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Thursday, July 4, 2024

आयोग की भूल मानवीय नहीं, दर्ज करें आपराधिक मुकदमा, PCS J मुख्य परीक्षा में कॉपी बदले जाने की पोल खोलने वाले अभ्यर्थी की मांग

आयोग की भूल मानवीय नहीं, दर्ज करें आपराधिक मुकदमा, PCS J मुख्य परीक्षा में कॉपी बदले जाने की पोल खोलने वाले अभ्यर्थी की मांग 

एमपी और दिल्ली की तर्ज पर हाईकोर्ट कराए भर्ती परीक्षा, उपलब्ध कराई जाए ई-कॉपी


प्रयागराज। पीसीएस जे मुख्य परीक्षा-2022 में कॉपी बदले जाने की पोल खोलने वाले अभ्यर्थी श्रवण पांडेय चाहते हैं कि इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने जिन दोषी अफसरों को निलंबित किया है या विभागीय कार्रवाई की है, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज होने चाहिए।

'अमर उजाला' से बातचीत में श्रवण ने कहा कि आयोग की यह भूल मानवीय नहीं हो सकती। इस भूल के कारण न जाने कितने अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। ऐसा पहले भी हो चुका है। जिन अफसरों को निलंबित किया गया, दो-चार माह बाद उन्हें फिर बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन जो अभ्यर्थी इससे प्रभावित हुए, उन्हें भारी मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। इसके लिए जिम्मेदार अफसरों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना ही चाहिए।

यूपी पीसीएस जे की भर्ती परीक्षा में पहली बार शामिल हुए श्रवण को अब यूपीपीएससी की भर्ती परीक्षा पर भरोसा नहीं रह गया है। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से गुहार लगाई लगाई कि मध्य प्रदेश (एमपी) और दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट को यह भर्ती सीधे अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। उन्होंने कॉपी दिखाए जाने के मसले पर भी यूपीपीएससी पर सवाल उठाए हैं।

श्रवण का कहना है कि छह कॉपियां देखने के लिए अधिकतम 30 मिनट का समय दिया जाता है। इतने समय में तो अभ्यर्थी अपने नंबरों को ही जोड़ सकता है जबकि कॉपियां इस उद्देश्य से दिखाई जाती हैं कि अभ्यर्थी स्वयं का मूल्यांकन कर सके कि उसने परीक्षा क्या किया और कितने सुधार की जरूरत है।

श्रवण का कहना है कि बिहार और एमपी में अभ्यर्थियों को एक निर्धारित शुल्क पर ई-कॉपी (स्कैन कॉपी) उपलब्ध कराई जाती है। अगर यूपीपीएससी अभ्यर्थियों को कॉपियां दिखाकर अपनी कार्यप्रणाली के पारदर्शी होने का दावा करता है तो उसे भी एमपी और बिहार की तर्ज पर अभ्यर्थियों को ई- कॉपी उपलब्ध करानी चाहिए।

स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग

अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने स्वतंत्र एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि

यूपीपीएससी ने जो गलती की, उसकी जांच भी वह स्वयं कर रहा है। ऐसे में जांच पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। क्या गारंटी कि दूसरे अभ्यर्थियों की कॉपियां भी न बदली गई हों। आयोग अपनी जांच में मानवीय भूल का दावा कर रहा है। यह दावा कितना सही है, यह तो स्वतंत्र एजेंसी की जांच के बाद ही पता चला सकता है।

हल्द्वानी के रहने वाले हैं श्रवणः कॉपी बदले जाने से प्रभावित अभ्यर्थी श्रवण पांडेय मूलतः हल्द्वानी के रहने वाले हैं। उन्होंने गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से विधि की पढ़ाई की और वर्तमान में उत्तराखंड हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं।

श्रवण ने कहा, जिन अफसरों को निलंबित किया गया, दो चार माह बाद उन्हें फिर बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन जो अभ्यर्थी इससे प्रभावित हुए, उन्हें भारी मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा।




PCS J: आयोग से हाईकोर्ट ने मांगा अभ्यर्थियों का ब्योरा, पांच दिन में जवाब दाखिल करने का दिया गया निर्देश, 50 अभ्यर्थियों को दोबारा इंटरव्यू के लिए बुला सकता है आयोग

पीसीएस जे :  हाईकोर्ट ने रिजल्ट में संशोधन के बाद मेरिट में आने-बाहर होने वालों की जानकारी देने का निर्देश, आयोग की समय सीमा से सहमत नहीं कोर्ट

