चयनितों को नियुक्ति का पूर्ण अधिकार नहीं, पर नियोक्ता भी नहीं कर सकता मनमानी – हाईकोर्ट, टीजीटी-2013 मामले में की अहम टिप्पणी, एकलपीठ के आदेश पर चल रही सुनवाई
रिक्तियों की करने पर मांगा संख्या कम हलफनामा अगली सुनवाई 15 मई
27 अप्रैल 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यह स्थापित कानून है कि चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति का पूर्ण अधिकार नहीं है, लेकिन नियोक्ता भी मनमानी नहीं कर सकता। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि वह हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट कारण बताएं कि विज्ञापित पदों के सापेक्ष रिक्तियों की संख्या कम क्यों की गई।
यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने मेरठ के राजीव कुमार और अन्य की विशेष अपील पर दिया है। मामले की 2025 को होगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी-2013 भर्ती के लिए 5,723 पदों पर विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद विज्ञापित पदों की संख्या घटाकर अंतिम परिणाम घोषित किया। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की है।
टीजीटी-2013 मामले में की अहम टिप्पणी एकलपीठ के आदेश पर चल रही सुनवाई
कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड ने 2019 में 1,167 चयनित उम्मीदवारों को बिना विद्यालय आवंटित किए ही अवशेष पैनल जारी किया, लेकिन इनको नियुक्ति नहीं दी। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिकाएं दाखिल की थीं। एकल न्यायाधीश ने याचिकाओं को खारिज कर दिया था। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ उम्मीदवारों ने विशेष अपील दाखिल की, जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रही है।
टीजीटी 2013 के चयनित अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के आदेश को दी चुनौती, इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की है विशेष अपील, सात अप्रैल को होगी सुनवाई
लगभग 360 चयनित उम्मीदवारों को नहीं मिला था नियुक्ति पत्र, एकलपीठ ने खारिज की थी याचिका
05 अप्रैल 2025
प्रयागराज। टीजीटी 2013 के चयनित अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अपील दाखिल की है। मेरठ के राजीव कुमार, अलीगढ़ के पंकज कुमार, केस तीन शशिपाल, ललित, बलिया से गौतमबुद्ध, प्रयागराज से सत्य प्रकाश गौतम और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ सुनवाई कर रही है, जिसमें सात अप्रैल की डेट लगी है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद विज्ञापित पदों की संख्या घटाकर अंतिम परिणाम घोषित किया गया। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया।
इसमें लगभग 360 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की। एकलपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि लंबे समय तक भर्ती प्रक्रिया को खुला रखना और अब नियुक्ति का निर्देश देना न्याय का उपहास है। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने विशेष अपील दाखिल की है।
मात्र चयन हो जाने से नियुक्ति का अधिकार प्राप्त नहीं होताः हाईकोर्ट, टीजीटी 2013 भर्ती मामले में अवशेष पैनल के चयनितों की याचिका खारिज
07 मार्च 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मात्र चयन हो जाने से किसी को भर्ती का अधिकार नहीं मिल जाता। भर्ती प्रक्रिया के लिए एक समय सीमा तय होनी चाहिए। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने नियुक्ति पत्र न पाने वाले अवशेष पैनल में चयनित उम्मीदवारों की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी।
टीजीटी भर्ती-2013 में यह आदेश सौरभ श्याम शमशेरी ने गोरखपुर के गौरव कुमार, अलीगढ़ के पंकज कुमार और 57 अन्य की याचिका पर दिया। याचियों का कहना था कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापित पदों की संख्या घटाकर अंतिम परिणाम घोषित किया गया।
इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें लगभग 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई, लेकिन लगभग 307 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। इसके खिलाफ ही उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की।
याची के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि याची चयन बोर्ड की ओर से निकाले गए अवशेष पैनल में चयनित उम्मीदवार हैं। ऐसे में चयन बोर्ड को याचियों को नियुक्ति पत्र देना चाहिए। प्रतिवादी वकीलों ने दलील दी कि पदों की संख्या सत्यापित नहीं की गई थी और गलत तरीके से रिक्तियों की सूची में याचियों का नाम डाल दिया गया था।
कोर्ट ने कहा कि अब इस भर्ती प्रक्रिया को शुरू किए सालों बीत चुके हैं। इतने लंबे समय तक भर्ती प्रक्रिया को खुला रखना और अब नियुक्ति का निर्देश देना न्याय का उपहास होगा। कोर्ट ने पूर्व में हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी।
TGT 2013: कॉलेजवार नियुक्तियों रिक्तियों की हाईकोर्ट ने मांगी जानकारी
अमरोहा निवासी की याचिका पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से मांगा जवाब
