शिक्षक भर्ती से प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था समाप्त, 14 लाख से अधिक प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के एक्ट में प्रावधान नहीं
टीजीटी, पीजीटी, असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राचार्य भर्ती का मामला
प्राफसर व प्राचाय में पहले अधिकतम 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था लागू थी
प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती से प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। इसकी जानकारी होने पर अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों पर लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार और माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के 3539 और प्रवक्ता (पीजीटी) के 624 कुल 4163 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा का इंतजार कर रहे 14 लाख से अधिक प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को झटका लगा है।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 31 अगस्त 2022 तक आवेदन लिए थे। उस समय विज्ञापित पदों के सापेक्ष अधिकतम 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची जारी करने का प्रावधान था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 16 जुलाई 2022 तक लिए गए टीजीटी-पीजीटी के आवेदन में भी 25 प्रतिशत तक प्रतीक्षा सूची जारी करने की व्यवस्था दी गई थी।
हालांकि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अस्तित्व में आने पर इन दोनों आयोग का विलय नए आयोग में दो साल पहले हो गया। नए आयोग के अधिनियम में प्रतीक्षा सूची का प्रावधान ही नहीं है। अब ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर, टीजीटी और पीजीटी की जो भर्ती होगी उसमें प्रतीक्षा सूची जारी होगी या नहीं इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस पर नवगठित आयोग के सचिव मनोज कुमार ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
प्रतीक्षा सूची की व्यवस्था समाप्त नहीं करनी चाहिए, क्योंकि चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में वर्षों लग जाते हैं। इस दौरान तमाम मेधावी छात्रों का चयन दूसरी सेवाओं में होने के कारण पद रिक्त रह जाएंगे। चूंकि भर्ती आने में कई साल लगते हैं, इसलिए प्रतीक्षा सूची समाप्त होने से बेरोजगार छात्रों का नुकसान होगा। हजारों छात्र ओवरएज हो जाएंगे। – अवनीश पांडेय, अध्यक्ष प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति
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