 
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पीसीएस जे 2022 लिखित परीक्षा के परिणाम में संशोधन के बाद प्रभावित होने वाले अभ्यर्थियों का पूरा विवरण लोक सेवा आयोग से तलब किया है। कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष से कहा है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्बताएं कि उत्तरपुस्तिकाओं में मिली गड़बड़ी में संशोधन के बाद कितने अंक बदले जाएंगे। 

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पीसीएस जे 2022 लिखित परीक्षा के परिणाम में संशोधन के बाद प्रभावित होने वाले अभ्यर्थियों का पूरा विवरण लोक सेवा आयोग से तलब किया है। कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष से कहा है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट रूप से बताएं कि उत्तरपुस्तिकाओं में मिली गड़बड़ी में संशोधन के बाद कितने अंक बदले जाएंगे। उन अभ्यर्थियों का पूरा विवरण जो इंटरव्यू में बुलाने के लिए अयोग्य ठहराए गए थे, संशोधन के बाद और संशोधन से पूर्व उनको मिले अंकों का विवरण। साथ ही संशोधन के बाद जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना है उनके संशोधन से पूर्व और संशोधन के बाद प्राप्त अंकों का विवरण दें। इसके अलावा सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तरपुस्तिकाओं में मास्टर कोड बदलने या यदि कोई अन्य खामी पाई गई है तो उसका पूरा विवरण प्रस्तुत किया जाए।

पीसीएस जे के अभ्यर्थी श्रवण पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने याची के अधिवक्ता विभू राय और आयोग के वकील निशीथ यादव को सुनने के बाद आयोग द्वारा सभी अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिकाएं दिखाए जाने के निर्णय पर कोई हस्तक्षेप ना करते हुए इस कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया है।

इससे पूर्व आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी सुनील कुमार द्वारा एक जुलाई को कोर्ट में प्रस्तुत हलफनामे और सील बंद जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया कि 50 अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी पाई गई है। हलफनामे में बताया गया कि अंग्रेजी की उत्तरपुस्तिकाओं के दो बंडलों पर फेक मास्टर कोड आपस में बदल गए। इससे एक बंडल के 25 अभ्यर्थियों के अंक दूसरे बंडल के 25 अभ्यर्थियों से बदल गए। हालांकि आयोग ने अपने हलफनामे में संभावना जताई है कि मेरिट लिस्ट में संशोधन से कुछ चयनित अभ्यर्थी बाहर होंगे और उनके स्थान पर दूसरे अभ्यर्थी आएंगे। फलस्वरूप जो लोग गलती की वजह से मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए थे उनको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा और नई चयन सूची तैयार करनी होगी।


अंग्रेजी में कम अंक मिलने का लगाया आरोप

प्रयागराज : पीसीएस जे-2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले के बीच मथुरा की संगीता चौधरी ने भी अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का आरोप लगाया है। संगीत ने एक चैनल पर इंटरव्यू देते हुए कहा कि पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी विषय में कम अंक मिले हैं। अगर हमारी उम्मीद के अनुसार अंग्रेजी में अंक मिले होते तो मेरा चयन हो जाता। कहा कि सेलेक्शन नहीं हुआ तो परिवार के सपने टूट गए। उसने भी आशंका जताई कि हमारी कॉपी में भी हेरफेर हुई। संगीता ने यह भी कहा कि 2018 से तैयारी कर रही हूं।

संशोधित परिणाम 30 अगस्त तक तैयार कर लेंगे आयोग

आयोग ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसने सभी 3019 अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिकाएं देखने के लिए बुलाया है। ताकि मूल्यांकन में यदि कोई अन्य गलती हो तो उसका पता चल सके। उत्तरपुस्तिकाएं 30 जुलाई तक दिखाई जाएंगी तथा संशोधित परिणाम 30 अगस्त तक तैयार कर लिया जाएगा।

कोर्ट ने आयोग द्वारा बताई गई इस समय सीमा पर असंतोष जताया। कोर्ट ने कहा कि परिणाम अगस्त 2023 में जारी हो चुका है और चयनित अभ्यर्थी न्यायिक सेवा में विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसे इतने हल्के तरीके से लेने की आयोग को अनुमति नहीं दे सकते। कोर्ट ने कहा आवश्यक संशोधन के लिए इतना समय नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने मांगी गई जानकारी पर आयोग अध्यक्ष को पांच दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।



