उत्तरकुंजी जारी न करने पर उठे सवाल, क्या छिपा रहा आयोग, अभ्यर्थियों को पता ही नहीं कि आपत्तियों का निस्तारण हुआ या नहीं
पहले प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के साथ जारी होती थी अंतिम उत्तरकुंजी, अब चयन के बाद
प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 की उत्तरकुंजी जारी न करके उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) चौतरफा घिर गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आयोग से पूछा है कि संशोधित उत्तरकुंजी जारी की या नहीं। सवाल उठ रहे हैं कि संशोधित उत्तरकुंजी में ऐसा क्या है, जो आयोग छिपा रहा है।
पीसीएस-2018 से पहले - आमतौर पर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के साथ ही संशोधित उत्तरकुंजी जारी कर दी जाती थी, लेकिन 2018 से इसमें बदलाव हुआ। अब अंतिम चयन परिणाम - घोषित होने के बाद संशोधित (अंतिम) उत्तरकुंजी जारी की जाने लगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में बदलाव से अभ्यर्थियों को नुकसान, लेकिन आयोग को राहत मिली।
पहले पीसीएस प्री के रिजल्ट के साथ संशोधित उत्तरकुंजी जारी होने पर आपत्तियों के निस्तारण से असंतुष्ट अभ्यर्थी कोर्ट चले जाते थे। वहीं, कुछ मामलों में आयोग को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम भी संशोधित करना पड़ा था। आयोग ने जब व्यवस्था बदलते हुए अंतिम चयन परिणाम घोषित होने के बाद संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने की प्रक्रिया शुरू की तो अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय इस मामले में सीएम व आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग कर चुके हैं कि पूर्व की भांति प्रांरभिक परीक्षा के परिणाम के साथ ही संशोधित उत्तरकुंजी जारी की जाए। प्रशांत व अन्य प्रतियोगियों ने सवाल उठाए हैं कि जब प्रारंभिक परीक्षा के बाद 15 दिनों के अंदर अनंतिम उत्तरकुंजी जारी कर आपत्तियां मांग ली जा रही हैं तो संशोधित उत्तरकुंजी जारी करने में विलंब क्यों?
आपत्तियों के निस्तारण के बाद जारी होता है रिजल्ट
अनंतिम उत्तरकुंजी पर आने वाली आपत्तियों के निस्तारण के बाद प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित करने का प्रावधान है। आयोग प्रारंभिक परीक्षा के बाद दो-तीन माह में रिजल्ट तो घोषित कर दे रहा है, लेकिन उत्तरकुंजी जारी नहीं कर रहा है।
अभ्यर्थियों का सवाल है कि जिस संशोधित उत्तरकुंजी के आधार पर रिजल्ट जारी किया जा रहा है, उस उत्तरकुंजी को जारी करने से आयोग क्यों कतरा रहा है?
समय से जारी हो उत्तरकुंजी तो बेहतर होगा मूल्यांकन
अगर आयोग समय से संशोधित उत्तरकुंजी जारी कर दे तो अभ्यर्थियों को भी पता चला जाएगा कि उनकी आपत्तियों का निस्तारण हुआ या नहीं और हुआ तो वह कितना सही है। संशोधित उत्तरकुंजी देखकर ही अभ्यर्थी अपना मूल्यांकन करते हैं, ताकि अगली परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से की जा सके। अभ्यर्थियों का दावा है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 में एक दर्जन सवाल गलत पूछे गए थे।
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