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Monday, July 8, 2024

UPPSC : परीक्षा से 45 मिनट पहले खुलेगी ओएमआर शीट

UPPSC : परीक्षा से 45 मिनट पहले खुलेगी ओएमआर शीट


प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) भर्ती परीक्षाओं को अधिक सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने के लिए अहम कदम उठाया है। प्रश्नपत्रों और ओएमआर शीट के बंडल को स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र सुपरवाइजर व सह केंद्र सुपरवाइजर, केंद्र व्यवस्थापक के समक्ष परीक्षा से 45 मिनट पहले खोला जाएगा। उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करके फुटेज सुरक्षित रखा जाएगा। जिससे परीक्षा के दौरान किसी प्रकार का विवाद न खड़ा हो सके।

इसके साथ ही आयोग स्तर पर एक कंट्रोल रूम होगा। जहां पर नामित पर्यवेक्षण अधिकारी की टीम की ओर से सीसीटीवी लाइव स्ट्रीमिंग से परीक्षा पर पैनी नजर रखी जाएगी। सूत्रों की मानें तो आयोग की आगामी भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों के साथ-साथ परीक्षा केंद्र पर पर तैनात है कार्मिकों की भी कक्ष में आने पर सघन तलाशी ली जाएगी। उन्हें परीक्षा पूर्ण होने तक किसी भी दशा में परीक्षा केंद्र के बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। आयोग की भर्ती परीक्षा में कौन सापेपर सेट प्रयोग किया जाएगा, इसका निर्णय आयोग परीक्षा से पांच घंटे पहले करेगा। प्रत्येक सेट में मल्टीपल सीरीज के प्रश्नपत्र तैयार होंगे तथा हर सीरीज में प्रश्न अलग-अलग क्रमांक पर होंगे।


आयोग तैयार कराएगा 3 सेट ओएमआर 

आयोग भर्ती परीक्षाओं के लिए अब तीन सेट ओएमआर तैयार कराएगा। पहले दो ही ओएमआर तैयार किए जाते थे। कोषागार में रखने की व्यवस्था आयोग में नहीं थी। आयोग के सूत्रों की मानें तो ओएमआर की मुख्य कॉपी आयोग में रहेगी। ओएमआर की द्वितीय प्रति अभ्यर्थी परीक्षा के बाद अपने साथ ले जा सकेंगे। ओएमआर की तृतीय प्रति कोषागार में सुरक्षित रख दी जाएगी




अब परीक्षा केंद्रों में नहीं पहुंचेंगे अतिरिक्त पेपर
पेपर लीक रोकने के लिए UPPSC ने लागू की व्यवस्था

गड़बड़ी हुई तो आसानी से पता लग सकेगा कि किस स्तर पर हुई गलती



प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की किसी भी परीक्षा में केंद्रों तक एक भी अतिरिक्त प्रश्न पत्र नहीं ले जाया जाएगा। प्रश्न पत्रों की संख्या अभ्यर्थियों की संख्या के बराबर होगी। ऐसे में बक्से खुलने के बाद अगर एक भी पेपर कम निकलता है तो इसकी जांच कराई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेपर लीक हुआ है या नहीं। पेपर लीक रोकने और गड़बड़ी करने वालों पर नजर रखने के लिए आयोग की ओर से उठाया गया यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


यूपीपीएससी के साथ अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षा में भी इसे लागू करने की तैयारी है। नई व्यवस्था के तहत प्रश्न पत्रों को सात लेयर में सुरक्षित रखने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि केंद्र में पेपर पहुंचने के बाद बाहर न आ सके।


नई व्यवस्था के तहत प्रश्न पत्रों को अलग से लोहे के डिजिटल लॉक वाले बक्सों में रखा जाएगा, जिस पर आगे-पीछे दो ताले लगेंगे और हर प्रश्न पत्र अलग से सील बंद पैकेट में होगा। ऐसे में परीक्षा केंद्रों में उतने ही प्रश्न भेजे जाएंगे, जितने अभ्यर्थी उस केंद्र में परीक्षा देने के लिए पंजीकृत हैं। अगर सभी अभ्यर्थी उपस्थिति नहीं हैं तो बचे हुए प्रश्न पत्रों को वापस डिजिटल लॉक वाले बक्सों में रख दिया जाएगा। अगर पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या के मुकाबले बक्सों से कम पेपर निकलते हैं तो यह भी जांच का विषय होगा।


प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को लेकर इन तमाम व्यवस्थाओं के लागू होने के बाद कोषागार से पेपर निकलने और अभ्यर्थियों के बीच वितरित होने तक हर चरण में यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि प्रश्न पत्रों से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं। परीक्षा से पहले या परीक्षा के दौरान अगर पेपर वायरल होने के आरोप लगाए जाते हैं तो यह पता लगाने में भी देर नहीं लगेगी कि गड़बड़ी हुई है या नहीं और अगर हुई है तो किस स्तर हुई।

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