06 जनवरी 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों से टीजीटी-2013 के विज्ञापित पदों की संख्या व विद्यालय के अनुसार नियुक्तियों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने नौ जनवरी को अंतिम सुनवाई की तिथि लगाते हुए कहा कि अब कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने अमरोहा के गौरव कुमार की याचिका पर दिया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित 1019 उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई, लेकिन 307 वंचित रह गए। इसके खिलाफ ही उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की है।
पूर्व के ऑर्डर में कोर्ट ने नोटिस जारी कर शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा था कि बताएं चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई। इस पर उन्होंने कोर्ट को बताया था कि याची की नियुक्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। नियुक्ति की कार्रवाही शुरू करना यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज का काम है।
टीजीटीः निदेशक ने चयन आयोग के पाले में डाली गेंद
25 दिसंबर 2024
प्रयागराज । टीजीटी 2013 के अवशेष पैनल के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने गेंद चयन बोर्ड के पाले में डाल दी है। निदेशक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर कहा कि चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की कार्यवाही शुरू करना यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज का काम है। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
इस पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को निदेशक के हलफनामे का जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने गौरव कुमार की याचिका पर दिया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की ओर से टीजीटी 2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें लगभग 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई।
नियुक्ति करना उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का काम, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर रखा अपना पक्ष
24 दिसम्बर 2024
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर दिया। उन्होंने कहा कि चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की कार्यवाही शुरू करना उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज का काम है। इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। याची अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने अमरोहा निवासी गौरव कुमार की याचिका पर दिया है। उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज ने टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया था। उसमें में 860 को नियुक्ति दे दी गई, जबकि 307 उम्मीदवार वंचित रह गए। इसके खिलाफ उन्होंने याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने चार दिसंबर को नोटिस जारी कर शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा था कि बताएं चयनितों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई। इसी के अनुपालन में शिक्षा निदेशक ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। कहा, नियुक्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी।
शिक्षा निदेशक बताएं, क्यों नहीं दी चयनितों को नियुक्ति : हाईकोर्ट, TGT-2013 के अवशेष पैनल के चयनितों ने कोर्ट में दाखिल की याचिका
07 दिसंबर 2024
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक उत्तर प्रदेश बताएं कि चयनितों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई है। इस संबंध में 16 दिसंबर तक निदेशक हलफनामा दाखिल कर जवाब दें नहीं तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने प्रदीप सिंह समेत 16 व गौरव कुमार की याचिका पर दिया है।
याची प्रदीप व गौरव ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज ने टीजीटी-2013 भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापित पदों की संख्या घटाकर अंतिम परिणाम घोषित किया गया। इसके खिलाफ उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की। न्यायालय के आदेश पर चयन बोर्ड ने वर्ष 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया। इसमें 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति मिली, जबकि 307 वंचित रह गए। इसके खिलाफ ही उम्मीदवारों ने याचिका दाखिल की है।
गौरव कुमार की याचिका में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अधिवक्ता तनुज साही ने न्यायालय को बताया कि चयनितों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई, इसका जवाब देने के लिए शिक्षा निदेशक सक्षम प्राधिकारी हैं। रिट-ए 839/2023 में एक बहुत विस्तृत आदेश पारित किया गया था, लेकिन शिक्षा निदेशक ने कोई जवाब नहीं दिया।
कोर्ट ने कहा कि याचियों का चयन वर्ष 2019 में सहायक अध्यापक, एलटी ग्रेड के पद पर किया, लेकिन नियुक्ति दी। इस पर नोटिस जारी कर शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा है। साथ ही रजिस्ट्रार (अनुपालन) को आदेश दिया कि 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के माध्यम से शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उत्तर प्रदेश को सूचित किया जाए।
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