Searching...
Monday, May 5, 2025

रोजगार न मिलने से निराशा, इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के इच्छुक नहीं अभ्यर्थी, पॉलीटेक्निक में खाली रह जा रहीं 50 फीसदी सीटें

रोजगार न मिलने से निराशा, इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के इच्छुक नहीं अभ्यर्थी, पॉलीटेक्निक में खाली रह जा रहीं 50 फीसदी सीटें


लखनऊ। तीन साल की इंजीनियरिंग पढ़ाई के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इससे निराश युवाओं का अब पॉलीटेक्निक से मोह भंग हो रहा है। प्राविधिक शिक्षा परिषद के आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 50 फीसदी सीटों पर युवा प्रवेश नहीं ले रहे हैं। आवेदन के बावजूद बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग की सीटें खाली रह जा रही हैं।

प्राविधिक शिक्षा परिषद के एक अफसर ने बताया कि सरकारी क्षेत्रों में रोजगार का अभाव है, जबकि अधिकतर निजी कंपनियों में भी 15000 से अधिक मासिक का वेतन नहीं मिलता है। तीन साल की इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बावजूद रोजगार न मिलने से निराश युवाओं को देखकर अन्य अभ्यर्थी भी पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेने में इच्छा जाहिर नहीं कर रहे हैं। 


इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बावजूद नहीं मिल रहा रोजगार

लखनऊ के राजकीय व अनुदानित पॉलीटेक्निक में इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश की क्षमता 2000 से अधिक है। इनमें हर साल 1200 के करीब अभ्यर्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करते हैं, लेकिन महज 400 से 450 को ही अलग-अलग कंपनियों में रोजगार मिल पाता है। इनमें भी योग्यता के अनुसार वेतन न मिलने से युवाक बीच में ही नौकरी छोड़ देते हैं।


पॉलीटेक्निक में रोजगार परक शिक्षा देने पर जोर

पॉलीटेक्निक के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को रोजगार परक बनाया जा रहा है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सामान्य जानकारी के साथ ही तकनीक व कौशल परक शिक्षा मिले, इसके आधार पर पाठ्यक्रमों में बदलाव की तैयारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर पॉलिटेक्निक में बदलाव हुए हैं। यहां प्रयोगात्मक पढ़ाई में सुधार हुआ है, साथ ही युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। –विजय पाल सिंह, संयुक्त निदेशक, प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ क्षेत्र


0 comments:

Post a Comment