहीं, सरकारी नौकरी से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता : हाईकोर्ट 


नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि गर्भा वस्था कोई बीमारी या विकलांगता नहीं है। यह महिलाओं को सरकारी नौकरी से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है। हाई कोर्ट ने सरकार और रेलवे सुरक्षा बल को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने कांस टेबल पद के लिए एक गर्भवती महिला की शारीरिक दक्षता परीक्षा को टालने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।


जस्टिस रेखा पल्ली और शालिंदर कौर की पीठ ने आरपीएफ और केंद्र सरकार द्वारा महिला के साथ किए गए व्यवहार पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। पीठ ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार और आरपीएफ ने गर्भा वस्था को बीमारी या विकल गता की तरह माना है, जिसके कारण महिओं को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा सकता है। 


हमारे विचार में मातृत्व को कभी भी महिओं को  जनिक रोजगार के अवसरों से वंचित करने का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए और न ही बनाया जा सकता है।' पीठ ने कहा कि आरप एफ याचिक कर्ता के लिए पीईटी को कुछ महीनों के लिए स्थगित कर सकता था, क्योंकि उसने उन्हें सूचित किया था कि वह गर्भवती है और ऊंची कूद, लंबी कूद और दौड़ जैसे कार्य नहीं कर सकती। हाई कोर्ट ने आरपीएफ को छह हफ्ते में महिला की जांच, दस्तावेज सत्यापन कर पात्रता के आधार पर कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया।

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