50 अभ्यर्थियों को दोबारा इंटरव्यू के लिए बुला सकता है आयोग

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल 50 अभ्यर्थियों को दोबारा आयोग इंटरव्यू के लिए बुला सकता है। आयोग ने माना है कि अंग्रेजी भाषा के प्रश्नपत्र के एक बंडल की अंकतालिका के एक पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर गलत कोड चस्पा हो गया था। इससे पचास अभ्यर्थियों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है। जिन अभ्यर्थियों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है उन्हें दोबारा इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।

आयोग ने 30 जुलाई कॉपियों के अवलोकन का समय दिया है। बुधवार को 31 परीक्षार्थियों ने अपनी कॉपी देखी, अब तक 293 अभ्यर्थी अपनी उत्तरपुस्तिका देख चुके हैं। इस प्रक्रिया के बाद इंटरव्यू की घोषणा आयोग कर सकता है। इसे लेकर चयनित अभ्यर्थी भी काफी भयभीत हैं। क्योंकि दोबरा इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थियों अंक अधिक होने पर उन्हें आयोग यदि चयन देगा तो किसे बाहर करेगा। इस प्रक्रिया में आयोग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।




UPPSC : तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पर भी कार्रवाई की तैयारी, पीसीएस-जे-2022 की कॉपी बदले जाने में तीन हो चुके हैं निलंबित

भूल से गलत कोड चस्पा होने के कारण बदले अंक

प्रयागराज। पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा-2022 में अंग्रेजी भाषा की उत्तर पुस्तिकाओं के अंक बदलने की गड़बड़ी वास्तव में लापरवाही से हुई एक मानवीय भूल थी, न कि किसी प्रकार का आपराधिक कदाचार। उत्तर प्रदेश S लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से यह दावा करते हुए कहा गया है कि इस मानवीय भूल के कारण एक भी अभ्यर्थी की गोपनीयता भंग नहीं हुई।

आयोग के सूत्रों ने बताया कि मामले में आयोग की ओर से गठित जांच समिति ने पाया कि परीक्षा में केवल अंग्रेजी भाषा प्रश्नपत्र के एक बंडल की अंकतालिका के एक पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा किए जाने वाले अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) लापरवाही से हुई मानवीय भूल के कारण उसी अंकतालिका के दूसरे पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा हो गया और दूसरे पृष्ठ का अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) पहले पृष्ठ पर चस्पा हो गया। इससे संबंधित अभ्यर्थियों के अंग्रेजी भाषा के उत्तर पुस्तिकाओं के अंक परस्पर आपस में बदल गए और अंग्रेजी भाषा के प्राप्तांक त्रुटिपूर्ण हो गए। मुख्य परीक्षा में कुल छह प्रश्नपत्र थे, जिसमें चार प्रश्न पत्र 200-200 अंकों और दो प्रश्नपत्र 100-100 अंकों के थे। कुल पूर्णांक 1000 अंकों का था। जिस प्रश्नपत्र में मानवीय भूलवश त्रुटि हुई वह मात्र 100 अंकों का था। इस प्रकार की त्रुटि भविष्य में न हो, इसके लिए आयोग द्वारा गोपनीय कार्यों का भी मूल्यांकन कर संस्थागत सुधार का कार्य किया जा रहा है।

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस-जे-2022 मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले में अब तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। इस पूरे मामले में आयोग का मानना है कि मानवीय भूल से ऐसा हुआ है, इससे न तो किसी प्रकार की गोपनीयता भंग हुई है और न ही कोई आपराधिक कदाचार हुआ है। यह काम तीन ऐसी अनुभवी महिलाओं के जिम्मे था, जो लंबे समय से यही काम कर रही हैं।

बता दें कि आयोग ने इस मामले में तीन जिम्मेदार लोगों को निलंबित करते हुए एक उप सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है जबकि एक सेवानिवृत्त सहायक समीक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।

चयनित अभ्यर्थियों की बढ़ी धड़कनें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस-जे-2022 मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले में पांच अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद चयनित अभ्यर्थियों की धड़कने बढ़ गई हैं। इसे लेकर प्रतियोगी छात्रों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। चयनित अभ्यर्थियों में यह डर है कि रिजल्ट बदलने के बाद आखिर क्या होगा। बता दें कि पीसीएस जे-2022 का अन्तिम चयन परिणाम मात्र साढ़े 6 माह में घोषित किया गया था। इसमें 55 महिलाओं को सफलता मिली है।


