10 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी 2000 से अधिक परीक्षा केंद्रों में 27 जुलाई को देंगे समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा
जिलों में बनेंगे दो हजार 75 से अधिक परीक्षा केंद्र
मुख्यमंत्री ने दिए परीक्षा की निष्पक्षता, पारदर्शिता व सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश
28 अप्रैल 2025
लखनऊः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 27 जुलाई को अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। इस परीक्षा में दस लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश पर परीक्षा की निष्पक्षता, पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। प्रदेश के 75 जिलों में दो हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं।
आयोग की वर्ष 2023 की विज्ञापित प्रारंभिक परीक्षा 11 फरवरी 2024 को हुई थी, लेकिन पेपर लीक होने की खबरों के कारण इसे रद कर दिया गया। अब यह परीक्षा दोबारा कराई जा रही है। परीक्षा में कोई चूक न हो, इसे देखते हुए परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और तकनीकी शिक्षा अधिकारी को शामिल किया गया है।
केंद्रों का चयन दो श्रेणियों में किया जा रहा है। श्रेणी 'ए' में राजकीय या सहायताप्राप्त उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, पालिटेक्निक संस्थान और राजकीय मेडिकल कालेज सम्मिलित किए जाएंगे। वहीं श्रेणी 'बी' में पूर्व से परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठित निजी संस्थानों का चयन किया जाएगा।
परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या कोषागार से 10 किलोमीटर के दायरे में और मुख्यतः नगरीय इलाकों में बनाए जा रहे रिपोर्ट के अनुसार, 1,750 केंद्रों पर 7,63,532 अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था हो चुकी है, जबकि शेष 3,12,472 परीक्षार्थियों के लिए नए केंद्र चिन्हित किए जा रहे हैं। 2,242 केंद्रों पर 480-480 और 2,803 केंद्रों पर 384-384 अभ्यर्थियों के बैठने की क्षमता तय की गई है।
एक पाली में अधिकतम पांच लाख अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। आवश्यकता होने पर परीक्षा दो पालियों में कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल, सीसीटीवी कैमरे, फ्लाइंग स्क्वाड और गोपनीय जांच टीमें तैनात रहेंगी। केंद्रों के आसपास निषेधाज्ञा लागू होगी और किसी भी गड़बड़ी पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
RO-ARO प्री दूसरे बोर्ड के स्कूलों में भी कराने का प्रस्ताव
02 अप्रैल 2025
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-2023 की प्रारंभिक परीक्षा 27 जुलाई को सभी 75 जिलों में प्रस्तावित है। प्री परीक्षा का केंद्र सीबीएसई और आईसीएसई के स्कूल भी बनाए जाएंगे। इस आशय का प्रस्ताव आयोग ने शासन को भेजा है।
पेपर लीक के बाद शासन ने परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में सख्ती बरती, जिसमें निजी स्कूलों को परीक्षा से दूर रखने का जिक्र किया गया है। आरओ-एआरओ की परीक्षा एक दिन में परीक्षा कराने के निर्णय के बाद आयोग के सामने परीक्षा केंद्र की चुनौती बनी हुई है। 10,76,004 अभ्यर्थियों की परीक्षा को एक दिन में कराने के लिए ज्यादा केंद्रों की जरूरत पड़ रही है। 441 पदों की परीक्षा में 10,76,004 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं, जो पीसीएस-प्रारंभिक परीक्षा- 24 से दोगुनी है।
RO/ARO परीक्षा में भी गृह जनपद में नहीं मिलेंगे केंद्र, महिला अभ्यर्थियों को मंडल के अंदर किसी दूसरे जिले में मिलेंगे केंद्र
पीसीएस-2024 की तरह आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में भी अपनाई जाएगी प्रक्रिया
प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में अभ्यर्थियों को गृह जनपद में परीक्षा केंद्र नहीं मिलेंगे। पीसीएस प्री-2024 की तरह इस परीक्षा में भी पुरुष अभ्यर्थियों के मंडल से बाहर व महिला अभ्यर्थियों को मंडल के अंदर किसी दूसरे जिले में केंद्र आवंटित किए जाएंगे।
पूर्व की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को गृह जनपद में केंद्र आवंटित कर दिए जाते थे, लेकिन 11 फरवरी, 2024 को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक प्रकरण के बाद केंद्र निर्धारण के साथ केंद्र आवंटन की नीति में भी परिवर्तन कर दिया गया। 22 दिसंबर, 2024 को हुई पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 में अभ्यर्थियों को नई नीति के तहत ही केंद्र आवंटित किए गए।
नई नीति के तहत पुरुष अभ्यर्थियों को गृह जनपद से इतर मंडल के बाहर किसी दूसरे जिले और महिला अभ्यर्थियों को मंडल अंदर गृह जनपद से इतर किसी दूसरे जिले में केंद्र आवंटन के नियम निर्धारित किए गए हैं।
आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। आयोग के इतिहास में किसी भी परीक्षा के लिए इतनी बड़ी संख्या में पहली बार आवेदन आए हैं।
11 फरवरी, 2024 को यह परीक्षा प्रदेश के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। उस वक्त पेपर लीक के कारण निरस्त हुई। परीक्षा अब दोबारा 27 जुलाई को होगी। इस बार भी प्रारंभिक परीक्षा के लिए दो हजार से अधिक केंद्रों की जरूरत पड़ेगी। केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग केंद्र आवंटन की प्रक्रिया शुरू करेगा।
करने होंगे अतिरिक्त इंतजाम
11 फरवरी, 2024 को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में दोनों पालियों के प्रश्नपत्र लीक होने के कारण निरस्त की गई परीक्षा के पुनः आयोजन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे। पिछली बार यह परीक्षा प्रदेश के 58 जिलों में हुई थी, लेकिन 27 जुलाई को यह प्रदेश के सभी जिलों में होगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग व शासन को इस बार प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने होंगे।
आरओ/एआरओ प्री कराने के लिए दो हजार से अधिक केंद्रों की होगी जरूरत, केंद्र निर्धारण को जल्द ही अंतिम रूप देने जा रहा है आयोग
पिछली बार प्रदेश के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी प्रारंभिक परीक्षा
केंद्र निर्धारण नीति का पालन करते हुए केंद्रों की व्यवस्था कर पाना चुनौती
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 एक दिन में कराने की घोषणा तो कर दी है लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। इस परीक्षा के लिए आयोग को दो हजार से अधिक केंद्रों की जरूरत पड़ेगी।
केंद्र निर्धारण नीति सख्त होने के कारण आयोग के सामने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए भी केंद्रों का इंतजाम कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण रहा। हालांकि, बाद में आयोग ने यह परीक्षा सभी जिलों में कराने का निर्णय लिया और विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया, तब जाकर इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 1331 केंद्रों की व्यवस्था की जा सकी थी।
22 दिसंबर 2024 को हुई इस परीक्षा की सफलता के बाद आयोग ने आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 को भी एक दिन में कराने का निर्णय लिया है, जो 27 जुलाई को प्रस्तावित है। यह परीक्षा भी प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित कराए जाने की तैयारी है। इससे पूर्व यह परीक्षा 11 फरवरी 2024 को हुई थी, जिसके लिए 2387 केंद्र बनाए गए थे लेकिन पेपर आउट हो जाने के कारण परीक्षा निरस्त कर दी गई थी।
आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत है, जिनकी संख्या पीसीएस प्री के परीक्षार्थियों के मुकाबले काफी अधिक है। ऐसे में आयोग को आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए कम से कम दो हजार केंद्रों की व्यवस्था करनी होगी। हालांकि, आयोग ने इसके लिए कुछ माह पहले ही कवायद शुरू कर दी थी और आयोग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर केंद्र आवंटन के लिए सहमति पत्र मांगे गए थे।
आयोग के सूत्रों का कहना है कि केंद्र निर्धारण की नई नीति का पालन करते हुए यह परीक्षा एक दिन में तभी कराई जा सकती है, जब इस परीक्षा के लिए सरकारी व एडेड विद्यालयों के साथ विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। फिलहाल आयोग जल्द ही केंद्र निर्धारण को अंतिम रूप देने जा रहा है।
RO/ARO: पाठ्यक्रम पुराना पर परीक्षा योजना में बदलाव से रिवीजन का मौका नहीं
आरओ/एआरओ-प्री में एक ही सत्र में होगी सामान्य अध्ययन व हिंदी की परीक्षा
पहले दो सत्रों की परीक्षाओं के बीच अभ्यर्थियों को तीन घंटे का मिलता था समय
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा (आरओ)/ सहायक अधिकारी समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 एक दिन और एक सत्र में कराने का निर्णय लिया है। पहले यह परीक्षा एक दिन व दो सत्रों में होती थी।
एक सत्र में परीक्षा कराने पर पाठ्यक्रम में तो कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन अभ्यर्थियों के लिए तैयारी कठिन होगी। पहले दो सत्रों की परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को दूसरे सत्र की परीक्षा के पाठ्यक्रम के रिवीजन का मौका मिल जाता था, लेकिन अब दोनों सत्रों के प्रश्नपत्रों की परीक्षा एक साथ होगी।
आयोग की ओर से परीक्षा योजना में परिवर्तन करते हुए पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि नई व्यवस्था में प्रारंभिक परीक्षा में अब केवल एक ही प्रश्नपत्र होगा। परीक्षा तीन घंटे की होगी और एक ही पेपर में सामान्य अध्ययन एवं सामान्य हिंदी के प्रश्न शामिल होंगे। प्रश्नपत्र का नाम 'सामान्य अध्ययन एवं सामान्य हिंदी (सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण)' होगा और इसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। पेपर में 200 प्रश्न होंगे, जिनमें 140 प्रश्न सामान्य अध्ययन और 60 प्रश्न सामान्य हिंदी के होंगे।
