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Wednesday, July 3, 2024

आखिर मेडिकल कॉलेजों में किस तरह की शिक्षा दी जा रही? भर्तियों में आरक्षित वर्ग के साथ अनारक्षित वर्ग में भी नहीं मिल पा रहे योग्य अभ्यर्थी

आखिर मेडिकल कॉलेजों में किस तरह की शिक्षा दी जा रही? भर्तियों में आरक्षित वर्ग के साथ अनारक्षित वर्ग में भी नहीं मिल पा रहे योग्य अभ्यर्थी


प्रयागराज : लोक सेवा आयोग को चिकित्साधिकारी पद के लिए आरक्षित वर्ग के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। आयोग ने एक माह के भीतर चिकित्साधिकारियों की दो बड़ी भर्तियों का परिणाम घोषित किया। दोनों ही भर्तियों में आरक्षित वर्ग का एक भी पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण नहीं भरा जा सका। खास बात यह है कि इस तरह की दिक्कत आरक्षित वर्ग के साथ ही अब अनारक्षित वर्ग में भी आ रही है। अनारक्षित वर्ग के भी सभी रिक्त पदों पर चयन नहीं हो पा रहा है।


एक ओर जहां बेरोजगारों की बढ़ती संख्या को लेकर हो-हल्ला मचा रहता है, वहीं चिकित्साधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए योग्य अभ्यर्थियों का न मिल पाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल योग्यता और मेडिकल की शिक्षा व्यवस्था को लेकर है कि आखिर मेडिकल कॉलेजों में किस तरह की शिक्षा दी जा रही है कि आयोग को योग्य चिकित्साधिकारी नहीं मिल पा रहे हैं।


 बहरहाल, इस वजह से प्रदेश में चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदों पर तैनाती नहीं हो पा रही है, जिससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। खास तौर से ग्रामीण इलाकों में और भी ज्यादा खराब स्थिति है। ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से ग्रामीणों को इलाज के लिए मजबूरन प्राइवेट डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है।


लोक सेवा आयोग ने 16 जून को चिकित्साधिकारी ग्रेड-2 पीडियाट्रिशियिन और दो जुलाई को चिकित्साधिकारी ग्रेड-2 जनरल सर्जन (जनरल एवं न्यूरो सर्जन तथा प्लास्टिक एवं गैस्ट्रो सर्जन) का परिणाम घोषित किया। इन दोनों बड़ी भर्तियों में चिकित्साधिकारी के कुल 851 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन चयन सिर्फ 109 पदों पर ही हो सका। शेष 742 पद खाली रह गए। खास बात यह है कि जिन 109 पदों पर चयन हुआ, वो सभी अनारक्षित वर्ग थे। हालांकि इसके लिए भी पद के सापेक्ष योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल पाए। दोनों भर्तियों में अनारक्षित वर्ग के 142 पद थे। 33 पद इस श्रेणी के भी खाली रह गए। दोनों भर्तियों को मिलाकर ओबीसी के 339, एससी के 263, एसटी के 23 और ईडब्ल्यूएस के 84 पदों पर चयन नहीं हो सका। रिक्त पदों को आयोग ने शासन को वापस भेज दिया है।

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