Searching...
Monday, April 29, 2024

APS परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी न होने पर उठे सवाल, RTI दाखिल करने के माह भर बाद भी आयोग से नहीं मिला जवाब

APS परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी न होने पर उठे सवाल, RTI दाखिल करने के माह भर बाद भी आयोग से नहीं मिला जवाब

दावा, पहले चरण की परीक्षा में पूछे गए थे कई गलत सवाल


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएसी) ने अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2023 के तहत पहले चरण की परीक्षा का परिणाम तो जारी कर दिया लेकिन उत्तरकुंजी जारी नहीं की और न ही प्रश्नों पर अभ्यर्थियों से कोई आपत्ति मांगी। अभ्यर्थी सूचना के अधिकार के तहत आयोग से उत्तरकुंजी के बारे में जानकारी मांग रहे हैं लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिल रहा है।

अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा में कई गलत सवाल पूछे गए थे और अगर आयोग उत्तरकुंजी जारी कर देता है तो गलतियां सामने आ जाएंगी। आयोग ने एपीएस परीक्षा 2023 का विज्ञापन 19 सितंबर 2023 को जारी किया था। यह भर्ती दस साल बाद आई। इससे पहले वर्ष 2013 में विज्ञापन आया था लेकिन विवाद के कारण यह परीक्षा बीच में ही निरस्त कर दी गई।

उससे पहले वर्ष 2010 में विज्ञापन आया था, जिसके चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। इस हिसाब से एपीएस के पदों पर भर्ती हुए 14 साल बीत चुके हैं। आयोग ने एपीएस परीक्षा-2023 के तहत 311 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।

इस भर्ती के लिए तकरीबन एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। पहले चरण की परीक्षा सात जनवरी 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें बहुविकल्पीय प्रकार के 150 सवाल पूछे गए थे। इनमें 50 प्रश्न हिंदी, 50 प्रश्न कंप्यूटर और 50 प्रश्न सामान्य अध्ययन के शामिल थे।

आयोग ने चार मार्च 2024 को परीक्षा का परिणाम जारी किया, जिसमें द्वितीय चरण की परीक्षा के लिए 5889 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया। दूसरे चरण की परीक्षा (टाइप एवं शॉर्टहैंड) के लिए 14 मार्च से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। आयोग के कैलेंडर में दूसरे चरण की परीक्षा नौ अप्रैल 2024 से प्रस्तावित थी लेकिन आयोग ने परीक्षा स्थगित कर दी। नई परीक्षा तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। 

आयोग ने पहले चरण की परीक्षा की अनंतिम उत्तरकुंजी भी जारी नहीं की है। अमूमन परीक्षा के बाद आयोग अनंतिम उत्तरकुंजी जारी कर प्रश्नों पर आपत्ति मांगता है और इसके बाद परीक्षा का परिणाम जारी करता है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में कई गलत प्रश्न पूछे गए और उन्हें सही मानकर कुछ लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया। अभ्यर्थी चाहते हैं कि आयोग उत्तरकुंजी जारी करे।

एक अभ्यर्थी ने नौ मार्च को आरटीआई के माध्यम से आयोग से उत्तरकुंजी के बारे में आयोग से जानकारी मांगी थी। अभ्यर्थी ने आरटीआई के माध्यम से आयोग को बताया था कि परीक्षा में उसे 'ए' सीरीज की प्रश्न पुस्तिका मिली थी। आयोग ने जब जानकारी उपलब्ध नहीं कराई तो अभ्यर्थी ने नौ अप्रैल को अपील दाखिल की लेकिन अभी तक जानकारी नहीं मिली है।

एपीएस भर्ती के अभ्यर्थियों ने यह दावा भी किया है कि परीक्षा में जो केंद्र बनाए गए थे, उनमें से ज्यादातर केंद्र आरओ/आरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में भी शामिल किए गए थे। अभ्यर्थियों ने शासन को पत्र लिखकर मांग की है कि आरओ/एआरओ परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद एपीएस परीक्षा की भी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।



अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा 2013 की फिर शुरू हुई जांच-पड़ताल

सचिवालय प्रशासन, लोक सेवा आयोग के साथ पाठ्यक्रम, नियमावली पर आज करेगा चर्चा

शपथ पत्र पर आई शिकायतों के आधार पर फिर तेज हुई जांच की कवायद


लखनऊ। सचिवालय में लोक सेवा आयोग के माध्यम से हुई अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा-2013 को लेकर विवाद समाप्त नहीं हो रहा है। 12 लोगों के अलग-अलग शपथ पत्र पर हुई शिकायतों और कोर्ट में चल रहे मामले के क्रम में एक बार फिर कार्मिक विभाग, सचिवालय प्रशासन व लोक सेवा आयोग इस पर मंथन करेगा।


सचिवालय प्रशासन विभाग के अनुसचिव सुनील कुमार यादव ने सचिव लोक सेवा आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि इस परीक्षा के संदर्भ में चल रहे वाद, शिकायती पत्रों के क्रम में अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में 29 अप्रैल को बैठक आहूत की गई है। इसमें परीक्षा के पाठ्यक्रम, नियमावली व शपथ पत्र के बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा।


जानकारी के अनुसार इस भर्ती में नियुक्ति न पाने वाले लगभग एक दर्जन अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में गए हैं। वहीं उन्होंने सचिवालय प्रशासन में भी शपथ पत्र देकर यह मांग की है कि लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव (उत्तर प्रदेश सचिवालय) भर्ती 2013 में हुई धांधली की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही सरकार हाईकोर्ट इलाहाबाद में बेहतर पैरवी करे। 


हालांकि आवेदकों ने कहा है कि सचिवालय प्रशासन विभाग और लोक सेवा आयोग के अधिकारी भर्ती में हुई गड़बड़ी को संरक्षण दे रहे हैं। यही वजह है कि बैठक को सेवा नियमावली और परीक्षा पाठ्यक्रम तक सीमित रखा। जबकि चयन प्रक्रिया में की गई गड़बड़ी से संबंधित बिंदुओं पर बात नहीं हो रही है।

0 comments:

Post a Comment