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Sunday, April 21, 2024

UGC का निर्णय : विद्यार्थी को लाने होंगे 75% अंक, अब चार वर्षीय स्नातक सीधे कर सकेंगे NET और PhD

UGC का निर्णय : विद्यार्थी को लाने होंगे 75% अंक, अब चार वर्षीय स्नातक सीधे कर सकेंगे NET और PhD

चार वर्षीय स्नातक के बाद किसी भी विषय से कर सकेंगे पीएचडी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में भी शामिल हो सकेंगे

● चुनिंदा श्रेणी के छात्रों को 5% छूट मिल सकती है


नई दिल्ली : चार वर्षीय स्नातक के बाद छात्र अब सीधे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में शामिल हो सकेंगे, इसके साथ ही वह पीएचडी भी कर सकेंगे। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी।

जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए अभ्यर्थियों को अपने चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड की आवश्यकता होगी। अब तक, नेट के लिए अभ्यर्थी को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता होती थी।

यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि उम्मीदवार जिस भी विषय में पीएचडी करना चाहते हैं, उसमें करने की अनुमति होगी, भले ही उन्होंने किसी भी विषय में चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्राप्त की हो। उन्होंने ने कहा कि चार साल या आठ सेमेस्टर के स्नातक डिग्री कार्यक्रम में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के पास न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड होना चाहिए।

जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णय के अनुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कुछ अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत अंक या समकक्ष छूट दी जा सकती है।


UGC का निर्णय : विद्यार्थी को लाने होंगे 75% अंक, अब चार वर्षीय स्नातक सीधे कर सकेंगे NET और PhD 

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि अब चार साल की स्नातक डिग्री वाले छात्र सीधे नेट व पीएचडी कर सकते हैं। जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए उम्मीदवारों को स्नातक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड की आवश्यकता होगी। अब तक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के लिए उम्मीदवार को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर डिग्री की आवश्यकता होती थी। जगदीश कुमार ने बताया कि चार साल की स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवारों को उस विषय में नेट करने की अनुमति मिलेगी, जिसमें वे पीएचडी करना चाहते हैं।

■ यूजीसी के निर्णय के अनुसार एससी, एसटी, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड की छूट मिलेगी। 


चार वर्षीय यूजी कोर्स में 75% अंक पर सीधे पीएचडी में दाखिला

नई दिल्ली : चार वर्षीय स्नातक कोर्स कर रहे या फिर करने जा रहे विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब वह इस कोर्स को करने के बाद सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकेंगे और यूजीसी नेट के लिए आवेदन भी कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए अब परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि पीएचडी में दाखिले के लिए उन्हें चार वर्षीय स्नातक कोर्स में कम से कम 75 प्रतिशत अंक या फिर उसके समकक्ष ग्रेड हासिल करना होगा।


यूजीसी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शुरू किए गए चार वर्षीय स्नातक कोर्सों की ओर विद्यार्थियों के रुझान को बढ़ाने के लिए यह अहम कदम उठाए हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के अनुसार यह व्यवस्था इसी वर्ष से लागू हो जाएगी। इस दौरान एससी, एसटी, ओबीसी (नान-क्रीमी लेयर), दिव्यांगजनों और ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों को पीएचडी के दाखिले में पांच प्रतिशत या उसके समकक्ष ग्रेड की छूट भी मिलेगी। 


इसके साथ चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे यूजीसी नेट के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। इनमें ऐसे छात्र भी आवेदन कर सकेंगे जोकि चार वर्षीय स्नातक कोर्स के अंतिम वर्ष में होंगे। आयोग ने इसके साथ ही चार वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले छात्रों को एक और बड़ी राहत दी है। नेट के लिए उन्हें विषयों की बाध्यता से छूट दे दी है। यानी अब वह कोई भी विषय चुन सकेंगे। उनके लिए अब इसकी अनिवार्यता नहीं होगी कि स्नातक में उन्होंने जो विषय पढ़े हैं, उनका ही चयन करना है।

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