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Friday, April 19, 2024

UPSC परीक्षा परिणाम में अंग्रेजी के शोर में दब गई हिंदी, हर साल की तरह हिंदी माध्यम से तैयारी करने वाले हुए निराश

UPSC परीक्षा परिणाम में अंग्रेजी के शोर में दब गई हिंदी, हर साल की तरह हिंदी माध्यम से तैयारी करने वाले हुए निराश


नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 2023 की सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों का बेशक इस वक्त शोर हर ओर है, लेकिन बीते साल की तरह इस बार भी इसमें हिंदी की आवाज गुम है। हिंदी माध्यम के सिर्फ चार फीसदी अभ्यथों ही कामयाब हो सके हैं। 1,016 सफल अभ्यर्थियों में से 45 ने हिंदी माध्यम से परीक्षा दी थी।

लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, 2015 और 2016 की परीक्षा में हिंदी मीडियम बप्लों की सफलता दर लगभग 4-5 प्रशित रही, जबकि 2017 और 2.जी परीक्षा में आंकड़ा 2-3 प्रतिशत के बीच पहुंच गया।

उधर, मुखर्जी नगर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करवाने वाले विशेषज्ञों ने 2023 के परीक्षा के नतीजों के आधार पर जो आकलन किया है, उसमें हिंदी माध्यम के सिर्फ 42-50 के बीच अभ्यर्थी ही सफल हो सके हैं, जबकि 2022 में इनकी संख्या 56 थी। इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वालों की संख्या में कमी आई है। 2021 में 24 अभ्यर्थी कामयाब हुए थे।


विशेषज्ञों का मानना है कि हिंदी माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में आई गिरावट की बड़ी वजह 2011 से सीसैट का लागू होना है। परीक्षा का सिलेबस बदलने के दो-तीन साल तक तो सी-सेंट के प्रश्न ज्यादा कठिन नहीं थे, अब यह कठिन होते जा रहे।


लोकप्रिय विषय नहीं पार करा पा रहे अभ्यर्थी

यूपीएससी के वैकल्पिक विषयों में समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान व इतिहास सबसे लोकप्रिय हैं। हिंदी प‌ट्टी के छात्र इन विषयों में काफी रुचि रखते हैं, लेकिन सफलता की दर मेडिकल साइंस, इंजीनियरिंग और लॉ विषयों में ज्यादा है।


टेक्नोक्रेट्स ही बनेंगे ब्यूरोक्रेट्स

इस साल भी यूपीएससी रिजल्ट ने साबित किया है कि टेक्नोक्रेट्स ही ब्यूरोक्रेट्स बनेंगे। चयनित अभ्यार्थियों में इंजीनियरिंग समेत दूसरी तकनीकी पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों का दबदबा है। टॉप 20 रैंक बालों में से इस बार सात आईआईटीयंस सहित कुल 13 इंजीनियरिंग वैक्रग्राउंड से हैं। 2022 में टॉप-20 में इनकी संख्या नौ थी। इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र, लॉ कैंपस, बीकॉम, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैथेमेटिक्स, फिजिक्स को वैकल्पिक विषय को को चुनकर भी रैंक रैंक हासिल किए हैं। ऐसे ऐसे में में इन इन टॉपरों के बीच जिनकी शिक्षा- दिखा उच्च तकनीकी व बेहतर यूनिवर्सिटी में हुई है तो अन्य हिंदी प‌ट्टी के छात्र कहा तक टिकेंगे।

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