प्रश्नपत्र 200 अंकों का होगा और हर प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित होगा। अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए तीन घंटे का वक्त मिलेगा। बदलाव से पहले भी परीक्षा 200 अंकों की होती थी, लेकिन लेकिन दो सत्रों में दो अलग-अलग प्रश्नपत्रों की परीक्षा होती थी। दोनों ही प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के थे। पहला पेपर सामान्य अध्ययन का 140 अंकों का था, जिसे हल करने के लिए दो घंटे का वक्त मिलता था। इसमें 140 प्रश्न शामिल होते थे। दूसरा पेपर सामान्य हिंदी का होता था, जिसमें सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण से संबंधित 60 प्रश्न पूछे जाते थे।
दूसरा प्रश्नपत्र 60 अंकों का होता था और इसे हल करने के लिए एक घंटे का वक्त मिलता था। पहले यह परीक्षा दो सत्रों में परीक्षा सुबह 9:30 से 11:30 बजे और अपराह्न 2:30 से प 3:30 बजे तक होती थी। ऐसे में अभ्यर्थियों को दूसरे सत्र की परीक्षा के विषय सामान्य हिंदी के रिवीजन के लिए तीन घंटे का वक्त मिल जाता था, लेकिन अब दोनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा एक साथ होने से रिवीजन का मौका नहीं मिल सकेगा।
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व निगरानी होगी आसान
आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए रिकॉर्ड संख्या में 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इन सभी की एक ही पाली में परीक्षा कराने से अब प्रश्नपत्रों की सुरक्षा भी आसान होगी। आयोग और प्रशासनिक तंत्र को प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व निगरानी के लिए दो की जगह केवल एक सत्र में आवश्यक व्यवस्थाएं करनी होंगी। 11 फरवरी 2024 को हुई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में दोनों पालियों की परीक्षा में सामान्य अध्ययन एवं हिंदी के पेपर लीक होने के मामले सामने आए थे।
RO / ARO प्री अब एक दिन, एक पाली में, परीक्षा 27 जुलाई को प्रदेश के सभी 75 जिलों में होगी, देखें विज्ञप्ति
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 को एक दिन व एक सत्र में कराने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा 27 जुलाई को प्रदेश के सभी 75 जिलों में होगी। इस निर्णय से प्रतियोगी छात्रों की जीत मिली है। छात्र परीक्षा को दो दिन में कराने का विरोध कर रहे थे।
आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय की ओर जारी सूचना के अनुसार आरओ-एआरओ की प्री परीक्षा 27 जुलाई को सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक होगी। आरओ-एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
प्रयागराज। अभ्यर्थियों का आंदोलन रंग लाया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 को एक दिन व एक सत्र में कराने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा 27 जुलाई को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आयोजित की जाएगी।
यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा एक सत्र में सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। आरओ/एआरओ के 441 पदों पर भर्ती के लिए 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इससे पूर्व 11 फरवरी 2024 को हुई प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक होने के कारण निरस्त कर दी गई थी। यह परीक्षा दोबारा 22 व 23 दिसंबर-2024 को प्रस्तावित की गई थी।
पेपर लीक के कारण केंद्र निर्धारण के नियम सख्त कर दिए जाने से आयोग को एक दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल रहे थे, सो आयोग ने यह परीक्षा दो दिन व तीन पालियों में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरुद्ध नवंबर-2024 में आयोग के गेट पर एक सप्ताह तक हजारों अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया था। अभ्यर्थी चाहते थे कि परीक्षा पूर्व की भांति एक दिन में ही पूरी कराई जाए।
अभ्यर्थियों की आपत्ति थी कि अगर परीक्षा दो दिन में कराई गई तो नॉर्मलाइनजेश (मानकीकरण) की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और इसकी वजह से परिणाम प्रभावित होगा। आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद जब अभ्यर्थी नहीं माने तो परीक्षा को टालते हुए आयोग ने एक कमेटी का गठन कर दिया और कमेटी की रिपोर्ट व परीक्षा पर निर्णय आने तक अभ्यर्थियों को आंदोलन समाप्त करने के लिए मना लिया। आयोग अब एक दिन में परीक्षा कराने जा रहा है और अभ्यर्थी इसे अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं।
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