अंग्रेजी विषय के एक बंडल पर गलत कोड चस्पा किया

आयोग की ओर से गठित जांच समिति ने जांच में पाया कि पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में केवल अंग्रेजी भाषा के प्रश्नपत्र के एक बंडल की अंकतालिका के एक पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा किये जाने वाले अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) लापरवाही युक्त मानवीय भूल के कारण उसी अंकतालिका के दूसरे पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा हो गया तथा तथा दूसरे पृष्ठ का अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) पहले पृष्ठ पर चस्पा हो गया, जिसके कारण संबंधित अभ्यर्थियों (कुल 50) के अंग्रेजी भाषा के उत्तर पुस्तिकाओं के अंक परस्पर आपस में बदल गए और अंग्रेजी भाषा का प्राप्तांक त्रुटिपूर्ण हो गया।


अभ्यर्थियों के हित में फैसला

लोक सेवा आयोग पारदर्शिता के लिए इस परीक्षा में शामिल सभी परीक्षार्थियों को उनकी उत्तर पुस्तिकाएं दिखा रहा है। यह इसलिए काबिले गौर है कि उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की व्यवस्था संघ लोक सेवा आयोग में भी नहीं है। उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने का काम तीस जुलाई तक पूरा हो जाएगा, इसके बाद आयोग परीक्षार्थियों के हित में फैसला लेगा। उत्तर पुस्तिकाएं 20 जून से दिखाई जा रही हैं, अब तक 261 अभ्यर्थी इसे देख चुके हैं।



पीसीएस जे 2022 का परिणाम बदल सकता है आयोग, 
कॉपी बदलने के मामले में तीन निलंबित

प्रयागराज : लोक सेवा आयोग पीसीएस जे 2022 का परिणाम बदल सकता है। सोमवार को हाईकोर्ट में आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी की ओर से दाखिल हलफनामे में इस बात के संकेत मिले कि मुख्य परीक्षा की कॉपी में मिली गड़बड़ी को दूर करने के लिए आवश्यकता हुई तो परिणाम पुन जारी किया जा सकता है। 

हालांकि कोर्ट ने आयोग की ओर से हलफनामे में दी गई जानकारी को पर्याप्त नहीं मानते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को कुछ बिंदुओं पर नए सिरे से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। श्रवण पांडेय की याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

याची के अधिवक्ता विभु राय के मुताबिक लोक सेवा आयोग की ओर से सोमवार को डिप्टी सेक्रेटरी ने हलफनामा दाखिल किया। हलफनामे में आयोग ने स्वीकार किया है कि जांच में लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी मिली है। जो एक दूसरे में मिक्स हो गई है। आयोग इसे दूर करने का प्रयास कर रहा है। इस खामी को दूर करने के लिए रिजल्ट नए सिरे से भी जारी किया जा सकता है। 

कोर्ट ने जानना चाहा कि परिणाम फिर से घोषित करने पर कितने अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर होंगे तथा कितने नए लोगों को स्थान मिलेगा। जो लोग नियुक्त होकर काम कर रहे हैं उनके सम्बन्ध में क्या निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आयोग द्वारा दाखिल हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है इसलिए अध्यक्ष नए सिरे से हलफनामा दाखिल कर सभी जानकारियां उपलब्ध कराएं।

उल्लेखनीय है कि पीसीएस जे 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी अंग्रेजी व हिंदी की उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। आयोग की ओर से अभ्यर्थी को आरटीआई में उपलब्ध कराई गई जानकारी से पता चला कि उसकी उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फटे हुए थे। इसके बाद आयोग ने सभी 18042 उत्तर पुस्तिकाओं की नए सिरे से जांच करने का निर्णय लिया। हाईकोर्ट ने आयोग के इस निर्णय पर भी सवाल उठाया तो आयोग का कहना था कि जांच में कई उत्तर पुस्तिकाओं में इसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है। वह हर प्रकार की गड़बड़ी को दूर करना चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।


 
कॉपी बदलने के मामले में तीन निलंबितअनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी पर हुई कार्रवाई

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा की कॉपी बदलने के मामले में पांच अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया इस मामले की जांच में लापरवाही पाए जाने पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही पर्यवेक्षणीय अधिकारी उप सचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। सेवानिवृत्त सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

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