दो वर्ष पूर्व गठित शिक्षा सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष के सामने समय से भर्तियों की होगी बड़ी चुनौती
अभी तक नहीं कर सका है कोई भर्ती, पूर्व में विज्ञापित पदों की भी प्रक्रिया लंबित, साक्षात्कार व परीक्षाएं हो चुकी हैं स्थगित
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा - चयन आयोग के नए अध्यक्ष पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के सामने - प्रतियोगियों के भरोसे एवं उम्मीदों - को पूरा करने की बड़ी चुनौती होगी। दो साल पहले गठित आयोग अभी तक कोई भी भर्ती नहीं कर सका है। नई भर्ती तो दूर पहले से विज्ञापित - पदों की लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू भी स्थगित करने पड़े हैं।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भंग करके दो साल पहले शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग के पास - प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी है।
उच्च शिक्षा सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन संख्या 51 के अंतर्गत - असिस्टेंट प्रोफेसर के 1302 पदों - के लिए आवेदन लिए गए थे। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जून 2022 में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) के 624 एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के 3539 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। पीजीटी के लिए 4,64,605 और टीजीटी के लिए 8,68,531 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।
अब इन भर्तियों की जिम्मेदारी शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास है। आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा कराने के साथ परिणाम घोषित कर दिया है लेकिन इसके बाद की प्रक्रिया ठप है। प्रो. कीर्ति पांडेय के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद 25 सितंबर से प्रस्तावित साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया।
प्रतियोगियों की ओर से इस परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया गया है। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है। प्रतियोगियों की आपत्तियों के बाद आयोग को नए सिरे से प्रतिवेदन मांगना पड़ा जिसका परीक्षण अभी होना है।
इसके अलावा आयोग की ओर से पीजीटी एवं टीजीटी की भर्ती परीक्षाओं की चार बार तारीखें घोषित की गईं लेकिन हर बार परीक्षाएं टालनी पड़ीं। इस तरह से पीजीटी एवं टीजीटी की भर्ती प्रक्रिया अभी आवेदन तक ही सीमित है। आयोग की ओर से जनवरी में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने की भी घोषणा की गई लेकिन अभी तक इसका विज्ञापन ही जारी नहीं हुआ है यानि आवेदन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई है। ऐसे व में टीईटी का भी टलना निश्चित माना जा रहा है। इससे प्रतियोगियों क में नाराजगी है और वे लगातार आंदोलनरत हैं।
इसके अलावा उच्च शिक्षा एवं व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में 24 हजार से अधिक पदों के लिए अधियाचन भी तैयार है। इस तरह से आयोग के नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार के सामने पुरानी भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करने के साथ नई की व प्रक्रिया शुरू करने की चुनौती होगी।
24,000 से अधिक पदों के लिए जल्द विज्ञापन की उम्मीद
उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर के 1250 पदों का अधियाचन तैयार किया गया है। रिक्त पदों का विवरण मांगा गया है। ऐसे में पदों की संख्या बढ़ सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से भी पीजीटी, टीजीटी, प्रधानाचार्य के 23 हजार से अधिक पदों का अधियाचन तैयार किया जा चुका है। इसके अलावा आयोग का अधियाचन पोर्टल भी तैयार हो चुका है और इसका परीक्षण अंतिम चरण में हैं। ऐसे में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद इन पदों के लिए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। प्राथमिक विद्यालयों में भी लंबे समय से भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में प्रतियोगियों को उम्मीद है कि शिक्षा पात्रता परीक्षा कराने के साथ आयोग में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द होगी।
लखनऊ । यूपी के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज का अध्यक्ष बनाया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। प्रो. कीर्ति पांडेय ने 22 सितंबर को पद से इस्तीफा दे दिया था और इसे सरकार ने 26 सितंबर को स्वीकार कर लिया था। करीब ढाई महीने से नए अध्यक्ष की तैनाती का इंतजार किया जा रहा था जो बुधवार को पूरा हो गया।
नया अध्यक्ष मिलने के बाद अब बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए बनाए गए इस आयोग में अब भर्तियां तेजी से शुरू हो सकेंगी। डीजीपी रह चुके प्रशांत कुमार के प्रशासनिक अनुभव का लाभ आयोग को मिलेगा। भर्ती परीक्षा फूलप्रूफ ढंग से आयोजित कर समय पर उसे पूरा करने की चुनौती भी नए अध्यक्ष के सामने है।
एक सितंबर 2024 को डीडीयू विवि गोरखपुर की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को इसका अध्यक्ष बनाया गया था। मगर तीन वर्ष के अपने कार्यकाल में वह एक वर्ष ही इस पद पर रह सकीं। व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया था।
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