बड़ी परीक्षाओं के लिए चुनौती बन रही केंद्र निर्धारण नीति, TGT–PGT परीक्षा के लिए दो हजार से अधिक केंद्रों की पड़ेगी जरूरत
अधिक संख्या में परीक्षार्थियों के लिए पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पा रहे केंद्र
प्रयागराज। बड़ी परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण नीति चुनौती बन गई है। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पिछले साल पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा टालनी पड़ी थी। वहीं, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को भी अपनी दो परीक्षाएं टालनी पड़ीं।
काफी मशक्कत के बाद केंद्रों की व्यवस्था होने पर शिक्षा सेवा चयन आयोग अब 16 और 17 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा कराएगा। इससे पहले यह परीक्षा एक बार टल चुकी है। वहीं, आयोग ने 14 और 15 मई को प्रस्तावित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती परीक्षा के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर केंद्रों की सूची मांगी है। प्रत्येक जिले में कम से कम 30 केंद्रों की सूची मांगी गई है। टीजीटी परीक्षा भी एक बार टाली जा चुकी है।
इस परीक्षा के लिए 8.19 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं और इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा कराने के लिए आयोग को 2,000 से अधिक केंद्रों की जरूरत है। नई केंद्र निर्धारण नीति में निजी स्कूलों को केंद्र बनाए जाने पर रोक है। ऐसे में पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था कर पाना बड़ी चुनौती है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 27 जुलाई को प्रस्तावित आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर परीक्षा केंद्रों की सूची मांगी है।
आयोग ने अपनी परीक्षाओं के लिए सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को भी केंद्रों की लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए 10.70 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं और एक दिन में यह परीक्षा कराने के लिए लोक सेवा आयोग को प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाने होंगे। सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को केंद्रों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद ही इस परीक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था हो सकेगी और यह तभी हो सकेगा, जब केंद्र निर्धारण के नियम शिथिल किए जाएं।
बढ़ता जा रहा बड़ी परीक्षाओं के लिए नियमों को शिथिल करने का दबाव, TGT–PGT के लिए भी केंद्रों की व्यवस्था कर पाना चुनौती
प्रयागराज। परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए शासन पर केंद्र का दबाव बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में तीन बड़ी परीक्षाएं होने जा रही हैं। इनमें आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 के साथ सहायक अध्यापक (टीजीटी) व प्रवक्ता (पीजीटी) की परीक्षाएं शामिल हैं।
27 जुलाई को प्रस्तावित आरओ/एआरओ प्रांरभिक परीक्षा के लिए 10.70 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं और इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की एक दिन में परीक्षा करा पाना बड़ी चुनौती होगी। आयोग ने केंद्र निर्धारण के लिए जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में सीबीएसई व आईसीएसई के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए सहमति पत्र मांगे हैं।
वहीं, जून-2024 को शासन से जारी गाइडलाइन में निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। ऐसे में केंद्र निर्धारण के नियमों को शिथिल किए जाने के बाद ही सीबीएसई व आईसीएसई स्कूलों को परीक्षा केंद्रों की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। आयोग को आरओ/एआरओ सभी जिलों में दो हजार से अधिक केंद्रों की जरूरत है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग मई व जून में क्रमशः टीजीटी व पीजीटी भर्ती के लिए परीक्षा कराने जा रहा है। 14 व 15 मई को प्रस्तावित टीजीटी परीक्षा के लिए 8.19 लाख और 20 व 21 जून को प्रस्तावित पीजीटी परीक्षा के लिए 4.50 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। इन अभ्यर्थियों के लिए भी पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था के लिए केंद्र निर्धारण के नियम शिथिल किए जा सकते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर के बाद TGT PGT की तैयारी में जुटेगा शिक्षा सेवा चयन आयोग
टीजीटी/पीजीटी परीक्षा में पंजीकृत 13.19 लाख अभ्यर्थियों के लिए सभी जिलों में बनाने होंगे केंद्र
मई व जून में परीक्षा प्रस्तावित, केंद्र निर्धारण की नई नीति के तहत आयोग ने मांगी केंद्रों की सूची
टीजीटी के लिए हर जिले से मांगी न्यूनतम 30 केंद्रों की सूची
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 16 व 17 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। इसके बाद आयोग के अफसर सहायक अध्यापक (टीजीटी)/ प्रवक्ता (पीजीटी) की भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटेंगे, जिसके लिए 13.19 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
आयोग ने टीजीटी परीक्षा के लिए जिलाधिकारियों से केंद्रों की सूची मांगी है। टीजीटी पीजीटी के 4,163 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अगस्त-2022 में पूरी हो चुकी है और अभ्यर्थी ढाई साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद पिछले दिनों आयोग ने परीक्षा तिथि घोषित की।
टीजीटी के 3,369 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 14 व 15 मई को प्रस्तावित है, जिसके लिए 8.69 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। वहीं, पीजीटी के 794 पदों के लिए 20 व 21 जून को परीक्षा कराई जानी है, जिसके लिए 4.5 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। पीजीटी के मुकाबले टीजीटी के लिए दोगुनी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं और केंद्र निर्धारण की नई नीति के तहत आयोग के सामने दो दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था कर पाना बड़ी चुनौती होगी।
फिलहाल, शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद 16 व 17 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए पहली बड़ी परीक्षा कराने जा रहा है। इसमें 85 हजार अभ्यर्थियों को शामिल होना है। यह परीक्षा पूरी होने के बाद आयोग के अफसर टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तैयारी में जुट जाएंगे।
टीजीटी-पीजीटी में परीक्षार्थियों की संख्या काफी अधिक होगी। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में केंद्र बनाने होंगे, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। साथ ही परीक्षा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी और आयोग को एक कंट्रोल रूम भी स्थापित करना होगा।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने 14 व 15 मई को प्रस्तावित टीजीटी परीक्षा के लिए सभी जिलों से कम से कम 30 परीक्षा केंद्रों की सूची मांगी है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक की ओर से सभी जिलाधिकारियों कि को इस बाबत मंगलवार को पत्र लिखकर कहा गया है कि टीजीटी की परीक्षा 14 व 15 मई को दो-दो पालियों में होगी। पूर्व में भी जनपदों से परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। परीक्षा नियंत्रक ने केंद्र निर्धारण की नई नीति के अनुरूप अपने जनपद से कम से कम 30 परीक्षा केंद्रों की सूची निर्धारित प्रारूप पर (हार्डकॉपी व सॉफ्टकापी) 18 अप्रैल तक आयोग की ई-मेल आईडी upmsscball@gmail.com पर या परीक्षा नियंत्रक (नाम से) को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
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