प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक (सिविल पुलिस) / प्लाटून कमांडर पीएसी भर्ती-2021 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के पदों पर महिलाओं को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देते हुए नई मेरिट सूची बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि रिक्त पदों पर उनकी नियुक्ति की जाए। राज्य सरकार भविष्य में ईडब्ल्यूएस वर्ग में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करे। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने नेहा शर्मा और 53 अन्य उम्मीदवारों की याचिका पर दिया।
गौतम बुद्ध नगर की नेहा शर्मा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका कहना था कि पुलिस उपनिरीक्षक (सिविल पुलिस) /प्लाटून कमांडर पीएसी भर्ती 2021 में लगभग 9027 पद थे। इनमें ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत के हिसाब से 952 पद थे। महिलाओं के लिए ईडब्ल्यूएस के 902 पदों का 20 प्रतिशत करीब 181 पदों पर महिलाओं की नियुक्ति की जानी चाहिए थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। ईडब्ल्यूएस में महिलाओं को मात्र 34 सीटें ही मिलीं।
राज्य ने दलील दी कि सामान्य और ईडब्ल्यूएस की श्रेणियों को जोड़कर कुल 903 सीटें महिलाओं को दी गईं। कोर्ट ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि ईडब्ल्यूएस की सीटों में महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण अलग से लागू होना चाहिए। राज्य व अन्य प्रतिवादियों को अलग मेरिट सूची बनाते हुए रिक्त पदों पर मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि चयनित उम्मीदवारों को हटाया नहीं जाएगा। वहीं, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पूर्व सैनिकों की याचिका रिक्त पदों का डाटा न होने के कारण खारिज कर दी।
क्या है क्षैतिज आरक्षण : अधिवक्ता आलोक मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया जाता है। इसके तहत ओबीसी, एससी/एसटी, सामान्य व ईडब्ल्यूएस श्रेणी में जितने भी पद होंगे, उन पदों में से महिलाओं को 20 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। क्षैतिज आरक्षण में महिला, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, एक्स सर्विस मैन, दिव्यांग को शामिल किया गया है।
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